मेरे बांके बिहारी लाल. . तू इतना ना करियो श्रृंगार. . .

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‘एक शाम बांके बिहारी के नाम’ में झूमे श्रद्धालू

निकुंज कामरा और आयुषी गंभीर ने भजनों की बहाई सरिता

अजमेर. भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव के तहत गंज जनकपुरी में रविवार को एक शाम बांके बिहारी के नाम भजन संध्या में श्रद्धालु देर शाम तक भजनों की सरिता में डूबते-उतराते रहे।

इससे पूर्व कथा वाचक हरीश चंद्र व्यास ने जगदीश महात्म्य में बताया कि रथयात्रा महोत्सव के समापन पर जगन्नाथ देव के मूल मंदिर में उल्टा रथ जाता है।
भजन संध्या में झूमे श्रद्धालु

जनकपुरी के पांडाल में आयोजित भजन संध्या में दिल्ली की भजन गायिका निकुंज कामरा और आयुषी गंभीर ने भजनों की प्रस्तुति दी। निकुंज कामरा ने मेरे बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार, फूलों में सज रहे मेरे वृंदावन बिहारी, हरि कब होगा मिलन तुम्हारा सहित कई भजन प्रस्तुत किए। इससे पूर्व गायक कलाकारों का मोतियों व इलाइची की माला से स्वागत किया गया। पंडित भरत शर्मा ने श्रृंगार व महाआरती के बाद अटका प्रसाद का भोग लगाया।

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