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मंगल गीत गाती महिलाएं, बाबा रामदेव के जयकारे लगाते युवा, राजस्थानी साफे के साथ चल रहे पुरुष एवं राजस्थानी वेशभूषा में महिलाएं। कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को शोभायात्रा के दौरान नजर आया। अवसर था बाबा रामसा पीर के पालना उत्सव का। गुरुवार को हुब्बल्ली (कर्नाटक) में शोभायात्रा के साथ पालना उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शोभायात्रा को लोग अपलक निहारते रहे। कई जगह शोभायात्रा का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। रास्ते में कई भक्तों की ओर से शीतल पेय की व्यवस्था भी की गई थी। इस मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। पालना उत्सव के प्रमुख सहयोगी राजस्थान के बालोतरा जिले के मोकलसर मूल के मूथा वागमल भूराजी बाफना परिवार के निवास तक शोभायात्रा निकाली गई। रामदेव मरुधर सेवा संघ के तत्वावधान में गाजे-बाजे के साथ निकाली शोभायात्रा में शहर के विभिन्न इलाकों से भक्तगण शामिल हुए। रामदेव मरुधर सेवा संघ की ओर से प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को बाबा का पालना उत्सव का कार्यक्रम होता है। गुरुवार सुबह 10 बजे गब्बुर गली स्थित बाबा रामदेव मंदिर में पूजा अर्चना के बाद शोभायात्रा रवाना हुई। शोभायात्रा गब्बुर गली स्थित रामदेव मंदिर परिसर से रवाना होकर शिम्पी गली, बेलगाम गली, दुर्गदबेल, कोप्पिकर रोड, लेमिंगटन रोड, रेलवे अंडरब्रिज, केशवापुर रोड, केशवापुर सर्किल, सुल्ला रोड होते हुए शांतिनगर पहुंची। शांतिनगर में पालना उत्सव के प्रमुख सहयोगी परिवार उकचन्द बाफना, रमेश बाफना एवं गौतम बाफना के निवास पर महाआरती की गई। शोभायात्रा में भक्तगण नाचते-गाते हुए एवं बाबा के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। महिलाएं बाबा के भजनों की प्रस्तुति दे रही थी। रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत ने बताया कि हुब्बल्ली में बाबा रामदेव मंदिर की प्रतिष्ठा के बाद से बाबा के प्रति भक्तों की आस्था और अधिक गहरी हुई है। साथ ही समय-समय पर प्रमुख अवसरों पर विशेष आयोजन होते हैं। हुब्बल्ली में बाबा रामसा पीर के मंदिर में रोजाना पूजा-पाठ एवं आरती का आयोजन किया जाता है। बाबा रामसा पीर के प्रति भक्तों की अपार आस्था है। सभी जाति-वर्ग के लोगों का जुड़ाव बना हुआ है।

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