रिश्तों में विश्वास के साथ अपेक्षाएं आ ही जाती हैं जो आगे चल कर सुख ओर दुःख देती हैं। रिश्तों में बिना कोई अपेक्षा रखे विश्वास कैसे बनाए रखें? अपने रिश्तों को बेहतर कैसे बनाएं?
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00:00अपेक्षा और ट्रस्ट के कंट्रिडिक्षन में
00:04अगर आप ट्रस्ट करते हो तो आप किसी अपेक्षा से काम करते हो
00:07और अपेक्षा अगर रखी तो ट्रण्जाक्शिनल हो गया
00:11मतलब प्रोफ़िट और लोस पिर उसके साथ दुख और सुख भी आता है
00:15तहान क्ये आप ट्रस्ट रखा हूँ जेने के बदेन
00:20एक tá दो पहसला नहींमत स्वास होता है
00:22अपेक्षा दूष्रा पर्ट है
00:27ट्रस्ट रखे एक दुषरे के ंपर वह yolkool भें नहीं नहीं रहते हैं
00:31अपेक्षा पूरी नहीं हुई, तो त्रस्ट के आधार से हम एड्जेस्मेंट ले सकते हैं।
00:35इनकी दिल में तो है यह पूरी करना है।
00:38हमारे एक दूसरे के साथ एटेज्ज हैं, एक दूसरे के वपर पुरा ट्रस्ट हैं, विश्वास हैं।
00:44सःजोग अधिन अपेक्षा पूरी नहीं हुई।
00:46अपेक्सा पूरी नहीं हुई तो अक्षेब देना नहीं है, तुझे
00:51मेरी पढ़ी नहीं है, வिश्वास तोड़्ना नहीं है, एक दूसरे के
00:54इसके साथ जो attachment है उसके अधार से अपेखशा पूरी नहीं हुई
00:59तो ये तोड़ना नहीं है ये जागरत रहना है
01:02कि नहीं अपेखशा संजोग आधिन पूरी न भी हो सके
01:05हमारे अंतराय हो गए तो भी न पूरी हो गी
01:08उनके संजोग नहीं मिले तो भी पूरी नहीं कर सके
01:10तो हमें यह पार्ट अलग रखना है
01:13और यह पार्ट हम एक दूसरे के साथ विश्वास से रहते हैं
01:18पर आप विश्वास क्या कर रहे हो?
01:20मतलब किस चीज़ पे कैसे, क्या बोलते हो?
01:24अस्बन के लिए है न?
01:28हर लिए लिए मत रखो, अस्बन के लिए सोचो
01:31अस्बन वाईफ में एक दूसरे के साथ विश्वास से रहो
01:35और भार के लिए नॉर्मल व्यावार
01:38कि बहुत पॉजिटिव रखो भार के लिए
01:40कि नहीं सब अपनी अपनी प्रकृति अनुसार काम करते हैं
01:43हम पॉजिटिव रखना चाहते हैं और पॉजिटिव रखना चाहते हैं
01:46नेगिटिव को हम नहीं देखेंगे या तो दिखाए दिया
01:50तो प्रात्ना करेंगे उसके
01:52घर में विश्वास की बात तो घर में रहना चाहते हैं
01:55एक दुसरे के साथ विश्वास शंका नहीं होनी जाये
01:58कि पैसे के बारे में या अस्पन वाइप के रिलेशन के बारे में
02:03या बाहर ओफिस जाते हैं तो ओफिस में किसी के साथ कुछ होगा तो
02:07वो शंका मंका रख नहीं हो विश्वास तूट जाएगा