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सवाईमाधोपुर. नगरपरिषद का खजाना खाली होने से शहर में विकास कार्यों को भी ग्रहण लग गया है। साफ-सफाई के अलावा, विकास कार्यों, कर्मचारियों का भुगतान सहित जरूरी काम अटक गए है। उधर, शहर में नगरपरिषद की अनदेखी से लाखों रुपए की लागत से जिला मुख्यालय प्रमुख चौराहे व सडक़ मार्गों पर डिवाइडरों पर लगाई गई तिरंगा रोशनी फेल हो गई है, जबकि त्योहारी सीजन शुरू हो गया है।
शहर की सडक़ों को रात में तीन रंग से रोशन करने को लेकर नगरपरिषद ने कोटा-लालसोट मेगा हाइवे, आलनपुर सहित कई जगहों पर विद्युत पोलों पर तिरंगा रोशनी की व्यवस्था की थी लेकिन नगरपरिषद प्रशासन की अनदेखी से अब वह बंद हो चुकी है।
दस लाख रुपए का आया था खर्चा
जिला मुख्यालय पर पांच प्रमुख चौराहों व सडक़ मार्गों पर 14 अगस्त 2023 को करीब दस लाख रुपए की लागत से विद्युत पोलों जगह-जगह तिरंगा लाइट लगाई गई थी। इस दौरान कलक्ट्रेट रोड, रणथम्भौर सर्किल, आलनपुर सर्किल, शहर राजबाग व भैरू दरवाजे के पास तिराहे पर सडक़ मार्गों पर विद्युत पोलों में तिरंगा लाइट लगाई थी, जो अब बंद हो चुकी है।
छह माह जली फिर बुझ गई बत्ती
जानकारों की माने तो जिला मुख्यालय पर कोटा-लालसोट मेगा हाइवे पर कलक्ट्रेट रोड से मानटाउन थाना, हम्मीर पुलिया, आलनपुर रोड व शहर में विद्युत पोलों पर लगाई गई तिरंगा लाइट 14 अगस्त 2023 से चालू हो गई थी मगर छह माह जलने के बाद अधिकारियों की अनदेखी से तिरंगा लाइट की बत्ती गुल हो गई। अब विद्युत पोलों में तिरंगा लाइट केवल शो पीस बनी है।
कनिष्ठ अभियंता व बाबूओं को नहीं जानकारी
नगरपरिषद में विद्युत पोलों पर तिरंगा रोशनी कब लगी, कितना खर्चा आया, कब से बंद है और किस कारण से बंद है। इसकी संबंधित कनिष्ठ अभियंता व बाबूओं को जानकारी तक नहीं है। कनिष्ठ अभियंता व बाबू एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है।

इनका कहना है...
जिला मुख्यालय पर विद्युत पोलों पर तिरंगा लाइट बंद है, तो जल्द ही इनको ठीक करवाकर चालू कराया जाएगा।
नीरूसिंह, कार्यवाहक आयुक्त, नगरपरिषद सवाईमाधोपुर

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