सवाईमाधोपुर. कोतवाली थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कार चुराने वाले एक शातिर वाहन चोर को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी को जयपुर के वाटिका क्षेत्र से गिरफ्तार कर कार बरामद की। पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने बताया कि आरोपी वाहन चोर दिलीप उर्फ कुंजी पुत्र राजहंस गुर्जर निवासी ब्रह्मवाद सदर थाना गंगापुरसिटी है। आरोपी की निशानदेही पर वाटिका जयपुर से कार को बरामद किया। उधर, आरोपी का साथी कुंजीलाल मीणा निवासी खण्डीप अभी फरार है। पुलिस आरोपी को पकडऩे में जुटी है। दोनों शातिर वाहन चोर रैकी कर महंगी लग्जरी गाडिय़ो को निशाना बनाते थे। पूछताछ में आरोपी ने मंहगी कारो को औने-पौने दामो में बेचना कबूल किया।
२३ जनवरी को हुई थी कार चोरी
पुलिस के अनुसार गत २३ जनवरी को रात को डॉ. दिलीप निवासी हाऊसिंग बोर्ड में घर के बाहर खड़ी कार कोई अज्ञात चुरा कर ले गए थे। इसके बाद परिवादी ने कोतवाली थाने में कार चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद से पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी थी। इसका खुलासा करते हुए एसपी ने बुधवार को वाहन चोर को कार के साथ गिरफ्तार किया।
यूं देते थे कार चोरी की घटना को अंजाम
शातिर वाहन चोर दिलीप उर्फ कुंजी व उसका साथी कुंजीलाल मीणा किराए पर गाड़ी जयपुर से लेकर आते थे। इसकी सबसे पहले नंबर प्लेट बदल कर उसके बाद हैरियर गाड़ी व लग्जरी बड़ी गाडिय़ों की रैकी करते थे। रैकी करने के बाद गाड़ी से 20-25 किलोमीटर दूर जाकर वहां से अपना मोबाईल बंद कर रैकी की गई गाड़ी के पास जाते थे। गाड़ी के सिस्टम को फेल करने के लिए एक टूलकिट व लेपटॉप साथ रखते है। सबसे पहले गाड़ी के हार्न के तार काटते थे। उसके बाद ड्राईवर साईड के शीशे को तोडक़र को अनलॉक करते थे। फिर कार में स्टेरिंग के नीचे साकिट में लेपटॉप डिवाईस को गाड़ी से कनेक्ट करते थे। इसके बाद चाबी के रिमोट सिस्टम को एक्टिव करते है तथा चाबी फक्शन से पुस बटन से स्टार्ट कर गाड़ी की सीट के नीचे से जीपीएस डिवाईस को डिसकन्टेक्ट करते है और गाड़ी को स्टार्ट कर ले जाते थे।
२३ जनवरी को हुई थी कार चोरी
पुलिस के अनुसार गत २३ जनवरी को रात को डॉ. दिलीप निवासी हाऊसिंग बोर्ड में घर के बाहर खड़ी कार कोई अज्ञात चुरा कर ले गए थे। इसके बाद परिवादी ने कोतवाली थाने में कार चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद से पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी थी। इसका खुलासा करते हुए एसपी ने बुधवार को वाहन चोर को कार के साथ गिरफ्तार किया।
यूं देते थे कार चोरी की घटना को अंजाम
शातिर वाहन चोर दिलीप उर्फ कुंजी व उसका साथी कुंजीलाल मीणा किराए पर गाड़ी जयपुर से लेकर आते थे। इसकी सबसे पहले नंबर प्लेट बदल कर उसके बाद हैरियर गाड़ी व लग्जरी बड़ी गाडिय़ों की रैकी करते थे। रैकी करने के बाद गाड़ी से 20-25 किलोमीटर दूर जाकर वहां से अपना मोबाईल बंद कर रैकी की गई गाड़ी के पास जाते थे। गाड़ी के सिस्टम को फेल करने के लिए एक टूलकिट व लेपटॉप साथ रखते है। सबसे पहले गाड़ी के हार्न के तार काटते थे। उसके बाद ड्राईवर साईड के शीशे को तोडक़र को अनलॉक करते थे। फिर कार में स्टेरिंग के नीचे साकिट में लेपटॉप डिवाईस को गाड़ी से कनेक्ट करते थे। इसके बाद चाबी के रिमोट सिस्टम को एक्टिव करते है तथा चाबी फक्शन से पुस बटन से स्टार्ट कर गाड़ी की सीट के नीचे से जीपीएस डिवाईस को डिसकन्टेक्ट करते है और गाड़ी को स्टार्ट कर ले जाते थे।
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