• last year
सुनेल (झालावाड़). पिछले करीब एक दशक से सरकार की ओर से स्कूलों में मुफ्त भेजी जाने वाली खेल की किताब नहीं पहुंच रही है। सीबीएसई में तो खेल को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल कर लिया है, लेकिन प्रदेश स्तर पर शिक्षा में खेल विषय का जिक्र तक नहीं है। यही वजह है कि स्कूली शिक्षा में खेलों का स्थान धीरे-धीरे गौण होता जा रहा है।

Category

🗞
News
Transcript
00:00Bring water, bring water, bring water
00:30Bring water, bring water, bring water

Recommended