कार्तिक महीना सभी महीना में सबसे महत्वपूर्ण क्यों है कार्तिक मास क्यों खास है
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00:00जिस प्राकार एकाच्यति थी विश्णु भगवान को सार्वधिक प्रिये हैं।
00:08उसी प्राकार सभी माह में कार्तिक मास विश्णु भगवान को सार्वधिक प्रिये हैं।
00:18इस मास विश्णु भगवान अपने योगनिद्रा से जागते हैं रथा अपने भगदों कर विशेष कृपा करते हैं
00:29और इस माँ को मोक्ष का दुआर भी कहा जाता है।
00:35नमस्ते दोष्टों, मैं नूतन, नूतन पांडि, हमारे चैनल पर आपका हर्दिक स्वादत है।
00:47हमारे धार्मिक कथाओं एबं परानिक मानताओं के अनुशार कहा गया है कि हिंदु धर्म में कार्तिक मास का क्या महत्व है।
00:56और इस मास का इतना महत्व क्यों है।
01:01और इस मास को मोक्ष का दुआर क्यों कहा जाता है।
01:06आये जानते हैं।
01:08हमारे धार्मिक कथाओं एबं परानिक मानताओं के अनुशार कहा गया है कि
01:15हिंदु धर्म में पूरे कार्तिक माह में ब्रह्म मुहुर्त में उठकर जो भी वैक्ति गंगा अश्नान करते हैं
01:26उसे धर्ती के सभी तीर्द का पुन्य प्राप्त होता है।
01:31पुरानिक मानताओं के अनुशार इस माह में गंगा अश्नान, पूजा, डान, धर्म, कर्म सिधी देवताओं तक पहुंसते हैं
01:42इसलिए इस माह को मोक्च का दुआर भी कहा गया है
01:47इसी माह में विश्नु भगवान अपने यूग निंद्रा से जागते हैं
01:53तथा इस माह में कई पर्व दुहार मनाई जाते हैं
01:58जैसे कर्वाचोट, ओहोई अश्टमी, रंभायकाची, धनतेरस, दीपावली, गोवरधन पूजा, भहयादूज, देवुठोन एकाची, तुलसी विबाह
02:13अधिक कई प्रकार के पर्व दुहार इस माह में मनाई जाते हैं
02:18कार्तिक मास का प्राड़ाम्भ आश्णी मास के पुर्णिमा तिथी अर्थात सरद पुर्णिमा के अगले दिन से प्राड़ाम्भ हो जाते हैं
02:29इस बार अर्थात 2020 में कार्तिक मास का प्राड़ाम्भ 29 अक्टूबर रवी बार से होगा तथा 27 नौमबर शोम बार को पुर्णिमा तिथी को शमाप्त हो जाएगा
02:44धार्मी कथाओं एबं पुरानिक मानताओं के अनुशार कहते हैं कि विश्नु भगवान कार्तिक मास में प्रिध्वी लोग पर जल में निवाश करते हैं इसलिए इस माह में गंगा, योमना आध्वा किसी पवित्र नदी में ब्रह्म मोहर्ब में अश्नान करने का विशे�
03:14किसी पवित्र नदी या कुए इससे भी समभव ना हो तो अपने घर में शाफ पानी में गंगा जल डालकर शुभः शुभ मुहुर्त में अश्नान करने का विशेश फल प्राप्त होता है
03:29भक्त सुभः शुभ मुहुर्त में उठकर पास के शाफ नदी एवं कुए अधवा अपने घर में शाफ पानी में गंगा जल डालकर अश्नान करते हैं
03:42तथा भगवान की पूजा अराधना करने से पूजा अराधना का कई गुणा फल प्राप्त होता है
03:50एवं बैकती को बैकुंठ धाम की प्राप्ती होती है इस माह में तुलसी पूजा का भी अधिक महत है
04:00सुभः अश्नान करने के बाद तुलसी माता एवं शूर्च भगवान को जल चढ़ाने से विशेश फल की प्राप्ती होती है
04:09इस महिने में डान का भी विशेश महत है दीप डान का भी विशेश महत है एवं प्रतिक मास में गंगा युमना आथवा किसी भी पवितर नदी में अश्नान करने एवं उपवाश हवन आधी करने से भगतों पर विश्णु भगवान के साथ साथ मालक्ष्मी का भी गिपा �
04:39कर्म धूल जाते हैं तथा उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होते हैं इसलिए इस मह को मोक्ष का दुआर भी कहते हैं
04:49कर्मी कथों एवं पॉरानिक माननिताओं के अनुशार कहते हैं विश्णु भगवान कार्तिक माज में प्रित्वी पर अपनी भगतों के बीच जल में निवाश करते हैं
05:03इसलिए इस महने में ब्रह मुहुर्त में अश्नान करने का विशेश महत है इस महने में गंगा योंना अथवा किसी भी पवितर नदी एवं तलाब या फिर संभव नहों तो अपने घर में साप पानी में गंगा जल डाल कर ब्रह मुहुर्त में अश्नान एवं पूजा पा�
05:33तो भगतों को कार्टिक माज में ब्रह मुहुर्त में अश्नान करके पूजा अराधना करना चाहिए
06:00भगतों पर बिश्नु भगवान के साथ साथ मालक्ष्मी का भी कृपा बढ़सते हैं
06:07इस वीडियो में बस इतना है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक सेर एवं चैनल को सस्क्राइब करियेगा
06:15मिलते हम आपसे अपने अगले वीडियो में तक तक के लिए धन्यवाद जायेंद