"मीठे बच्चे- यह मुरली तुम्हें अज्ञानता के अंधकार से निकाल ज्ञान के प्रकाश में ले जाने के लिए है। इसे सुनो, समझो और अपने जीवन में धारण करो!" – शिव बाबा
यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।
✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨
ओम शांति!
Related Searches:-
murli 18 april 2025
murali 18 april 2025
today murli
murli today hindi
murli today
today murli in hindi
brahmakumaris murli today
brahmakumaris murli
shiv baba murli
todays murli
peace of mind live tv
shiv baba ki murli
baba ki murli
bk today murli in hindi
madhuban murli today
madhuban murli live
murli
om shanti meditation
shiv baba aaj ki murli
aaj ki murli shiv baba ki
aaj ki murali shiv baba ki
shiv baba ki murli aaj ki
aaj ki murli
aaj ki murli in hindi
brahma kumaris
brahma kumaris mount abu
peace of mind tv channel
om shanti
murli song
peace of mind channel
madhuban ki murli
peace of mind live tv channel
shiv baba ki murali
mount abu brahma kumaris
peace of mind tv live today
aaj ki murli madhuban
om shanti mount abu
brahmakumaris song
bk murli
shiv baba ki aaj ki murali
brahmakumaris meditation
aaj ki murli aaj ki murli
murli aaj ki
aaj ki murli om shanti
brahmakumaris songs
om shanti murli aaj ki
om shanti shiv baba ki murli
murali
aaj ki murali
madhuban ke baba murli wale
madhuban murali
aaj ki murli bk
brahmakumaris murali
om shanti murli
om shanti music
om shanti murali
b k murli today in hindi
aaj ki murli live
baba ki murli aaj ki
aaj ki murli ka saar
brahma kumaris aaj ki murli
aaj ki murli brahma kumaris
hindi murli
baba murli
om shanti baba
bk murli today
brahma kumaris meditation
brahmakumari
aaj ki murli shiv baba
avyakt murli
madhuban murli
bk aaj ki murli
bk murli today in hindi
murli in male voice
murali in male voice
murali aadmi ki awaz me
murli aadmi ki awaz me
aadmi ki awaz me murali
aadmi ki awaz me murli
aaj ki murli in male voice
aaj ki murali in male voice
todays murli in male voice
todays murali in male voice
daily murli in male voice
daily murali in male voice
आज की मुरली
ओम शांति मुरली
ओम शांति की मुरली
आज का मुरली
ओम शांति मुरली आज की
ओम शांति आज की मुरली
ओम शांति
आज की मुरली मधुबन
#murli #brahmakumaris #madhuban #bkshivani #aajkimurli #shantivan #bkmurli #peaceofmindtv #omshantiretreatcentre #todaymurli #bksurajbhai #bkusha #sisterbkshivani #sisterbkshivanihindi #madhubanmurli #babamilan #murlitoday #madhubanlive #brahmakumarismurli #shivbabamurli #murliclass #gamdevibk #आजकीमुरली #todaysmurli #aajkimurlikasaar #madhubanmurlilive #shantivanmurli
यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।
✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨
ओम शांति!
Related Searches:-
murli 18 april 2025
murali 18 april 2025
today murli
murli today hindi
murli today
today murli in hindi
brahmakumaris murli today
brahmakumaris murli
shiv baba murli
todays murli
peace of mind live tv
shiv baba ki murli
baba ki murli
bk today murli in hindi
madhuban murli today
madhuban murli live
murli
om shanti meditation
shiv baba aaj ki murli
aaj ki murli shiv baba ki
aaj ki murali shiv baba ki
shiv baba ki murli aaj ki
aaj ki murli
aaj ki murli in hindi
brahma kumaris
brahma kumaris mount abu
peace of mind tv channel
om shanti
murli song
peace of mind channel
madhuban ki murli
peace of mind live tv channel
shiv baba ki murali
mount abu brahma kumaris
peace of mind tv live today
aaj ki murli madhuban
om shanti mount abu
brahmakumaris song
bk murli
shiv baba ki aaj ki murali
brahmakumaris meditation
aaj ki murli aaj ki murli
murli aaj ki
aaj ki murli om shanti
brahmakumaris songs
om shanti murli aaj ki
om shanti shiv baba ki murli
murali
aaj ki murali
madhuban ke baba murli wale
madhuban murali
aaj ki murli bk
brahmakumaris murali
om shanti murli
om shanti music
om shanti murali
b k murli today in hindi
aaj ki murli live
baba ki murli aaj ki
aaj ki murli ka saar
brahma kumaris aaj ki murli
aaj ki murli brahma kumaris
hindi murli
baba murli
om shanti baba
bk murli today
brahma kumaris meditation
brahmakumari
aaj ki murli shiv baba
avyakt murli
madhuban murli
bk aaj ki murli
bk murli today in hindi
murli in male voice
murali in male voice
murali aadmi ki awaz me
murli aadmi ki awaz me
aadmi ki awaz me murali
aadmi ki awaz me murli
aaj ki murli in male voice
aaj ki murali in male voice
todays murli in male voice
todays murali in male voice
daily murli in male voice
daily murali in male voice
आज की मुरली
ओम शांति मुरली
ओम शांति की मुरली
आज का मुरली
ओम शांति मुरली आज की
ओम शांति आज की मुरली
ओम शांति
आज की मुरली मधुबन
#murli #brahmakumaris #madhuban #bkshivani #aajkimurli #shantivan #bkmurli #peaceofmindtv #omshantiretreatcentre #todaymurli #bksurajbhai #bkusha #sisterbkshivani #sisterbkshivanihindi #madhubanmurli #babamilan #murlitoday #madhubanlive #brahmakumarismurli #shivbabamurli #murliclass #gamdevibk #आजकीमुरली #todaysmurli #aajkimurlikasaar #madhubanmurlilive #shantivanmurli
Category
📚
LearningTranscript
00:00मुरली अम्रित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:11ओम शान्ती आए सुनते हैं
00:28अठारह अप्रेल दोहजार पचीस दिन शुक्रवार की साकर मुरली
00:33शिव बाबा कहते हैं मीठे बच्चे अपने उपर रहम करो
00:38बाप जो मत देते हैं उस पर चलो तो अपार खुशी रहेगी
00:43माया के श्राप से बचे रहेंगी
00:46प्रश्ण
00:47माया का श्राप क्यों लगता है?
00:51श्रापित आत्मा की गति क्या होगी?
00:53उत्तर
00:54एक
00:55बाप और पढ़ाई का ग्यान रत्नों का
00:58निरादर करने से अपनी मत पर चलने से माया का श्राप लग जाता है
01:03दो
01:04आसुरी चलन है
01:06दैवीगुन धारन नहीं करते तो अपने पर बेरहमी करते हैं
01:10बुद्धी को ताला लग जाता है
01:12वह बाप की दिल पर चड़ नहीं सकते
01:14ओम शांती
01:16रुहानी बच्चों को यह तो अब निश्चे है
01:19कि हमको आत्म अभिमानी बनना है
01:22और बाप को याद करना है
01:24माया रुपी रावन जो है
01:26वह श्रापित दुखी बना देता है
01:29श्राप अक्षर ही दुख का है
01:31वर्सा अक्षर सुख का है
01:33जो बच्चे वफादार फर्मान बरदार है
01:36वह अच्छी रीती जानते है
01:39जो नाफर्मान बरदार है
01:41वह बच्चा है नहीं
01:43भल अपने को कुछ भी समझे
01:45परंतु बाप की दिल पर चड़ नहीं सकते
01:48वर्सा पा नहीं सकते
01:50जो माया के कहने पर चलते
01:52और बाप को याद भी नहीं करते
01:55किसको समझा नहीं सकते
01:57गोया अपने को आपे ही श्रापित करते है
02:00बच्चे जानते है
02:02माया बड़ी जबरदस्त है
02:04अगर बेहद के बाप की भी नहीं मानते है
02:07तो गोया माया की मानते है
02:09माया के वश हो जाते है
02:11कहावत है न?
02:13प्रभू की आग्या सिर्मात है
02:14तो बाप कहते हैं
02:17बच्चे, पुरुशार्थ कर बाप को याद करो
02:20तो माया की गोद से निकल प्रभु की गोद में आ जाएंगे
02:24बाप तो बुद्धिवानों का बुद्धिवान है
02:26बाप की नहीं मानेंगे तो बुद्धी को ताला लग जाएगा
02:29ताला खोलने वाला एक ही बाप है
02:32श्रीमत पर नहीं चलते तो उनका क्या हाल होगा
02:36माया की मत पर कुछ भी पदपा नहीं सकेंगे
02:39भल सुनते हैं परन्तु धारणा नहीं कर सकते हैं
02:43न करा सकते तो उसका क्या हाल होगा
02:45बाप तो गरीब निवाज है
02:47मनुष्य गरीबों को दान करते हैं
02:49तो बाप भी आकर कितना बेहत का दान करते है
02:53अगर श्रीमत पर नहीं चलते तो एकदम बुद्धी को ताला लग जाता है
02:57फिर क्या प्राप्ति करेंगे
02:59श्रीमत पर चलने वाले ही बाप के बच्चे ठहरे
03:03बाप तो रहम दिल है
03:04समझते हैं बाहर जाते ही माया एकदम खत्म कर देगी
03:08कोई आप घात करते हैं तो भी अपनी सत्यानाश करते है
03:12बाप तो समझाते रहते हैं अपने पर रहम करो
03:16श्रीमत पर चलो अपनी मत पर नहीं चलो
03:19श्रीमत पर चलने से खुशी का पारा चड़ेगा
03:22लक्षमी नारायन की शक्ल देखो कैसी खुशनुमा है
03:25तो पुरुशार्थ कर ऐसा उंच पद पाना चाहिए ना
03:29बाप अविनाशी ग्यान रत्न देते हैं
03:32तो उनका निरादर क्यों करना चाहिए
03:34रत्नों से जोली भरनी चाहिए
03:36सुनते तो हैं
03:38परंतु जोली नहीं भरते
03:40क्योंकि बाप को याद नहीं करते
03:42आसूरी चलन चलते हैं
03:45बाप बार बार समझाते रहते हैं
03:48अपने पर रहम करो
03:49दैवी गुण धरन करो
03:51वह है ही आसूरी संप्रदाय
03:54उनको बाप आकर परिस्तानी बनाते है
03:57परिस्तान स्वर्ग को कहा जाता है
04:00मनुष्य कितना धक्का खाते रहते है
04:03सन्यासियों आदी के पास जाते हैं
04:06समझते हैं मन को शान्ती मिलेगी
04:09वास्तव में यह अक्षर ही रौंग है
04:11इनका कोई अर्थ नहीं
04:14शान्ती तो आत्मा को चाहिए न
04:16आत्मा स्वयम शान्त स्वरूप है
04:20ऐसे भी नहीं कहते कि आत्मा को कैसे शान्ती मिले
04:24कहते हैं मन को शान्ती कैसे मिले
04:28अब मन क्या है बुद्धी क्या है आत्मा क्या है कुछ भी जानते नहीं
04:35जो कुछ कहते अत्वा करते हैं वह सब है भक्ति मार्ग
04:39भक्ति मार्ग वाले सीड़ी नीचे उतरते उतरते तमो प्रधन बनते जाते हैं
04:45भलक इसको बहुत धन, प्रॉपर्टिया दी है, परंतु हैं तो फिर भी रावन राज्य में ना।
04:51तुम बच्चों को चित्रों पर समझाने की भी बहुत अच्छी प्रेक्टिस करनी है।
04:55बाप सब सेंटर्स के बच्चों को समझाते रहते हैं।
04:59नंबरवार तो है ना, कई बच्चे राजाई पत पाने का पुरुशार्थ नहीं करते, तो प्रजा में क्या जाकर बनेंगे।
05:06सर्विस नहीं करते, अपने पर तरस नहीं आता है कि हम क्या बनेंगे फिर समझा जाता है ड्रामा में इनका पाट इतना है।
05:15अपना कल्यान करने के लिए ग्यान के साथ-साथ योग भी हो।
05:19योग में नहीं रहते तो कुछ भी कल्यान नहीं होता।
05:22योग बिगर पावन बन नहीं सकते।
05:24ग्यान तो बहुत सहज है, परन्तु अपना कल्यान भी करना है।
05:28योग में न रहने से कुछ भी कल्यान होता नहीं।
05:32योग बिगर पावन कैसे बनेंगे।
05:34ग्यान अलग चीज़ है, योग अलग चीज़ है।
05:37योग में बहुत कच्चे हैं, याद करने का अकल ही नहीं आता।
05:41तो याद बिगर विकर्म कैसे विनाश हूं।
05:44फिर सजा बहुत खानी पड़ती है, बहुत पच्चताना पड़ता है।
05:47वह अस्थूल कमाई नहीं करते तो कोई सजा नहीं खाते है।
05:51इसमें तो पापों का बोजह सिर पर है, उसकी बहुत सजा खानी पड़े।
05:55बच्चे बनकर और बेअदब होते हैं तो बहुत सजा मिल जाती है।
06:00बाप तो कहते हैं अपने पर रहम करो, योग में रहो, नहीं तो मुफ्त अपना घात करते हैं।
06:07जैसे कोई उपर से गिरता है, मरा नहीं तो हॉस्पिटल में पड़ा रहेगा, चिलाता रहेगा।
06:13नहेक अपने को धक्का दिया, मरा नहीं, बाकी क्या काम कर रहा।
06:18यहां भी ऐसे है, चड़ना है बहुत उंचा, श्रिमत पर नहीं चलते हैं तो गिर पड़ते हैं।
06:37तो दास-दासी आदी जाकर बनेंगे। फिर सजा भी बहुत कड़ी मिलेगी। उस समय दोनों जैसे धर्मराज का रूप बन जाते हैं।
06:45परन्तु बच्चे समझते नहीं हैं, भूलें करते रहते हैं। सजा तो यहां खानी पड़ेगी न? जितना जो सर्वीस करेंगे, शोभेंगे।
06:55नहीं तो कोई काम के नहीं रहेंगे
06:57बाप कहते हैं दुसरों का कल्यान नहीं कर सकते हो तो अपना कल्यान तो करो
07:03बांधेलियां भी अपना कल्यान करती रहती है
07:06बाप फिर भी बच्चों को कहते हैं खबरदार रहो
07:09नाम रूप में फसने से माया बहुत धोखा देती है
07:13कहते हैं बाबा फलानी को देखने से हमको खराब संकल्प चलते है
07:18बाब समझाते है
07:19करमेंद्रियों से कभी भी खराब काम नहीं करना है
07:23कोई भी गंदा आदमी जिसकी चलन ठीक न हो
07:27तो सेंटर पर उनको आने नहीं देना है
07:29स्कूल में कोई बदचलन चलते है तो बहुत मार खाते है
07:33टीचर्स सब के आगे बतलाते है
07:36इसने ऐसे बदचलन की है
07:39इसलिए इनको स्कूल से निकाला जाता है
07:42तुम्हारे सेंटर्स पर भी ऐसी गंदी द्रिष्टी वाले आते हैं तो उनको भगा देना चाहिए
07:48बाप कहते हैं कभी कुद्रिष्टी नहीं रहनी चाहिए
07:52सर्विस नहीं करते, बाप को याद नहीं करते, तो जरूर कुछ न कुछ गंदगी है
07:58जो अच्छी सर्विस करते हैं उनका नाम भी बाला होता है
08:02थोड़ा भी संकल पाए, कुद्रिष्टी जाए
08:05तो समझना चाहिए माया का वार होता है
08:08एकदम छोड़ देना चाहिए
08:11नहीं तो वृद्धी को पाए नुकसान कर देंगे
08:14बाप को याद करेंगे तो बच्छते रहेंगे
08:17बाबा सब बच्चों को सावधान करते है
08:20खबरदार रहो, कहां अपने कुल का नाम बदनाम नहीं करो
08:25कोई गंधरवी विवाह कर इकटे रहते हैं
08:29तो कितना नाम बाला करते हैं
08:31कोई फिर गंदे बन पड़ते हैं
08:34यहां तुम आये हो अपनी सद गती करने
08:37न कि बुरी गती करने
08:39बुरे ते बुरा है काम, फिर क्रोध
08:42आते हैं बाप से वर्सा लेने लिए
08:44परन्तु माया वार कर श्राब दे देती है
08:47तो एकदम गिर पड़ते हैं
08:49गोया अपने को श्राब दे देते हैं
08:53तो बाप समझाते हैं बड़ी संभाल रखनी है
08:55कोई ऐसा आये तो उनको एकदम रवाना कर देना चाहिए
08:59दिखाते भी है ना
09:01अमरित पीने आये फिर बाहर जाकर असुर्बन
09:05गंद किया
09:06वा फिर यह ग्यान सुनाना सके
09:09ताला बंध हो जाता है
09:11बाप कहते हैं
09:13अपनी सर्विस पर ही ततपर रहना चाहिए
09:15बाप की याद में रहते रहते
09:17पिछाडी को चले जाना है घर
09:19गित भी है ना
09:21रात के राही ठक मत जाना
09:24आत्मा को घर जाना है
09:26आत्मा ही राही है
09:28आत्मा को रोज समझाया जाता है
09:30अब तुम शान्ती धाम जाने के राही हो
09:33तो अब बाप को, घर को और वर्से को याद करते रहो
09:37अपने को देखना है माया कहां धोखा तो नहीं देती है
09:41मैं अपने बाप को याद करता हूँ
09:44उंचते उंच बाप की तरफ ही दृष्टी रहे
09:48यह है बहुत उंच पुरुशार्थ
09:50बाप कहते है बच्चे कुद्रिष्टी छोड़ दो
09:54देह अभिमान माना कुद्रिष्टी
09:57देही अभिमानी माना शुद्ध दृष्टी
10:00तो बच्चों की दृष्टी बाप की तरफ रहनी चाहिए
10:04वर्सा बहुत उंच है
10:06विश्व की बादशाही कम बात है
10:09स्वप्न में भी किसको नहीं होगा कि पढ़ाई से योग से विश्व की बादशाही मिल सकती है
10:15पढ़कर उंच पद पाएंगे तो बाप भी खुश होगा
10:19टीचर भी खुश होगा, सत्गुरु भी खुश होगा
10:22याद करते रहेंगे तो बाब भी पुछकार देते रहेंगे
10:26बाब कहते हैं
10:27बच्चे यह खामिया निकाल दो
10:30नहीं तो मुफ्त नाम बदनाम करेंगे
10:33बाब तो विश्व का मालिक बनाते
10:35सौभगय खोलते है
10:38भारतवासी ही 100% सौभगय शाली थे
10:40सो फिर सो प्रतिशत दुर्भग के शाली बने हैं
10:44फिर तुमको सौभग के शाली बनाने के लिए पढ़ाया जाता है
10:47बाबा ने समझाया है धर्म के जो बड़े-बड़े हैं
10:51वह भी तुम्हारे पास आएंगे
10:52योग सीख कर जाएंगे
10:54म्यूजियम में जो टूरिस्ट आते हैं
10:57उनको भी तुम समझा सकते हो
10:58अब स्वर्ग के गेट्स खुलने हैं
11:01जाट पर समझाओ
11:02देखो तुम फलाने समय पर आते हो
11:05भारत वासियों का पार्ट फलाने समय पर है
11:08तुम यह नौलेज सुनते हो
11:10फिर अपने देश में जाकर बताओ
11:12कि बाप को याद करो
11:14तो तमो प्रधान से सतो प्रधान बन जाएंगे
11:17योग के लिए तो वह चाहना रखते हैं
11:21हट योगी
11:21सन्यासी तो उन्हों को योग सिखला न सकी
11:24तुमारी मिशन भी बाहर जाएगी
11:26समझाने की बड़ी युक्ती चाहिए
11:29धर्म के जो बड़े-बड़े हैं
11:31उन्हों को आना तो है
11:32तुमसे कोई एक भी अच्छी रीतियन नौलेज ले जाए
11:35तो एक से कितने धेर समझ जाएंगे
11:38एक की बुद्धी में आ गया
11:40तो फिर अखबारों आदी में भी डालेंगे
11:43यह भी ड्रामा में नूध है
11:45नहीं तो बाप को याद करना कैसे सीखे
11:48बाप का परिचे तो सबको मिलना है
11:51कोई न कोई निकलेंगी
11:52म्यूजियम में बहुत पुरानी चीजें देखने जाते है
11:56यहाँ फिर तुमारी पुरानी नौलेज सुनेंगे
11:59धेर आएंगे
12:00उनसे कोई अच्छी रीती समझेंगे
12:03यहाँ से ही द्रिष्टी मिलेगी
12:05या तो मिशन बाहर जाएगी
12:07तुम कहेंगे बाप को याद करो
12:09तो अपने धर्म में उच्च पद पाएंगे
12:12पुनर्जन्म लेते लेते
12:14सब नीचे आ गए है
12:15नीचे उतरना माना तमो प्रधान बनना
12:18पोप आदी ऐसे कह न सके
12:21कि बाप को याद करो
12:22बाप को जानते ही नहीं
12:25तुमारे पास बहुत अच्छी नौलेज है
12:27चित्र भी सुन्दर बनते रहते है
12:29सुन्दर चीज होगी
12:31तो म्यूजियम और ही सुन्दर होगा
12:33बहुत आएंगे देखने के लिए
12:35जितने बड़े चित्र होंगे
12:37उतना अच्छी रीती समझा सकेंगे
12:39शौक रहना चाहिए
12:41हम ऐसे समझाए
12:42सदा तुमारी बुद्धि में रहे कि
12:45हम ब्रामन बने हैं
12:46तो जितनी सर्विस करेंगे
12:48उतना बहुत मान होगा
12:49यहां भी मान तो वहां भी मान होगा
12:52तुम पूज्य बनेंगे
12:54ये ईश्वर ये नौलेज धारन करनी है
12:56बाप तो कहते हैं
12:58सर्विस पर दोड़ते रहो
12:59बाप कहां भी सर्विस पर भेजे
13:02इसमें कल्यान है
13:04सारा दिन बुद्धि में सर्विस के खयाल चलने चाहिए
13:08फॉरेनर्स को भी बाप का परिचे देना है
13:11Most Beloved बाप को याद करो
13:14कोई भी देहधारी को गुरु नहीं बनाओ
13:17सबका सद्गति दाता वह एक बाप है
13:29वर्सा भी हुलसेल देते है
13:3121 जन्म के लिए विश्व की राजाई लो
13:34मुख्य चित्र हैं ही त्रिमूर्ती, गोला, ज्जाड, सीढ़ी, विराट रूप का चित्र
13:40और गीता का भगवान कौन
13:43यह चित्र तो फर्स्ट क्लास है
13:46इसमें बाप की महिमा पूरी है
13:48बाप नहीं कृष्ण को ऐसा बनाया है
13:51यह वर्सा गौड फादर ने दिया
13:53कल्यूग में इतने धेर मनुष्य है
13:56सत्यूग में थोड़े है
13:57यह फेर घेर, अदली बदली
14:00किसने की?
14:02जरा भी कोई नहीं जानते है
14:03तो टूरिस्ट बहुत करके
14:05बड़े-बड़े शेहरों में जाते है
14:07वह भी आकर बाप का परीचे पाएंगे
14:10पॉइंट्स तो सर्विस की बहुत मिलती रहती है
14:12विलायत में भी जाना है
14:14एक तरफ तुम बाप का परीचे देते रहेंगे
14:17दूसरे तरफ मारा-मारी चलती रहेगी
14:20सत्यूग में थोड़े मनुष्य होंगे
14:22तो जरूर बाकी का विनाश होगा न
14:24वर्ल्ड की हिस्ट्री जोग्राफी रिपीट होती है
14:27जो हो गया वो फिर रिपीट होगा
14:30परंतु किसको समझाने का भी अकले चाहिए
14:33अच्छा
14:35मीठे मीठे सिकील्धे बच्चों
14:39प्रती मात पिता बाप दादा का याद प्यार
14:42और गुड मॉर्निंग
14:44रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते
14:46हम रूहानी बच्चों की रूहानी मात पिता बाप दादा को
14:51याद प्यार, गुड मॉर्निंग और नमस्ते
14:54धारणा के लिए मुख्य सार
14:571. सदा एक बाप की तरफ ही द्रिष्टी रखनी है
15:03देही अभिमानी बनने का पुरुशार्थ कर माया के धोखे से बचना है
15:09कभी कुद्रिष्टी रख अपने कुल का नाम बदनाम नहीं करना है
15:132. सर्विस के लिए भाग दोड करते रहना है
15:19सर्विसेबल और आज्याकारी बनना है
15:23अपना और दूसरों का कल्यान करना है
15:26कोई भी बच्चलन नहीं चलनी है
15:28वर्दान
15:30फुल स्टॉप की स्टेज द्वारा प्रकृतिक की हल्चल को स्टॉप करने वाले
15:34मास्टर प्रकृति पतिभव
15:37वर्तमान समय हल्चल बढ़ने का समय है
15:40फाइनल पेपर में एक तरफ प्रकृति का और दूसरी तरफ पांच विकारों का विक्राल रूप होगा
15:46तमोगुणी आत्माओं का वार और पुराने संसकार, सब लास्ट समय पर अपना चांस लेगे।
15:54ऐसे समय पर समेटने की शक्ति द्वारा अभी-भी साकारी, अभी-भी आकारी और अभी-भी निराकारी स्थिती में स्थित होने का अभ्यास चाहिए।
16:04देखते हुए न देखो, सुनते हुए न सुनो, जब ऐसी फुल स्टॉप की स्टेज हो, तब प्रकृती पती बन, प्रकृती की हल्चल को स्टॉप कर सकेंगे।
16:15स्लोगन
16:16निर्विग्न राज्य अधिकारी बनने के लिए निर्विग्न सेवाधारी बनो।
16:20अव्यक्त इशारे
16:22कंबाइंड रूप की स्मृति से सदा विजई बनो
16:26सदा यही स्मृति रहे
16:28कि मैं रूप उस सुप्रीम रूप के साथ कंबाइंड हू
16:32सुप्रीम रूप मुझे रूप के बिना रह नहीं सकते
16:36और मैं भी सुप्रीम रू के बिना अलग नहीं हो सकता
16:39ऐसे हर सेकंड हजूर को हाजिर अनुभो करने से
16:43रूहानी खुश्बू में अभिनाशी और इक्रस रहेंगे
16:47ओम शांती
17:06ये समय है बड़ा वर्दानी