राजसमंद. लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से प्रकाशित लेख पर मेवाड़ के सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। समाचार पत्रों में प्रकाशित गांधी के एक लेख के कुछ अंश में रजवाड़ों को लेकर जो बयान दिए गए हैं। उस मामले में नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ मुखर होकर सामने आए हैं और राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है।
क्या लिखा था राहुल गांधी ने...
लेख में राहुल गांधी ने लिखा था, ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमारे महाराजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी करके, उन्हें प्रलोभन देकर और धमकाकर भारत का गला घोंट दिया। इसने हमारे बैंकिंग, व्यापार और सूचना नेटवर्क को नियंत्रित किया।
विधायक ने भारत सरकार के श्वते पत्र का किया जिक्र
गांधी के लेख में रजवाड़ों को लेकर दिए बयान में नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि भारत सरकार द्वारा राज्यों पर श्वेत पत्र मार्च 1950 में जारी किया था। उसमें स्पष्ट रूप से वर्णित था कि राजाओं के देशभक्तिपूर्ण सहयोग के बिना, भारत में लोगों और शासकों के पारस्परिक लाभ के लिए जो जबरदस्त परिवर्तन आया है, वह संभव नहीं होता। उन्होंने कल्पना, दूरदर्शिता और देशभक्ति का सबूत दिया है। वे स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत के निर्माण में सह-वास्तुकार हैं।
गांधी को श्वेत पत्र पढ़ने की नसीहत...
नाथद्वारा विधायक मेवाड़ ने कहा कि राहुल गांधी का अखबारों में प्रकाशित लेख गलत है। या तो उनके पास देश के इतिहास के बारे में ठीक से जानकारी नहीं है, या जानबूझकर गलत प्रचार कर रहे हैं, जो देशभक्तों का अपमान है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को भारत सरकार द्वारा मार्च 1950 में जारी श्वेत पत्र जरूर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले और बाद में भी राज्यों (रजवाड़ों) की ओर से सरकार को जनहित में हर तरह से सहयोग प्रदान किया गया था, जिसे सभी भली-भांति जानते हैं।
क्या लिखा था राहुल गांधी ने...
लेख में राहुल गांधी ने लिखा था, ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमारे महाराजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी करके, उन्हें प्रलोभन देकर और धमकाकर भारत का गला घोंट दिया। इसने हमारे बैंकिंग, व्यापार और सूचना नेटवर्क को नियंत्रित किया।
विधायक ने भारत सरकार के श्वते पत्र का किया जिक्र
गांधी के लेख में रजवाड़ों को लेकर दिए बयान में नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि भारत सरकार द्वारा राज्यों पर श्वेत पत्र मार्च 1950 में जारी किया था। उसमें स्पष्ट रूप से वर्णित था कि राजाओं के देशभक्तिपूर्ण सहयोग के बिना, भारत में लोगों और शासकों के पारस्परिक लाभ के लिए जो जबरदस्त परिवर्तन आया है, वह संभव नहीं होता। उन्होंने कल्पना, दूरदर्शिता और देशभक्ति का सबूत दिया है। वे स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत के निर्माण में सह-वास्तुकार हैं।
गांधी को श्वेत पत्र पढ़ने की नसीहत...
नाथद्वारा विधायक मेवाड़ ने कहा कि राहुल गांधी का अखबारों में प्रकाशित लेख गलत है। या तो उनके पास देश के इतिहास के बारे में ठीक से जानकारी नहीं है, या जानबूझकर गलत प्रचार कर रहे हैं, जो देशभक्तों का अपमान है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को भारत सरकार द्वारा मार्च 1950 में जारी श्वेत पत्र जरूर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले और बाद में भी राज्यों (रजवाड़ों) की ओर से सरकार को जनहित में हर तरह से सहयोग प्रदान किया गया था, जिसे सभी भली-भांति जानते हैं।
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NewsTranscript
00:00The statements that Rahul Gandhi has given in the newspapers, he has given both in English and Hindi.
00:07So I have tweeted the English response.
00:10And as far as Hindi is concerned, I would like to say that what Rahul Gandhi has written,
00:15perhaps he does not know about the history of our country,
00:20or he is forcibly and deliberately promoting something wrong.
00:24This is an insult to our country and our patriots.
00:29I would like to talk about the record of the Government of India.
00:35The white paper that came out on the Indian states in March 1950,
00:39it is written in it that the kings and emperors of the Indian states were not under the British government.
00:45And when the unification of India took place,
00:48the kings and emperors, at that time,
00:51not only did they give cash, but they also gave infrastructure and a lot of land to the Indian government.
01:01And at the same time, I would like to read what is written in this white paper.
01:21They may well claim to be co-architects in building a free and democratic India.
01:26So this is what I would like to say about Rahul Gandhi's statement.