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Vivah Hindi Movie | (Part 1/14) | Shahid Kapoor, Amrita Rao | Romantic Bollywood Family Drama Movies
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Rajshri • Entertainment
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Watch this superhit Bollywood blockbuster romantic family drama film 'Vivah - A Journey From Engagement To Marriage' (2006), starring Shahid Kapoor, Amrita Rao, Anupam Kher, Alok Nath, Seema Biswas, Samir Soni, Lata Sabharwal, Amrita Prakash, Manoj Joshi, Mohnish Behl.
Directed by Sooraj R. Barjatya.
Music & Lyrics by Ravindra Jain.
Singers: Udit Narayan, Shreya Ghoshal, Babul Supriyo, Suresh Wadkar, Kumar Sanu, Ravindra Jain, Pamela Jain, Sudesh Bhonsle, Aparnaa Bhaagwa, Ravindra Sen.
Synopsis: Vivah is all about the journey of a couple, deeply in love with each other, from engagement to wedding. Poonam (Amrita Rao) a simple homely girl, gets engaged to a rich business man's son Prem (Shahid Kapoor). Poonam being an orphan is taken care by her uncle and aunt, Krishna Kant (Alok Nath) and Rama (Seema Biswas). Since Poonam is beautiful and fair than her own daughter Rajni (Amrita Prakashan), Rama is always jealous of Poonam and dislikes her. But Poonam's only wish was to get love from her aunt whom she treated more than a mother. Prem who was initially not very interested in getting married, as he wanted to concentrate on his career, agrees for the marriage after meeting Poonam and falls in love with her from the first meeting itself. Their marriage date is fixed after six months and in this duration continous meetings of both the families give a chance to both, Prem and Poonam, to have a blissful time. During this period itself, Prem gets an opportunity to focus on his career and go to foreign country for the same. Both the families gets busy in marrige preparations, once Prem returns to India. As the celebrations are going on, Rama gets angry on Krishna Kant as he is spending lavishly on Poonam's wedding, and fears that no money will be left for their own daughter Rajni's marriage. Because of which, she acts coldly with Poonam and stays away from the wedding preparations. One night before the wedding, fire breaks out in their house. Poonam manages to escape but soon realises that her beloved sister Rajni is still in the burning house. Poonam risks her life to save Rajni and gets badly burnt. At this turn of life, Prem still wants to marry her and expresses his love for her. In the hospital itself the initial rituals of the marriage are performed and both the families are happy. Rama also understands Poonam's affection for her and takes her home, just to perform Prem and Poonam's wedding traditionally.
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Short filmTranscript
00:00अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर �
00:30अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर
01:00पड़ियो कि अवर जावाद घुदा।
01:20कभी कभी सोचिता हूँ कितना आनोखा हता है बेटीों का संजार
01:25जहां जर्मती हैं, पलती हैं, बढ़ती हैं
01:28वहीं से जड़े समेट कर कहीं और पनपने के लिए चली जाती हैं।
01:33उनका अपना घर पराय हो जाता है और वे पराय घर की मालकिने बन जाती हैं।
01:40नन्नी नन्नी कलियां देखते ही देखते एक दिन जगत चननिया बन जाती हैं।
01:45बेटी का पिता चाहे विदेश में बसा कोई बड़ा उद्योगपती हो चाहे मुझे सा मदुपूर का एक छोटा सा फलों का व्यापारी।
01:55दोनों की नियती एक जैसी ही तो है अपनी लाडली को नाजों से पालना आशिरवादों से सीचना और एक दिन व्याकर विदा कर देना।
02:07पर कुछ भी हो, बेटियां तो बेटियां हैं, मेरी पुनम की तरह, प्यार से मैं उसे बिट्टो कहता हूँ, वो मेरे स्वर्गिये बड़े भाईया की इकलोती निशानी है, भाईया भाभी के गुजरने के बाद ये मुझे उपभार में मिली।
02:26पुनम मेरी बेटी छोटी के साथ बड़ी हुई, बच्पन से ही दोनों बेहनों में सगी बेहनों सा स्नेय था, लेकिन मेरी पत्नी रमा पुनम को कभी अपना ना सकी, क्योंकि रंग रूप में पुनम छोटी से अधिक सुन्दर है।
02:56पुनम रमा में लगातार एक मा खोजती रही, लेकिन एक बिन मा की बेटी, बिन मा की ही रही।
03:27मैं पुनम को अपने पास ही रखने लगा।
03:33चाचा जी.
03:35मुनीम जी, वापिस रखो, वापिस रखो.
03:41मैं स्ने भरी एक नजर से उसे देखता, वो खिल खिल जाती.
03:46मैं उसे कविताएं सुना था, वो मेरे साथ गाती, हम अपनी आवाजें टेप करते.
03:57चोटा सा साजन, नन ही सी दुलहन, दोली सजी हुई द्वार खड़ी है.
04:09दोली सजी हुई द्वार खड़ी है.
04:13जिसका विवाह रचाया जाये, बेटी कहां अभी इतनी बड़ी है.
04:21बेटी कहां अभी इतनी बड़ी है.
04:25आज ही ले जाएगा विदा कर, दुलहन ये जिद पकड़ी है.
04:41बेटी पूछे बाबुल से, अरे भेजने की क्या जल्दी पड़ी है.
04:48बेटी पूछे बाबूल से
04:51अरे भेजने के क्या जल्दी पड़ी है
05:11माबाब भाई बहन
05:13हर रिषने के लिए बेटियों के दामन में कितना प्यार हुंदा है
05:17कि कुछ लोग बेटियों को बोज समझते हैं
05:33आज मेरी दोनों बेटियां बड़ी हो गई
05:36और अब पुनम के विवाह के बारे में सोचने का समय आ गया है
05:46पुरूपड़िआ पड़ी है
05:56रहने दो भया, रहने दो
05:58ये है वर्ल्ड की सबसे तंगली
06:05और ये है वर्ल्ड की सबसे स्लो बाराध
06:10तुम आओ
06:16ले, वर्ल्ड का सबसे फुस रॉकेट
06:21फुस रॉकेट
06:25राधे, राधे
06:28राधे, राधे मुनिम जी
06:30राधे, राधे
06:32अरे बगद जी, आप
06:34कितने बच्चों के बाद दर्शन हुया आपके
06:37किर्षन कान जी है घरपे?
06:38है, बिल्कुल है, आईए
06:40मदुफूर तो वैसा का वैसा ही रहा
06:43जैसा हम छोड़ कर गए थे
06:44वहीं छोटी-छोटी गलियां, गलियों से गुजरती ये बाराते
06:48और छुट्ते रॉकेटों का तर
06:50महरबानी आपकी
06:51छोटे बाबो
06:53क्या है मुनिम जी?
06:55बगद जी बदा रहे है
06:57बगद जी
07:10जेवरों का ओर्डर देने के लिए हमारे पास दिल्ली तक पहुँच सकते है
07:13तो उनकी डिलिवरी देने के लिए
07:15हम मदुफूर नहीं आ सकते
07:16क्यों नहीं जी
07:18और भाभी जी
07:19हम जब यहाँ रहते थे
07:21तो आप लोगों के साथ जो वर्ल्ड का बेस्ट टाइम बिताया है
07:24वो ज़रा याद करवाई है ही नहीं
07:27भाभी जी, कैसा है घुटनों का दर्द?
07:29आप कुछ ठीक है भाईसाब
07:31ये चूड़ियों की डिजाइन देखते ही
07:32पूरा ठीक हो जाएगा
07:35आपकी पार्खी नजरों को जेवरों की कितनी परख है
07:38मुझे सब पता है
07:40अभी से एक एक करके जेवर बनवाना शुरू करेंगे
07:43तब एक दिन जाकर बेटियों के विवाः की तयारिया पूरी होंगी, भागची
07:47बेटी का कन्यादान तो सबसे बड़ा पुन्य माना गया है, कृष्णकांजी
07:51और फिर जब बेटी जेवर, गहने पहनकर दुलन के लिवास में सामने आ जाती है
07:57मन आत्म भिभोर होगी
08:08जय!
08:09जीती रहो
08:11कृष्णकांजी, यह पूनम है ना, आपकी बिट तो
08:14अरे वाँ, आपने खुब पहचाना, आपने तो इतना सा देखा गया इसे
08:18बस, पहचान लिया
08:21इस साल बी काम कर लेगी, मेरा अकाउंटस का सारा काम यही समालती है
08:26वो सब ठीक है, मेरी जेवर बनाने की मेहनत पर तो पानी फिर गया
08:31बिट्टिया इतने सुन्दर है, तो मेरे जेवरों को कौन देखेगा
08:39छोटी, छोटी
08:42चाची जी, मैं बुला के लाती हूँ
08:53ची जी, इतना अच्छा बना है, एक छोड़गा साथ के
09:00हाँ
09:02अगर चाची जी को पता चल गया, यहाँ पढ़ाई नहीं थुमके लग रहे हैं
09:06तो जानती हो ना क्या होगा
09:07कुछ नहीं होगा, तुम जो हो मुझे बचाने के लिए
09:11चल, चल, तयार होना है, नीजे मेहमान आये है
09:14हे भगवान, मेहमान बावजी के आते हैं, मा तंग मुझे करती है
09:18पाउडर लगाओ, क्रीम लगाओ, काज़र लगाओ
09:20जब तक नीजे जाओ, तब तक तो मेहमान ही चले जाते हैं
09:23मुझसे तो तुम अच्छी हो, जी जी, मा तुमसे कुछ नहीं कहती
09:26तुम जो इतनी बगबग करती है, किसी और को बात करने का मौका ही नहीं देती
09:29चल
09:34सुबह से तैयार क्यों नहीं हुई
09:38आज भी छेहरे पर लेप नहीं लगाया
09:43मुझे ये सब बिल्कुल पसंद नहीं, और ये दाद दिखाना बन कर
09:46मेहमान के सामने ठीक से चलना
09:56वाँ, मदूपूर की रबडिया ने वर्ल्ड की बेस्ट रप
09:59कृष्टिकान जी, अब आक्या चाहूँगा
10:01अच्छा बावी जी, आपकी देखने के लिए नहीं करने के लिए
10:05अच्छा बावी जी, आपकी दोनों मेटियों के हाथ जल्ड ही पीले हो
10:10और आपको वर्ल्ड के बेस्ट जमाय मिले
10:12ये मेरी सुपकामण
10:14थांक्यू, अङ्कल, आपकी बाते सुनके माज मुस्कराय तो सही
10:17पीले हो और आपको वर्ल्ड के बेस्ट जमाई मिले
10:20ये मेरी शुप कामणा
10:22ठांक्यू अंकल, आपकी बाते सुनके मा आज मुस्कराई तो सही
10:28रमा, मैं भी जरह ठाकुर जी के बंदिर होकर आता हूँ
10:33प्रवचन शुरू होने वाला
10:37चले जी चले
10:38चाचा जी
10:45हमेशा भूल जाते हैं
10:48अच्छा अंकल, फिर आएगा
10:50अच्छा बेटी
10:53मेरी छोटी से छोटी आवश्यक्ता का खयाल रखती है
10:58जैसे बेटी नहीं, मा हो
11:02कृष्ण कान जी, आप मुझसे पूछ रहे थे न
11:05मैंने पूनम को देखते ही कैसे पैचान लिया
11:09सच बात तो यह है
11:10कि उसके सुन्दर्ता के और उसके गुणों के चर्चे
11:13अभी से हमारे समझ में होने लगे
11:15उसके विवहा के लिए तो कई प्रस्तव आपके पास आये हुँगे
11:18जी हाँ है तो
11:20लेकिन समई बदल रहा है
11:24मूल्ले बदल रहे हैं
11:26आजकल अच्छे रिष्दे मिलते कहाँ हैं
11:30पूनम के लिए मुझे ऐसे घर की तलाश है
11:34जहाँ उसके गुणों का सम्मान हो
11:36राधिये कृष्ण की जोति आलोकिक तीनों लोक में छाए रही है
11:55भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन फिर भी दीप जलाए रही है
12:07कृष्ण को गोगोल से राधिये को बरसाने से बुलाए रही है
12:22दोनों करो स्वीकार कृपा कर जोगन आरती गाए रही है
12:30कृष्ण कान जी, पूनम के लिए एक लड़का मेरे ध्यान में है
12:34लड़का बहुत सुन्दर, सुशील और अच्छे परिवार से है
12:38दिल्ली के हरिष्चंडर गुरुप ओफ इंडरसिस के चेरमेन हरिष्चंडर जी के बारे में तो आपने ज़रूर सुना होगा
12:44उनको कौन नहीं जानता, हमारे समाज के बहुती प्रतिश्चत विक्ती है
12:49उनका एक पाउं समर्द्धी की चोटी पर है, तो दूसरा पाउं साध्गी की जमीन पर है
12:54बहुती खुले दिल के इनसान है वो
12:57... ओ नम केलिये हरिष्चंडर जी के छोटे बेटे प्रेम के बारे में मैं सोच रहा हूँ
13:04भागत हि, मैं इतनी उच्छे घांदान के बारे में साप्ने में भी नहीं सोच सकता
13:09क्यूं उच्छे घांदानों के लड़के कुमारे रहेंगे
13:12उंचे खानदान वालों को अच्छी बहुँ की जरुवत नहीं होती क्या?
13:15नहीं, नहीं, मेरा वाल..
13:16कुछ नहीं, कुछ नहीं सुनना है मुझे.
13:18हरीश चंडर जी को एक अच्छी बहुँ की तलाश है.
13:21और मैं एक बहुत ही अच्छी बहुँ का प्रस्ताओ लेकर उनसे मिल रहा हूँ.
13:25पूनम की फोटो देनी होतो दो.
13:28मैं, मैं अभी लाता हूँ.
13:33लो मा, थेर जाड़ा लेप लगा लिया, आप खुश?
13:36जी जी, एक फोटो खीश तो, जू भेज़वानी है.
13:39कमाल करती हो मा, बावजी जी जी की फोटो दिल्ली तक भेज सकते?
13:43और मैं अपनी फोटो जू तक भी नहीं भेज सकती.
13:47मा, जी जी को दिल्ली वाले लड़के के बारे में बता दू?
13:51मुझे हर बाग चुचाड़बन बिलकुल पसा नहीं.
13:53ऐ शूकाले ये दिल्ली वाले कै कौन है?
14:00क्यों बताओ?
14:01चोटी.
14:04चोटी.
14:05बावजी.
14:06चोटी दो.
14:07बावजी.
14:12चोटी दो.
14:13शंकस में.
14:14चोटी.
14:15मैं नहीं चूटाओ.
14:16बावजी, देखे ना.
14:18ची ची तो बिलकुळ फया.
14:20बाव जी देखे न, चीची तो बिलकुल पीछा है नहीं छोड़ रही,
14:23बार बार एक ही सवाल पूछ रही है,
14:25कि लड़का शादी के लिए हाँ कब करेगा?
14:28क्या?
14:29छोटी?
14:31इधरा?
14:32छोटी?
14:44भागजी बड़े विश्वास के साथ,
14:47तेरी फोटो लेकर दिल्ली गए हैं बेटा,
14:50अज बंदिर में प्रवचन सुनते हुए,
14:53पता नहीं क्यों,
14:55ऐसा लगा जैसे यही वो घर है,
14:57जिससे तेरे भाग की चुड़े हैं.