Radha Krishna season 1 episode 12

  • 2 days ago
Radha Krishna season 1 episode 12
Transcript
00:00अगर आपको करते हैं, आपको करते हैं अगर आपको करते हैं
00:30अगर आपको करते हैं, आपको करते हैं
01:00अगर आपको करते हैं, आपको करते हैं
01:30अगर आपको करते हैं, आपको करते हैं
02:00नन्दी जी, अब का करेंगे?
02:04कहां जाएंगे?
02:06हमारा घर, खेत, खलिहान, गौशालाय
02:10सब जल कर भस्म हो गई
02:12कन्स महराज अवश्य है
02:16किन्तु इसका अर्थ ये कताफिन है
02:18कि वो ये जिगने अपराद करने के पच्चाद छूट जाएगा
02:23इस समस्या का निवारन अवश्य होगा
02:26अवश्य होगा
02:28बाबा, यदी आप शमा करें तो मैं कुछ कहूँ
02:33आपके हनूमती के बना इस समस्या के निवारन के लिए
02:36मैंने पहले ही एक कदम उठा लिया
02:38मैं इसलिए दाओ के साथ वापस नहीं लोटा था
02:41जब मुझे ग्यात हुआ कि कन्स के सेलिकम पर आक्रमन करने वाले है
02:48मैं आपके मित्र विजबान काका से जाके बेट की
02:51और आपकी ओर से मैंने उन्हें पत्र दिया
02:54जिसके अनुसार आप चाहते हैं
02:56कि हम कुछ समय के लिए बरसाना में है
02:58क्या?
02:59हम कवाले हैं
03:01पर बघोड़े नहीं खाना
03:05हम सब अन्नाय के वीरोत लडेंगे
03:08हाम प्रची जी इदी है
03:10हम ये शामनों खुदवा लेते हैं
03:11हम पत्र विजबान के लिए तुम्हों जेंगे
03:13हम पिराइव गेवल पर बरसाना से लेते हैं
03:15हम गवाले हैं पर बगोडे नहीं खाना.
03:22हम सब अन्याय के विरोत लडेंगे.
03:25हम कजी ठीक करें.
03:27हम कजी ठीक करें.
03:29हम कजी ठीक करें.
03:33ठीक है.
03:34जो कार्य कंस ने अधुरा छोड़ा है
03:36कीजिये उसे पूर.
03:38जाईये.
03:39जाके कंस के सामने खड़े हो जाईये
03:41और कर दीजे हमारे अंत की उसकी इच्छा पूरे.
03:46उचित कहा बाबा नहीं.
03:47हम गवाले हैं, बगोडे नहीं.
03:51पर सैनिक भी तो नहीं है.
03:55गाई की ठिनोस से अमरित निकालना जानते हैं.
03:59रक्त बहाना नहीं.
04:00बैल भी किसी पे आक्रमन करने से पहले
04:02दो कदम पीछे हटता है.
04:05और हमें भी पीछे हटना होगा.
04:07इसलिए नहीं कि हम भैबीत हैं.
04:10इसलिए कि हमें इस विरोध की तैयारी के लिए
04:14समय की अवशक्ता है.
04:19कंस का सामना करने के लिए
04:22कंस का सामना करने के लिए
04:24परियाप्त बल इकटा करने के लिए
04:26हमें पीछे हटना होगा.
04:31अब यदि इसके लिए बरसाना से
04:33अधिक अच्छा कोई स्थान है
04:36तो हम वहाँ चलते हैं.
04:42बाबा, संकत में मित्र से सहायता लेना
04:47दुर्बलता तो नहीं.
04:49बरसाना में हमारे परिबार, बालग
04:52सुरक्षित रहेंगे.
04:54तभी तो निश्चिल्थ होकर हम दिरोध की तयारी कर सकते हैं.
05:04तुम उचित कह रहे हो, काना.
05:07हम मित्र हुरिश बान के यहां चलेंगे.
05:12हम सब बरसाना प्रस्थान करेंगे.
05:18बिल्ला चार.
05:20ज़िव.
05:22बरसान चलेंगे.
05:40मुख्या जी!
05:43मुख्या जी!
05:45कुआकूर की क्या समचार?
05:46सुचन सत्य है, मुख्या जी.
05:48पूरे गोकूल को जला कर भस्म कर दिया है
05:52किन्टु किसी के बच्चने के कोई संकेत नहीं है
06:03आप बैठे ही अभी
06:10राधा ठीक हो जाएगा सब
06:13मैंने कहा था न
06:16कि मैंने देखा
06:18सब को चलते हुए देखा
06:21और क्रिशन
06:23उसको प्रान
06:25उसको प्रान त्यागते देखा
06:28अरे तो रो क्यों रही है
06:31अच्छा ही हुआ
06:32कि वो माया भी मर गया
06:33बुरे की मृत्यों भी चाहना बुरा ही होता है विशाखा
06:37भले मैं उसे पसंद नहीं करती थी
06:40लेकिन मैं इसकी मृत्यों नहीं चाही
06:47ठीक तो कह रही है राधा
06:49वास्तव में माया भी ही था वो
06:52पहले राधा और अब तुम
06:54तुझ पे ना कोई जादू कर दिया उसने
06:56जब से उसे मिली है ना बुद्धी भ्रष्ट हो गी है तेरी
07:10सुना तुम लोगों ने
07:14क्या सुना राधा
07:19उसकी बासुरी की दुन
07:23किस की
07:39ये राधा को क्या हो राधा राधा
08:09किस बासुरी की दुन
08:39किस बासुरी की दुन
09:02राधा राधा
09:09राधा राधा
09:31ये सब
09:34पुरा गुखुल चल गया
09:35सारे गुखुल वासी जीवत कैसे है
09:45भगवान की की पाय
09:48मेरा मित्र, इसका परिवार
09:51और उनकी गाँवाले सब सुरक्षित है
10:05पुरा राधा राधा
10:07किस बासुरी की दुन
10:09किस बासुरी की दुन
10:11किस बासुरी की दुन
10:13किस बासुरी की दुन
10:15किस बासुरी की दुन
10:17किस बासुरी की दुन
10:19किस बासुरी की दुन
10:21किस बासुरी की दुन
10:23किस बासुरी की दुन
10:25किस बासुरी की दुन
10:26पुरा राधा राधा
10:56पुरा राधा राधा
10:58पुरा राधा राधा
11:00पुरा राधा राधा
11:02पुरा राधा राधा
11:04पुरा राधा राधा
11:06पुरा राधा राधा
11:08पुरा राधा राधा
11:10पुरा राधा राधा
11:12पुरा राधा राधा
11:26मुझे ही डून रही थी ना?
11:28मैं?
11:30मैं भला तुम्हे की
11:32डून डूंगी?
11:54मेरा सत्य जानने के लिए
11:55अपना सत्ति भी बता दो.
11:59मीरा? मेरा कोई सत्ति नहीं है.
12:07मैंने तुमसे कहा था
12:09सत्ति को समजना कतहन है
12:12और उसे स्विकार करना
12:15उससे भी कतहन है.
12:22अब बोल भी दो.
12:24अब बोल भी दो.
12:26मेरे लिए चिंदब थी न?
12:34मैं?
12:35मैं भला किसी मायवे की चिंदा क्यों करने लगी?
12:50बेटा कृरिशी
12:52ईश्वर की कितनी कृपा है कि
12:55हम सब सुरक्षिद हो.
12:57पता नहीं राधा को क्या हो गया था?
13:02भोर में कोई स्वाप्म देखा, तब से रोय जा रही थी.
13:06भोकुल को जला दिया,
13:07कृष्ण को
13:09मार डाला.
13:11अच्छा?
13:22काकी,
13:25मुझे एक बात बताई.
13:28क्या कभी मैंने आपकी मट्की तोड़ी?
13:32नहीं तो.
13:33तो क्या कभी मैंने आपका माखन चुराया?
13:36नहीं ताना.
13:37नहीं ना?
13:41तो आपके पुत्री को मुझसे किस बात के शत्रुता है?
13:46आकारण मुझे पे क्रोध करना,
13:47मुझे पसंद ना करना, समझ में आता है.
13:51मुझे जूटा, मायावी कहना, समझ में आता है.
13:56पर अब तो ये सोते जागते मेरे मृत्यू के सपने देख रही है, काकी.
14:00ये तो ठीक नहीं है, न?
14:04कहीं..
14:06कहीं इसके मानसिक स्थिति तो..
14:09मानसिक स्थिति तो..
14:12अब समझ रही है, न? मैं क्या कह रहा हूँ?
14:18कहीं किसी ने इसि पे माया तो नहीं कर दी?
14:21देखिए, देखिए..
14:22अभी भी कैसे गोर के गुस्से से देख रही है, मुझे.
14:28मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.
14:30मुझ पर माया की है किसीने.
14:34माया माया, देखे ना, अबी भी कैसे क्रोथ से
14:36मुझे देख रही है.
14:38मानो जैसे अबी दन्देने उतर आई.
14:41हाँ तो, तेरे कारी ही ऐसे,
14:44किसी को ससाईगा और वो तुझे दन्द भी न दे, हाँ?
14:48अब तो युशोधा काकी ने भी अनूमती देदी.
14:52अब कौन बचाएगा तुम्हे?
14:56मेरे पाँ.
15:17यादा रादा यादा रादा विष्ण विष्ण विष्ण
15:25यादा रादा यादा रादा विष्ण विष्ण विष्ण
15:34यादा रादा यादा रादा विष्ण विष्ण विष्ण
15:41रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण विष्ण विष्ण विष्ण
15:49रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष
16:19रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष
16:49विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रादा विष्ण रा
17:20विष्ण रादा विष्ण रादा
17:46मारो
17:48पूरी करो अपनी शपत, रादा.
18:02प्रेम संसार का सबसे पवित्र बंधन है.
18:05पर सच पूछो, तो ये बंधन से मुक्ती है.
18:10स्वतंत्रत्ता है.
18:12नहीं समझे?
18:14समझाता हूँ.
18:16यदि कोई आपका प्रेम ठुक्रा दे,
18:20यदि कोई आपका प्रेम समझ ही ना पाए,
18:24तो क्या होगा?
18:29कुछ उदास हो जाएंगे,
18:31कुछ छल करके प्रेम पाना चाहेंगे,
18:33तो कुछ बल पूर्वग प्रेम पर अधिकार करना चाहेंगे.
18:38किन्तु यह आवश्चक नहीं कि जिससे आप प्रेम करते हो,
18:42उसे भी आपसे प्रेम हैं.
18:44क्यूँकि प्रेम कोई वस्तु नहीं है,
18:46ना राज्य है, ना धन,
18:48जिससे आप बल से अपने वश्च में कर सकते हुँ।
18:51प्रेम वो शक्ती है,
18:53जो आपके लिए हर बंधन तोड़ सकती है,
18:55किन्तु स्वयम किसी बंधन में नहीं पसती।
18:58तो जिससे भी आप प्रेम करते हो,
19:01उसे स्वतंत्र छोड़ दीजें।
19:03प्रेम करते हो, उसे स्वतंत्र छोड़ दीजें।
19:07क्योंकि स्वतंत्रता ही वो भाव है,
19:09जो जीव को सबसे अधिक प्रिय है।
19:13प्रेम सच्चा होगा, तो उसे आवश्च समझने हाँ।
19:18तब तक के लिए निस्वार्थ भाव से प्रेम कीजिए।
19:21स्वार्थ हट जाएगा, तो प्रेम आही जाएगा।
19:27और मन प्रसंदन होकर बोलेगा,
19:31राधे राधे।
19:41अयन, तो?
19:47माने गाओं की किसी बोली बाली लड़की से
19:49प्रेम का दावा करता है।
19:51इसे तो मैं...
19:58अपने शस्र के वार से उस कृष्ण को मार दो।
20:10जिससे तुम प्रेम करते हो, वो लड़की राधा है।
20:13हाँ, मैं राधा से प्रेम करता हूँ।
20:19प्रेम करते हैं

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