गणपति बप्पा मोरया क्यो कहा जाता है? भक्ति, इतिहास और महत्व | Ganpati Bappa Morya in Hindi

  • 2 days ago
"गणपति बप्पा मोरया" का उद्घोष गणेशोत्सव के दौरान भगवान गणेश की पूजा और विसर्जन के समय किया जाता है। यह नारा भक्तों की गहरी श्रद्धा और प्रेम को प्रकट करता है। "गणपति" का अर्थ है गणों के स्वामी और "बप्पा" का अर्थ है प्रिय देवता। "मोरया" शब्द मोरया गोसावी नामक संत से जुड़ा है, जिनकी भक्ति से भगवान गणेश प्रसन्न हुए थे।

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Transcript
00:00गणपती बप्पा मोरिया का उद्गोश विशेष रूप से तब किया जाता है,
00:04जब भगवान गनेश की मूर्तियों की स्थापना की जाती है
00:08या जब उनका विसरजन किया जाता है?
00:10विसर्जन के समय भक्त ये नारा कहते हुए भगवान गणेश से फिर अगले साल लोटने का अनूरोध करते हैं।
00:17गणपति बप्पा मोर्या अगले बरस तु जल्दी आ।
00:20यह वाक्य उनके परती गहरी श्रद्धा और प्यार को व्यक्त करता है।
00:24इस नारे का महत्व और उसका इतिहास काफी गहरा है।
00:28गणपति का अर्थ है गणों के स्वामी और बप्पा का अर्थ है पिता या प्रिय देवता।
00:34इस प्रकार गणपति बप्पा का सीधा अर्थ होता है प्रिय गणेश जी।
00:39भगवान गणेश को हिंदु धर्म में प्रथम पूज्य माना गया है जो हर शुब कारे की शुरुवात में पूजे जाते हैं।
00:46वे विगन हरता अर्थात विगनों को हरने वाले और मंगल करता अर्थात शुबता लाने वाले माने जाते हैं।
00:53मोर्या शब्द की जड़ें एक एतिहासिक घटना से जुड़ी हुई हैं।
00:58कहा जाता है कि मोर्या गोसावी नामक एक महान संत थे जो भगवान गणेश के अनन्य भक्त थे।
01:05उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी भगवान गणेश की सेवा और भक्ती में बिताई और भगवान गणेश ने उनकी तपस्या और भक्ती से प्रसंद होकर उन्हें आशीरवात दिया।
01:15उनके भक्तों और अनुयाईयों ने मोर्या को भगवान गणेश के साथ जोड कर उनका नाम नारे में शामिल कर लिया। इस से यह उद्धोष और भी भक्ती पूर्ण और गहरा बन गया।

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