सवाईमाधोपुर. आलनपुर रोड स्थित कृषि उपज मण्डी में करोड़ों की फसलें रामभरोसे ही है। कृषि उपज मण्डी में सालाना करोड़ों रुपए का कारोबार होता है लेकिन सुविधाओं के इंतजाम नहीं है। स्थिति यह है कि मण्डी परिसर में बंदरों का आतंक है। बंदर जिन्सों को नुकसान पहुंचा रहे है। इसके अलावा चोरी की वारदातें भी होती है लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से कोई इंतजाम नहीं है। मण्डी प्रशासन की लापरवाही व्यापारियों व किसानों पर भारी पड़ रही है।
किसान कलेवा रसोई से ले गए गुड़
कृषि उपज मण्डी परिसर में बंदर जगह-जगह नुकसान पहुंचा रहे है। बंदर परिसर में रखी कृषि जिन्सों खराब कर रहे है तो किसान कलेवा रसोई से गुड़ की ढेरी को उठाकर चले गए। गत दिनों किसान कलेवा रसोई के लिए करीब तीन किलो गुड़ आया था लेकिन कक्ष के बाहर से ही बंदर उठा कर चले गए।
कट््टे फाड़ देते है बंदर
मण्डी में बंदरों का इतना आतंक हो गया है कि किसान भी अब धीरे-धीरे मण्डी से दूर जाने लगा है। किसान अपना माल छोडकऱ जाता है तो बंदर कट््टे फाडकऱ अनाज का नुकसान कर देते है। इससे किसान व्यापारियों के प्रति अविश्वास पैदा करता है।
बार-बार पत्र लिखे पत्र, नहीं हो रही कार्रवाई
मण्डी परिसर में बंदरों के उत्पात की समस्या को लेकर कृषि उपज मण्डी सचिव ने कई बार नगरपरिषद आयुक्त को पत्र लिखकर बंदरों को पकडकऱ अन्यत्र छोडऩे की मांग की है, मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसका खामियाजा मण्डी प्रशासन, व्यापारी व किसानों को उठाना पड़ रहा है।
एक नजर में कृषि उपज मण्डी...
-कृषि उपज मण्डी में कुल संचालित दुकानें-80
-मण्डी में गेटों की संख्या-2
-कुल ब्लॉकों की संख्या-4
-मण्डी की श्रेणी-बी
-कुल व्यापारी-80
-कुल पल्लेदार-250
-बंदरों में बंदरों की संख्या- एक हजार से अधिक
होती है परेशानी...
मण्डी में बंदरों की संख्या अधिक होने के कारण सभी व्यापारी, पल्लेदार व किसान परेशान है। आए दिन बंदर कृषि जिन्सों को नुकसान पहुंचाते है। कट््टों को फाड़ देते है। लोगों को चोटिल कर देते है। व्यापारियों के बही खाते तक उठाकर ले जाते है। अब बंदर ङ्क्षहसक हो गए है। बंदरों को मण्डी से अन्यत्र छोडऩा जरूरी हो गया है। ऐसा नहीं हुआ तो इस माह के अंत तक व्यापारी प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
दिनदयाल अग्रवाल, महामंत्री, ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन, कृषि उपज मण्डी सवाईमाधोपुर
इनका कहना है...
मण्डी परिसर में बंदरों की समस्या को लेकर कई बार नगरपरिषद आयुक्त को पत्र लिखा है। लेकिन नगरपरिषद की ओर से बंदरों को नहीं पकड़ा गया।
दिलीप मीणा, सचिव, कृषि उपज मण्डी
किसान कलेवा रसोई से ले गए गुड़
कृषि उपज मण्डी परिसर में बंदर जगह-जगह नुकसान पहुंचा रहे है। बंदर परिसर में रखी कृषि जिन्सों खराब कर रहे है तो किसान कलेवा रसोई से गुड़ की ढेरी को उठाकर चले गए। गत दिनों किसान कलेवा रसोई के लिए करीब तीन किलो गुड़ आया था लेकिन कक्ष के बाहर से ही बंदर उठा कर चले गए।
कट््टे फाड़ देते है बंदर
मण्डी में बंदरों का इतना आतंक हो गया है कि किसान भी अब धीरे-धीरे मण्डी से दूर जाने लगा है। किसान अपना माल छोडकऱ जाता है तो बंदर कट््टे फाडकऱ अनाज का नुकसान कर देते है। इससे किसान व्यापारियों के प्रति अविश्वास पैदा करता है।
बार-बार पत्र लिखे पत्र, नहीं हो रही कार्रवाई
मण्डी परिसर में बंदरों के उत्पात की समस्या को लेकर कृषि उपज मण्डी सचिव ने कई बार नगरपरिषद आयुक्त को पत्र लिखकर बंदरों को पकडकऱ अन्यत्र छोडऩे की मांग की है, मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसका खामियाजा मण्डी प्रशासन, व्यापारी व किसानों को उठाना पड़ रहा है।
एक नजर में कृषि उपज मण्डी...
-कृषि उपज मण्डी में कुल संचालित दुकानें-80
-मण्डी में गेटों की संख्या-2
-कुल ब्लॉकों की संख्या-4
-मण्डी की श्रेणी-बी
-कुल व्यापारी-80
-कुल पल्लेदार-250
-बंदरों में बंदरों की संख्या- एक हजार से अधिक
होती है परेशानी...
मण्डी में बंदरों की संख्या अधिक होने के कारण सभी व्यापारी, पल्लेदार व किसान परेशान है। आए दिन बंदर कृषि जिन्सों को नुकसान पहुंचाते है। कट््टों को फाड़ देते है। लोगों को चोटिल कर देते है। व्यापारियों के बही खाते तक उठाकर ले जाते है। अब बंदर ङ्क्षहसक हो गए है। बंदरों को मण्डी से अन्यत्र छोडऩा जरूरी हो गया है। ऐसा नहीं हुआ तो इस माह के अंत तक व्यापारी प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
दिनदयाल अग्रवाल, महामंत्री, ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन, कृषि उपज मण्डी सवाईमाधोपुर
इनका कहना है...
मण्डी परिसर में बंदरों की समस्या को लेकर कई बार नगरपरिषद आयुक्त को पत्र लिखा है। लेकिन नगरपरिषद की ओर से बंदरों को नहीं पकड़ा गया।
दिलीप मीणा, सचिव, कृषि उपज मण्डी
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