वीडियो जानकारी: 18.02.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने आधुनिक समाज में भौतिकता और उपभोक्तावाद के प्रभाव पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि कैसे लोग महंगी गाड़ियां और बिजनेस क्लास की उड़ानें दिखाकर अपनी स्थिति का प्रदर्शन कर रहे हैं। आचार्य जी ने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी को इस भौतिकता से प्रभावित होकर अपनी स्वतंत्रता और संतोष की कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भोग के लिए नहीं, बल्कि सार्थक कार्य के लिए संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
आचार्य जी ने यह भी बताया कि सही खर्च का मतलब है कि खर्च केवल तब करें जब वह आपके काम के लिए आवश्यक हो। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे एक व्यक्ति को अपने काम के लिए सही साधनों का चुनाव करना चाहिए, न कि केवल दिखावे के लिए। अंत में, उन्होंने यह भी कहा कि असली हीरो वह होते हैं जो संघर्ष करते हैं और अपने अनुभवों से सीखते हैं, न कि केवल सफलताएं दिखाने वाले।
प्रसंग:
~ सोशल मीडिया पर लोग शॉ ऑफ कर रहे होते हैं, जिससे युवा वही देखकर वैसा ही बनने की कोशिश कर रहे हैं
~ युवाओं के सामने सही आदर्श होना क्यों आवश्यक है?
~ हमारे देश के युवा सोशल मीडिया की ओर जा रहे हैं, यही उनकी बर्बादी का कारण बन रहा है।
~ क्यों हम हमारी दुनिया से ही संतुष्ट नहीं हैं, और एक अय्याशी भरी लाइफ चाहते हैं?
~ क्यों हमें बचपन से सही परवरिश और सही शिक्षा नहीं मिलती?
~ युवा जीवन का सबसे ऊँचा लक्ष्य क्या है?
~ युवा पीढ़ी किस दिशा जा रही है?
~ आजकल सभी को बस अय्याशी करनी है, मेहनत किसी को भी पसंद नहीं, ऐसा क्यों?
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~
#acharyaprashant #luxurylifestyle
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने आधुनिक समाज में भौतिकता और उपभोक्तावाद के प्रभाव पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि कैसे लोग महंगी गाड़ियां और बिजनेस क्लास की उड़ानें दिखाकर अपनी स्थिति का प्रदर्शन कर रहे हैं। आचार्य जी ने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी को इस भौतिकता से प्रभावित होकर अपनी स्वतंत्रता और संतोष की कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भोग के लिए नहीं, बल्कि सार्थक कार्य के लिए संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
आचार्य जी ने यह भी बताया कि सही खर्च का मतलब है कि खर्च केवल तब करें जब वह आपके काम के लिए आवश्यक हो। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे एक व्यक्ति को अपने काम के लिए सही साधनों का चुनाव करना चाहिए, न कि केवल दिखावे के लिए। अंत में, उन्होंने यह भी कहा कि असली हीरो वह होते हैं जो संघर्ष करते हैं और अपने अनुभवों से सीखते हैं, न कि केवल सफलताएं दिखाने वाले।
प्रसंग:
~ सोशल मीडिया पर लोग शॉ ऑफ कर रहे होते हैं, जिससे युवा वही देखकर वैसा ही बनने की कोशिश कर रहे हैं
~ युवाओं के सामने सही आदर्श होना क्यों आवश्यक है?
~ हमारे देश के युवा सोशल मीडिया की ओर जा रहे हैं, यही उनकी बर्बादी का कारण बन रहा है।
~ क्यों हम हमारी दुनिया से ही संतुष्ट नहीं हैं, और एक अय्याशी भरी लाइफ चाहते हैं?
~ क्यों हमें बचपन से सही परवरिश और सही शिक्षा नहीं मिलती?
~ युवा जीवन का सबसे ऊँचा लक्ष्य क्या है?
~ युवा पीढ़ी किस दिशा जा रही है?
~ आजकल सभी को बस अय्याशी करनी है, मेहनत किसी को भी पसंद नहीं, ऐसा क्यों?
संगीत: मिलिंद दाते
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