वीडियो जानकारी: 29.11.24, गीता समागम, गोवा
(गीता-49) उसे सौंप दो, उसे संभालने दो, तुम रास्ते से हटो || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने कर्म, कामना और अहंकार के बीच के संबंध को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि लोग अपनी कामनाओं को पूरा करने के लिए कर्म करते हैं, लेकिन यह धारणा गलत है कि कामना पूरी होने से चैन मिलेगा। असल में, चैन की कामना ही मूल है। ज्ञानी व्यक्ति कामना के पीछे की सच्चाई को समझता है और अहंकार को छोड़कर सहजता से जीता है। आचार्य जी ने यह भी कहा कि सच्चा कर्म तब होता है जब हम अहंकार से मुक्त होकर प्रकृति के प्रवाह में बहते हैं। अंत में, उन्होंने बताया कि जीवन में सहजता और मौन की स्थिति को अपनाना ही सच्चा ज्ञान है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
संगीत: मिलिंद दाते
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(गीता-49) उसे सौंप दो, उसे संभालने दो, तुम रास्ते से हटो || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने कर्म, कामना और अहंकार के बीच के संबंध को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि लोग अपनी कामनाओं को पूरा करने के लिए कर्म करते हैं, लेकिन यह धारणा गलत है कि कामना पूरी होने से चैन मिलेगा। असल में, चैन की कामना ही मूल है। ज्ञानी व्यक्ति कामना के पीछे की सच्चाई को समझता है और अहंकार को छोड़कर सहजता से जीता है। आचार्य जी ने यह भी कहा कि सच्चा कर्म तब होता है जब हम अहंकार से मुक्त होकर प्रकृति के प्रवाह में बहते हैं। अंत में, उन्होंने बताया कि जीवन में सहजता और मौन की स्थिति को अपनाना ही सच्चा ज्ञान है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
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संगीत: मिलिंद दाते
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