चेन्नई. ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) को भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) पहल के माध्यम से पहचाने गए संपत्ति, पेशेवर कर्मचारी, कंपनी कर और व्यापार लाइसेंसों में कर त्रुटियों में सुधार के बाद नियमित संग्रह के अलावा वार्षिक राजस्व में अतिरिक्त 136.75 करोड़ राजस्व जुटाने की उम्मीद है। राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जीआईएस पहल के तहत वाणिज्यिक संपत्तियों का निरीक्षण पूरे शहर में जारी रहेगा, लेकिन उच्च अधिकारियों के आदेश के अनुसार फिलहाल आवासीय भवनों का निरीक्षण नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आवासीय स्थानों का निरीक्षण बाद में किया जाएगा। जीआईएस सर्वेक्षण निष्कर्षों को लागू करने के अलावा निगम को 1 से 30 अक्टूबर तक प्रोत्साहन अवधि के दौरान कुल कर संग्रह में लगभग 50 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। अधिकारी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के अक्टूबर में निगम ने 329 करोड़ एकत्र किए, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में 372 करोड़ एकत्र किए गए। नियमित निरीक्षणों के माध्यम से जीसीसी ने हजारों बेमेल (जीसीसी के संपत्ति रिकॉर्ड से गायब) या कम मूल्यांकित (पंजीकृत लेकिन कर लगाया गया या अपने वास्तविक मूल्य से कम भुगतान किया गया) संपत्तियों और व्यवसायों की पहचान की है। यह नागरिक निकाय के खजाने में जुड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आवासीय स्थानों का निरीक्षण बाद में किया जाएगा। जीआईएस सर्वेक्षण निष्कर्षों को लागू करने के अलावा निगम को 1 से 30 अक्टूबर तक प्रोत्साहन अवधि के दौरान कुल कर संग्रह में लगभग 50 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। अधिकारी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के अक्टूबर में निगम ने 329 करोड़ एकत्र किए, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में 372 करोड़ एकत्र किए गए। नियमित निरीक्षणों के माध्यम से जीसीसी ने हजारों बेमेल (जीसीसी के संपत्ति रिकॉर्ड से गायब) या कम मूल्यांकित (पंजीकृत लेकिन कर लगाया गया या अपने वास्तविक मूल्य से कम भुगतान किया गया) संपत्तियों और व्यवसायों की पहचान की है। यह नागरिक निकाय के खजाने में जुड़ सकते हैं।
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