नई दिल्ली: भारत मंडपम में 4 से 9 तारीख तक चल रहे ग्रामीण भारत महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से आए कारीगर और कलाकार अपनी कला, परंपरा और संस्कृति का प्रदर्शन कर रहे हैं। शहर संस्था के फाउंडर डायरेक्टर संजीव भार्गव ने बताया कि ग्रामीण भारत की विविधता को प्रदर्शन कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए पेश किया जा रहा है। 25 ग्रुपों की प्रस्तुति में लावणी, भांगड़ा और अन्य पारंपरिक नृत्यों को शामिल किया गया है। महाराष्ट्र से शिल्पा संभाजी घर में बने शुद्ध मसाले लेकर आई हैं, जो गांव की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं। केरल से विषक ने केरल की साड़ियां और पारंपरिक धोती पेश की हैं, जिन्हें ग्रामीण विकास बैंक ने प्रोत्साहन और स्पॉन्सरशिप दी है। जम्मू-कश्मीर से सिजात पशमीना शॉल और पारंपरिक पोशाकें लेकर आए हैं। गुजरात से वाघेला गुरुपाली ने भावनगर के प्रसिद्ध मोती के काम और काठियावाड़ी संस्कृति को प्रदर्शित किया है। बनारस से प्रभु नारायण बनारसी पान लेकर आए हैं जो छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की पहल का हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर के कलाकार शब्बीर अहमद ने कश्मीरी गाने और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
#GrameenBharatMahotsav #RuralIndiaFestival #CulturalDiversity #MadeInIndia #VocalForLocal
#GrameenBharatMahotsav #RuralIndiaFestival #CulturalDiversity #MadeInIndia #VocalForLocal
Category
🗞
NewsTranscript
00:00आम ही स्टारट है
00:02हाँ
00:04कोई करंे को चट्टी लगा
00:06हाँ
00:08इतना प्र�ा कर जाहें
00:10देकरना चाहें
00:30अगर आपको प्रभाव करने के लिए अगर आपको प्रभाव करने के लिए अगर आपको प्रभाव करने के लिए अगर आपको प्रभाव करने के लिए अगर आपको प्रभाव करने के लिए अगर आपको प्रभाव करने के लिए अगर आपको प्रभाव करने के लिए अगर �
01:00पे बारे में कौटते करने की प्रदेश लिए बेंगन का में
01:07मोईं मुफित का इस्वेश है कि अगर प्रभाव करने के लिए अगर आपको मोईं बेंगан की करने केobil
01:14मशाल है
01:25क्या वो
01:29गरलिक मसाला है, गोडा मसाला, काला मसाला
01:32सब घर में बनाए हुए मसाले हैं, बहुत अच्छी टेस्ट है
01:35और ये लडू भी है, चुआरा के
01:38तेसी गी में बनाए हुए, चटनी है
01:41जैसे की तील की चटनी है, आलसी की है
01:45मुंखफली, सब टाइप के चटनी
01:48मसाले हम इदर लेकर आये, बहुत अच्छी है
01:51आओ और टेस्ट करो
01:52जो शहर के लोग है, उनको इदर कुछ
01:55जो मिलता नहीं है गाउ का, वो हमने इदर
01:58लाया है उनकी लिए, जो गाउ में बनता है
02:01हमारे जैसे मैलाये गाउ की बनाती है
02:04उसको भी, उसका भी बिजनेस होता है
02:08और जो शहर में लोग है, उनको भी सब मिलता है अच्छा अच्छा वाला
02:11हम इदर सारी, दोती ऐसे वगर लेकर आता है
02:15हम नबाट के अंडर के आता है, ओफ़पी है
02:18अभी इदर ग्रामिन, बारत महुलसोल में
02:23इदर तो अच्छा मिल रहा है, जो लोग आता है, जो ट्रेडिशिनल ड्रेसस है, जो आत्मी इंड्रेस्स है
02:30हमारे पास जो कश्मीरी आइटम हैं, शॉल, पश्मीरी शॉल्स है, स्टोल्स है
02:36और सूट्स भी है, काणी सूट्स
02:38और हमारे पास फेरन्स में, जो ट्रेडिशिनल, वहाँ के कश्मीरी में पहनते है, वो हमारे पास ही, इसमें आरी, एम्बरोडी में है
02:44बहुत अच्छे-अच्छे वैरिटीज है, कलेक्शन है, कलर है, साइजस है
02:48और हमारे पास काणी सूट्स भी है, उसमें भी थ्री पीस है, और एक स्टोल, टॉप और बॉटम
02:54और हमारे पास काणी कोड भी है, यह उपर से पहनते है, साड़ी पे भी पहन सकते है, और जीनस पे भी पहन सकते है
03:06और यह जामा वार है, इसमें जरी मिक्स है, और यह मास्टर पीस बताया जाता है इसको, क्योंकि इसमें बहुत टाइम है, दो मिनें लगते है बनाने में
03:16तो इसका जो प्राइज है, यह काणी जामा है, और हमारे पास एम्बरोडी में भी जामा वार है, यह वाले इसको बोलते है जामा, यह सुवी दागे से बना जाता है, इसको बोलते है सोजनी वर्क, आप इसको देख सकते है
03:32यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से �
04:02बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सु
04:32दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता ह
05:02है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे
05:32से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह स
06:02सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना
06:32जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है,
06:39यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से �
07:09बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सु
07:39सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना जाता है, यह सुवी दागे से बना
08:09जाते हैं डिस्पार् इसमील से कहा रहै हैं।
08:39जो हमारी विविदता है, जो डाइवर्सिटी है, जो कल्चुरल इतना जादा, देखिये न, कश्मीर तो कन्याकुमारी और अरुनाचल प्रदेश से कच तक
08:51यहाँ पर जो विविदता है, जो डाइवर्सिटी है, हम उसका performing arts में हम यहां लोगों के सामने प्रसत कर रहे हैं
09:01हाँ जी, और शायद दिल्ली के लोगों को, या जो हमारी बड़े शहर हैं, उन में जो लोग, urban population जो हम कहते हैं
09:11उनको शायद इतना awareness नहीं है, होगी कि लावणी, बीहू, ऐसे भी forms हमारे देश में बहुत जादा popular हैं, गाउं में, villages में, गाउं में
09:27तो हम उनको यहां पर ला रहे हैं, जिससे दिल्ली के जनता देखे और पांच दिन में 25 groups का हमने आयोजन किया हुआ है और 25 के अलाबा लावणी, बीहू, भांगडा, ऐसे लोग हम लाए हैं, right from जहां से वो जन्मे हैं, जहां से उबचे हैं, तो आपको यहां बाले नहीं ह
09:57है।