Radha Krishna season 1 episode 11

  • 2 days ago
Radha Krishna season 1 episode 11
Transcript
00:00अगर आपको करते हैं, आपको करते हैं अगर आपको करते हैं
00:30आपको करते हैं, आपको करते हैं
00:35प्रश्ण तो यह है कि कौन गवाला शस्त्र धरी सेनिकों का सामना करेगा
00:41पर एक मार्घ है
01:00आरे, क्या लिखा है नन जी ने, बताईए ना
01:05माराज कन्स के लगातार आकरमनों के कारण वितर नन चिंतित है
01:14प्रश्ण गोकल की प्रजाके है
01:17इसलिए उस समस्त पुम्बे के साथ वसाना में बसना चाहते है
01:20उन्होंने हमसे विंति किया
01:24अम गोकल के लोगों को यहां बसाने में उनकी सहता करेंगे
01:29भूल कर भी नहीं
01:35कहने का तात्पर ही है कि
01:37हम उनकी सहता करेंगे तो
01:39गंस को अवश्य सुचना मिलेकी
01:40कन्स को अवश्य सूचना मिलेगी.
01:43और फिर कन्स का आक्रोष बर्सानी पर बढ़सेगा.
01:46है ना?
01:50अपने घर में अन्धेरा करके
01:53मंदिर में दिये नहीं चिलाया जाते हैं.
01:56किन्तु नन्द हमारा परम्मित्र है.
01:58और कथिन परिस्थिती में
02:00अगर अपने ही अपनों के काम ना आये
02:03ये भी तो उच्छित नहीं है.
02:04तो क्या अपना घर भूप के हम तमाशा देखेंगे?
02:10ये कृष्णी माया भी धूर्धी नहीं
02:12कप्ती और स्वार्थी भी है.
02:14एक और बिचारे नन्द काको
02:16और इसे केवल अपने प्रेम की पड़ी है.
02:46कोई इतना स्वार्थी कैसे हो सकता है?
03:16हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं
03:46हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम करते हैं, हम कर
04:16करते हैं
04:46हम करते हैं
05:17ब्रेश
05:33राधा
05:36पुरे, क्या हुआ?
05:38क्या हुआथम ठीक तो हो?
05:40क्या औहा?
05:42सब.. सबकुछ उचार दिया, मां.
05:49और गोकुल.. गोकुल को जला दिया, मां.
05:57और कृष्णे को..
06:01कृष्णे को..
06:03रश्.. बहर दिया, मां.
06:06सब.. सब..
06:11कृष्णे को बहर दिया, मां.
06:23जाधब.. रिना..
06:29कोई ऐसा कुछ नहीं हुआ.
06:32तुमने अवस्यों कोई बुरा सपना देखा.
06:34कृष्णे को बहर दिया.
06:38मैंने..
06:40मैंने अप्यार कृष्णे देखा, बाबा.
06:46जाधब..
06:49मिली..
06:51कभी-कभी भोर के सपने सत्य हो जाते हैं.
06:55कहीं सच में वो कृष्णे को तो..
07:05जाओ, महाराज गनस को सुखत समाचार दो.
07:08कि गोकुल में रहना वाला प्रत्येद व्यक्ति..
07:10बच्चा, बुढ़ा, ज़वान..
07:12सब चल कर भत्म हो गयें.
07:14और वो कृष्ण भी.
07:34यदा यदा धी धर्मस..
07:40ता निर्भवति भारत..
07:46अब युठानम अधर्मस..
07:52तद आत्मानम स्रिजाम् यहां..
08:04यदा यदा धर्मस..
08:08तद आत्मानम स्रिजाम् यहां..
08:12तद आत्मानम स्रिजाम् यहां..
08:16यदा यदा धर्मस..
08:20तद आत्मानम स्रिजाम् यहां..
08:24यदा यदा धर्मस..
08:28तद आत्मानम स्रिजाम् यहां..
08:32यदा यदा धर्मस..
08:36तद ऑत्मानम स्रीजाम्..
08:42आनल्य पर ह्यावल Fool
08:44Who are you?
08:45मैं..
08:48मैं एक सादारी इंसाँग वाला...
08:51मैं मसुर्या व्रिज्बान जी का पतर देने
08:54आया था..
08:56पर.. यहाँ तो..
08:58मुझे कुछ मत कीजे..
08:59मैं.. मैंने कुछ नहीं देखा.
09:01देखा. सब देखा.
09:03और जो देखा, वहीं जाकर
09:04अपने मुख्या वरिष्वान को बताओ
09:07कि गोकूल ही नहीं
09:08गोकूल में रहने वाला
09:09हर एक वेकती जल कर राक हो गया.
09:12जाओ!
09:30जयोंना हम अभी इसी क्षंड
09:32यहां से प्रस्थान करें
09:34तकि जब कंश के सेनिक
09:35गोकूल पर आक्रमन करें
09:37तो यहां पे कोई होगा ही नहीं
09:39जिसे वो मार सके.
09:40किन्तु हम लोग जाएंगे कहा?
09:42तुम्हारे खेलाद बच्चाँ
09:44तुम जयोंना हम अभी इसी क्षंड
09:46यहां से प्रस्थान करें
09:48तकि जब कंश के सेनिक
09:49गोकूल पर आक्रमन करें
09:51तो यहां पे कोई होगा ही नहीं
09:53जिसे वो मार सके.
09:54किन्तु हम लोग जाएंगे कहा?
09:58हमारे गाउं के पीछे
09:59हमारे गाओं के पीछे जो बड़ी गुफ़ा है
10:01मुझे देर के लिए हम सब वही शरण ले लेंगे।
10:08तू क्यों रुघ गया काना? चल.
10:10आप बेतर चले, मैं अभी आता।
10:12नहीं, तू कहीं नहीं जाएगा.
10:14तू मेरे साथ चल. चल अंदर.
10:16लडला, तू नहीं जानते हैं कन्स के सेनिकों को.
10:19वो बहुत क्रूर है.
10:21सहान है, तू कहीं नहीं जाएगा. तू मेरे साथ रहेगा.
10:23चल अंदर.
10:28ठीक, जैसे आप कहें.
10:31मैं आपे के साथ रहूंगा. ठीक?
10:46ठीक, जैसे आप कहें. मैं आपे के साथ रहूंगा. ठीक?
10:48मैं आपे के साथ रहूंगा. ठीक?
10:50मैं आपे के साथ रहूंगा. ठीक?
10:52मैं आपे के साथ रहूंगा. ठीक?
10:54मैं आपे के साथ रहूंगा. ठीक?
10:56मैं आपे के साथ रहूंगा. ठीक?
10:58भोर होनी की प्रतीक्षा है न?
11:03लो, हो गई भोर.
11:28भोर होनी की प्रतीक्षा है न?
11:30भोर होनी की प्रतीक्षा है न?
11:32भोर होनी की प्रतीक्षा है न?
11:34भोर होनी की प्रतीक्षा है न?
11:36भोर होनी की प्रतीक्षा है न?
11:38भोर होनी की प्रतीक्षा है न?
11:40भोर होनी की प्रतीक्षा है न?
11:42बठ बाद आ त यूम आन्द हाया बान फाधी
11:48You've hit me
11:50You've hit me
11:57संधूक खोल दो
11:59मखर होगई आकरमार
12:12जो कर रहे हो वो व्यर्त का परिश्रम्भ है
12:16तुम्हारे प्रार गोकुल वासियों की काया पर नहीं
12:18मेरी माया पर हो रहे हैं
12:20और माया का अन्त तुम कर नहीं सकते
12:42इसे दून रहे हो मैं यहाँ हूँ
13:13अब नहीं बचोगी क्रिष्ण
13:31वहाँ किसे दून रहे हो मैं यहाँ हूँ
13:42वहाँ किसे दून रहे हो मैं यहाँ हूँ
14:12वहाँ किसे दून रहे हो मैं यहाँ हूँ
14:42लोग, लोग, लोग
15:13बजानाने गिल्योर सकाद है
15:23तुम्हारे पास आनी का निमित सद्गे और आथा
15:24अपका निमित सद्गिया है, रादा.
15:41अब क्या करोगे, कान?
15:43अब इस मोड के पश्चात कहां जाओगे?
15:49मोड यात्रा में रुकावट कहां होते है, दाओ.
15:53मोड तो परिवर्तन के बिंदो होते हैं.
16:00मेरी यात्रा वही है, जिसके लिए मैं गोलोक से यहां आया हूँ.
16:07बस मार्ग बदला है.
16:10तुम्हारी यात्रा तो रादा से प्रारंब होकर
16:13वहीं समाप्त हो जाती है.
16:17और कनस?
16:18या कनस को उसकी करनी का फल प्राप्प नहीं होगा?
16:27देखा? आज मेरे तेरे लिखियों है पहिश्यों को बदल दिया.
16:30अपने काल को बीटा कल बना दिया.
16:33आज कनस जीत गया.
16:37मुझसे हार गया?
16:39क्यों सिष्टे के संचालक?
16:41मैं महाबली मतुरापती कनस अमर हो गया.
16:47मुझे मार ने वला इस प्रित्वी पर कोई नहीं बच्चा.
16:54मैंने इश्वर को मरौजजित कर दिया है.
17:05आज समे कनस महील कर दिया है.
17:09आज समे कनस नहीं, अजर, अमर, कनस हूँ.
17:15जिसका कोई अन्त नहीं है.
17:20कनस, कनस, कनस, कनस, कनस, कनस, कनस.
17:25बड़े ही भोले हैं आप आमाश्वि.
17:28कब समझेंगे आप?
17:30समय आने से पूर्वन ना पुष्प में सुघंद आती है.
17:34ना डाली से फल तूपता है.
17:39पापी का अन्त भी तब ही होता है
17:41जब उसके पापों का घड़ा तूपता है.
17:46आपके काल ने आखे बंद नहीं की.
17:49बस आपकी आँखों से दूर गया था.
17:53अब कुछ समय के लिए
17:54अमर होनी के ब्रहम का अनन ले लीजे.
17:58समय आने पर भेट होगी.
18:09प्रेम.
18:12प्रेम विदाथा की सबसे सुन्दर कृती है.
18:16परन्तु हर कृती को
18:18संभालना पड़ता है.
18:20आब इसी मूर्ती को देख लीजे.
18:25जब कलाकार ने इसे रचा
18:27तब ये बहुत सुन्दर थी.
18:30परन्तु इसके पश्चात इसे संभाला नहीं गया.
18:33इसके स्वामी ने इसके देखबाल का कर्तव्य
18:35ठीक से नहीं निभाया.
18:37और अब..
18:40अब ये मूर्ती असुन्दर लगने लगी.
18:46इसी प्रकार केवल कह देने से प्रेम
18:50प्रेम नहीं हो जाता.
18:52इसके लिए आपको
18:54अपने कर्तव्यों को पूर्ण करना होगी.
18:56तो देश की रक्षा,
18:58परिवार और सम्मन्दियों के सुरक्षा,
19:02संतान को संस्कार,
19:04जीवन साती का आभार.
19:07ये कर्तव्य जब तक नहीं निभाओगी
19:10प्रेम से दूर होते जाओगी.
19:13यदि प्रेम का अमरिद पाना है
19:15तो कर्तव्य की अंजुली बनानी होगी
19:18और मन से कहना होगी.
19:22राधे राधे!
19:45ऐयाई! तुम!

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