सवाईमाधोपुर. जिले में कभी तेज बारिश तो कभी धूप व उमस भरे मौसम में इन दिनों वायरल और फंगल संक्रमण के मरीज बढ़ गए हैं। अस्पतालों में स्किन एलर्जी, बुखार, हाथ पैर में दर्द, उल्टी, पेट में ऐंठन आदि के बीमार आ रहे हैं। ऐसे में मरीजों को घंटो इंतजार करना पड़ रहा है। हर जगह लाइन से गुजरना पड़ रहा है। पहले पर्ची के लिए लाइन, फिर डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन, उसके बाद दवाई लेने के लिए लाइन। ऐसे में मरीजों की संख्या को देखते हुए चिकित्सा प्रशासन को स्टाफ बढ़ाने की जरुरत है।
पिछले एक सप्ताह में अकेले जिला अस्पताल के चर्म रोग विभाग में मरीजों की संख्या 50 फीसदी तक बढ़ गई है। बारिश के सीजन में मच्छर और कीट के पनपने के कारण शरीर पर फफोले व रेशैज वाले मरीज आ रहे हैं। राजकीय सामान्य अस्पताल में चर्म रोग से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ी है।
प्रतिदिन आ रहे दो सौ मरीज
सामान्य चिकित्सालय में इन दिनों चर्म रोग से पीडि़त दो सौ मरीज दिखाने आ रहे है। वहीं निजी अस्पतालों व क्लीनिक के आंकड़ों को जोड़ा जाए तो यह आंकड़ा पांच सौ पार पहुंच रहा है, जबकि पूर्व में प्रतिदिन 90 से 100 मरीज ही मरीज दिखाने आ रहे थे। अब यह आंकड़ा बढकऱ दोगुना हो गया है।
इसलिए बढ़ रहे चर्म रोग के मरीज
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के पानी में नहाने के कारण स्किन एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कई बार बारिश के गड्ढ़ों आदि में पानी में बच्चे नहाते हैं। उसके कुछ समय बाद ही उन्हें खुजली की शिकायत हो जाती है। ऐसे मौसम में बच्चों का खासतौर पर ध्यान रखने की जरुरत है। गंदा पानी स्किन इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
ऐसे बरतें सावधानी
बारिश के मौसम में पनपने वाली बैक्टीरिया संबंधी बीमारियों से बचने के लिए स्वच्छ खानपान के साथ साफ-सुथरे कपड़े पहने व इसके साथ ही आद्र्रता बढऩे से शरीर को सूखा रखना जरूरी है। ऐसे में भीगने से बचें। किसी कारण से पानी में भीग गए हैं तो तत्काल शरीर को पोंछकर सूखे कपड़े पहने।
एक्सपर्ट व्यू...
तालाब व कुण्ड वाले स्थानों पर नहाने से बचे
बारिश के मौसम में उमसभरी गर्मी से मरीज बढ़ जाते है। शरीर पर गीला कपड़ा कम से कम रखें। नमी वाले कपड़े से बचे। बारिश में रैन कोट साथ लेकर चले। बदला मौसम त्वचा संक्रमण बढ़ाने के लिए एक आदर्श वातावरण होता है। पानी खूब पीएं। जिस दिन बारिश नहीं होती है उस दिन धूप व हवा के साथ एलर्जी करने वाले कण होते हैं वह अच्छी खासी बीमारी पैदा करते हैं। इस मौसम में एक्जिमा,खाज, मुंहासे, घमौरियां, त्वचा पर चकत्ते, खुजली वाली त्वचा मरीज जैसे मरीज आ रहे हैं।
डॉ. विकास मीना, चिकित्सा अधिकारी, चर्म रोग, सामान्य चिकित्सालय, सवाईमाधोपुर
पिछले एक सप्ताह में अकेले जिला अस्पताल के चर्म रोग विभाग में मरीजों की संख्या 50 फीसदी तक बढ़ गई है। बारिश के सीजन में मच्छर और कीट के पनपने के कारण शरीर पर फफोले व रेशैज वाले मरीज आ रहे हैं। राजकीय सामान्य अस्पताल में चर्म रोग से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ी है।
प्रतिदिन आ रहे दो सौ मरीज
सामान्य चिकित्सालय में इन दिनों चर्म रोग से पीडि़त दो सौ मरीज दिखाने आ रहे है। वहीं निजी अस्पतालों व क्लीनिक के आंकड़ों को जोड़ा जाए तो यह आंकड़ा पांच सौ पार पहुंच रहा है, जबकि पूर्व में प्रतिदिन 90 से 100 मरीज ही मरीज दिखाने आ रहे थे। अब यह आंकड़ा बढकऱ दोगुना हो गया है।
इसलिए बढ़ रहे चर्म रोग के मरीज
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के पानी में नहाने के कारण स्किन एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कई बार बारिश के गड्ढ़ों आदि में पानी में बच्चे नहाते हैं। उसके कुछ समय बाद ही उन्हें खुजली की शिकायत हो जाती है। ऐसे मौसम में बच्चों का खासतौर पर ध्यान रखने की जरुरत है। गंदा पानी स्किन इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
ऐसे बरतें सावधानी
बारिश के मौसम में पनपने वाली बैक्टीरिया संबंधी बीमारियों से बचने के लिए स्वच्छ खानपान के साथ साफ-सुथरे कपड़े पहने व इसके साथ ही आद्र्रता बढऩे से शरीर को सूखा रखना जरूरी है। ऐसे में भीगने से बचें। किसी कारण से पानी में भीग गए हैं तो तत्काल शरीर को पोंछकर सूखे कपड़े पहने।
एक्सपर्ट व्यू...
तालाब व कुण्ड वाले स्थानों पर नहाने से बचे
बारिश के मौसम में उमसभरी गर्मी से मरीज बढ़ जाते है। शरीर पर गीला कपड़ा कम से कम रखें। नमी वाले कपड़े से बचे। बारिश में रैन कोट साथ लेकर चले। बदला मौसम त्वचा संक्रमण बढ़ाने के लिए एक आदर्श वातावरण होता है। पानी खूब पीएं। जिस दिन बारिश नहीं होती है उस दिन धूप व हवा के साथ एलर्जी करने वाले कण होते हैं वह अच्छी खासी बीमारी पैदा करते हैं। इस मौसम में एक्जिमा,खाज, मुंहासे, घमौरियां, त्वचा पर चकत्ते, खुजली वाली त्वचा मरीज जैसे मरीज आ रहे हैं।
डॉ. विकास मीना, चिकित्सा अधिकारी, चर्म रोग, सामान्य चिकित्सालय, सवाईमाधोपुर
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