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  • 2 days ago

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00:00ये कौन सा प्रेम है जिसमें धर्म परियुर्टन कराया जा रहा है भाई
00:04तो हम दोनों ने पैसला किया शादी करने का
00:08फामिली बांडिंग वाला रिलेशन होता है वो शादी से पहले अगर क्लियर हो जाएगा
00:13तो अच्छे से मां मतला उनके धराम को उनकी फल्चा को मैं एकसेप्ट कर पाऊंगी और उसमें कूल मिल पाऊंगी
00:21मैं हूँ मेरी बहुन है जो मैं उसको लगाता हूं दो मुझको वो लगाती है तो यह सब मैं उसके साथ कर सकता हूँ
00:27पर एक दिन में उसको बोल तो यह घर ही तेरा नहीं है, यह तो मेरे मूँसे ही निकलेगा कभी, भीतर से लड़की सिकुड जाती है, जहां जाओंगी कहीं उमारनी पीटने तो नहीं लगेगा, मा को पीटते देखा है, सामने क्लाइंट बैठा है जो पूछ रहा है डिलिवर
00:57आप कहा रही हैं कि धर्म परिवर्तन कर लो ताकि तुम मेरी फैमिली के साथ अच्छे से एड़जस्ट कर पाओ, यह प्यार करा जा रहा है या धर्म परिवर्तन का कारकरम चलाया जा रहा है
01:10नमस्ते अचार जी, मेरा नाम प्रिया है, मेरा कुश्चिन ठोगा, इसलिए मैंने मास्क लगाया हुआ है
01:21मेरा कुश्चिन?
01:24परसनल लाइफ से रिलेटेड है, इस ही प्रशन है मेरा
01:27मैं जिस गाओं से आती हूँ, वहाँ पर लड़कियों की एजुकेशन पर जान नहीं दिया जाता है
01:36और मुझे भी रोका जाता था, बाउन किया जाता था कि पढ़ाई मत करो
01:40क्योंकि तो मैं तो सरफ घर के काम देखने हैं
01:43और तुम पढ़ाई करके क्या करोगी
01:46तो मैंने किसी तरीके से अपनी एजुकेशन ली और उसके बाद
01:50अब मैं चार साल से मुंबई में IT कंपनी में काम कर रही हूँ
01:55मेरे जो पराने रिष्टेदार थे, उनसे बात होना कम हो गई
01:59जो दोस्यार थे, वो भी छूट गए
02:02मतलब उनसे बात कम होने लगी तो कुछ अकेला बन सा मैसूस होने लगा
02:06मेरी दोस्ती दियास नाम के बंदे से हुई है
02:10वो मेरा ओफिस कलीगी है, जिसके साथ अब काफी close relationship है मेरा
02:16और मतलब बंदा अच्छा है, उससे मुझे कोई problem नहीं है
02:22कुछ दिनों से ऐसा है कि मुझे लग रहा है कि वो मेरी care की जगे काफी ज़्यादा पादिसे हो रहा है
02:28उसका मन्ना है कि वो care कर रहा है, बट मुझे लगता है कि वो care नहीं position less है
02:35तो काफी सारी अच्छा ही है, मेरी care करता है और जब भी मैं अकेली होती हूँ
02:41तो साथ देता है मेरा, तो अब जैसे office में कुछ late हो जाना या
02:47दूसरे कलिक से बात करना तो उसको लगता है कि मुझे नहीं करना चाहिए
02:52यहां उसका phone चेक करना, वो मुझे उसका शक करने जैसा लगता है
02:56लेकिन इसके साथ ही अभी जो मेरा प्रशन है, वो मेरी relationship को लेकर ही है
03:06क्योंकि हम दोनों की उम्र कुछ ऐसी है, अभी मैं 27 साल की हो गई हूँ
03:11कही ना कहीं अकेला पन मैसूस होता है
03:13हम दोनों ने फैसला किया, शादी करने का
03:18अभी मैंने अपने गरवालों को तो नहीं बताया है, लेकिन रियास ने अपने गरवालों को बताया है
03:23और रियास चाहता है कि मैं अपना धर्म परिवर्टन कर लूँ शादी से पहले
03:28ताकि जो family bonding होती है, उसकी family मुझे जानती है
03:32और उनके धर्म को, उनकी culture को मैं गुल मिल पाऊंगी
03:38इसमें में को समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए
03:43क्योंकि काफी बड़ा फैसला है मेरे लिए
03:45इसलिए मैं आप से बात करना चाहरी थी
03:49तीन बाते मैं सुन पाया पहली और तीनो एक तूसरे से जुड़ी हुई है
04:01एक order में है, एक क्रम में है
04:05पहली loneliness, अकेला पन
04:08आपने क्या कहा कहां से आती हैं, शेहर का नाम नहीं बताना चाहिए
04:17तो भी छोटे शेहर से आती है
04:18गाओं भूले लगाओं
04:20ठीक ठीक ठीक
04:23तो गाओं गाओं की संस्कृते
04:30वहाँ लड़की और मुश्किल से उसकी लिखाई पढ़ाई हुई है
04:37क्यार किसी तरह उपढ़ गई
04:38अब वो जाकर मुंबई में नौकरी कर रही है
04:44यह loneliness
04:45दिखो
04:49यह चीज न सबके
04:59साथ हो सकती है यह खत्रा रहता है
05:04जब आप एक घर बनाते हो
05:06उसमें एक परिवार रहता है
05:10और वो परिवार किसी कारण से अपने लोगों को
05:17सही अच्छा साफ प्रेम नहीं दे पाता
05:23कई बार तो कारण यही रहता है कि लड़की है
05:26पर आए घर जाना है
05:28इसके साथ बहुत दिली रिष्टा बना कर होगा भी क्या
05:33और गाओं की लड़की है तो 16, 18, 20 साल में ही
05:37उसकी विदाई हो जानी है
05:38तो उसको हम बहुत अपना क्या माने
05:44और भीतरी भीतर यह बात जब आपको पता होती है
05:47कि लड़की है इसकी विदाई हो जानी है
05:48इसको अपना क्या माने
05:50तो वो चीज लड़की को भी दिखाई दने लग जाती है
05:54कि ये मुझे अपना मानते हैं नहीं
05:57घर के महत्वपूर्ण फैसले होते हैं
06:00उसमें भाई लोग बैठ जाते हैं
06:03मुझे नहीं बठाया जाता
06:04ना खुदी आकर वाँ खड़ी हो जाऊं तो बात अलग है
06:07पर कोई नहीं कहता कि आओ बैठो
06:10एक जरूरी बैठक है इसमें तुम्हारा भी होना आवश्यक है
06:15ऐसा नहीं होता घर में दिखने लग जाता है
06:17बात बात में उसकी शादी की चिंता करना
06:22उसको पराया धन बोलना
06:25उसको दूसरे की अमानत बोलना
06:29ये लोनलिनेस है
06:31वो किस से बात करे
06:33और अगर छोटे शहर या गाओं का महौल है
06:38तो दूसरे से बात करने के सुविधा
06:43या इजाज़त तो वैसे भी नहीं होते
06:46घर वाले उसे पूरी तरह अपना मानते नहीं
06:50मैं कुछ बातें ऐसी बोलूँगा
06:53जो आप के कंटेक्स से बाहर की है
06:57क्योंकि जो मैं जवाब दे रहा हूँ
06:59वो मैं नहीं चाहता कि वो बस आपके लिए हो
07:01वो उसका एक व्यापक अर्थ होना चाहिए
07:05ज्यादा लोगों के लिए वो जवाब रेलेवेंट होना चाहिए
07:09ठीक है
07:10तो आप उसी हिसाब से सुनियेगा
07:14तो बाहर वालों से उसको बहुत बात करने की अजाज़त नहीं है
07:19भाई भी गया है
07:22स्कूल या कॉलेज और वो वहाँ से
07:25दो बजे कॉलेज छूड जाता है
07:28और भाई वहाँ से पांच-छे बजे भी आ रहा है
07:29तो कोई पूछने वाला नहीं है
07:31पर लड़की है और दो बजे का कॉलेज है
07:35और ढाई की जगे तीन बज गए
07:37तो अफरात अफरी का महौल है
07:40अभी तक घर क्यों नहीं पहुँची
07:42ऐसे जैसे कि कितना प्यार हो उससे
07:46कि अभी तक तु घर नहीं पहुँची
07:47तेरे दर्शन के लिए हम व्याकुल हो रहे थे
07:51हाँ जब वो घर पहुँच जाए
07:53तो उसको पूछना नहीं है
07:54अपना वो आके पड़ी है
07:55उसको पूछना भी है तो बस यही कि हाँ आजा
07:58अब काम में हाथ बटा दे
08:00ये कर दे वो कर दे
08:01भाई
08:04के अंक खराब हो जाएं
08:07तो बात होगी अरे पढ़ाई ठीक से करना
08:09क्या करना है क्या नहीं करना है
08:10लड़की बहुत अच्छी हो पढ़ने में
08:13तो भी कोई बड़ी बात नहीं है
08:15और बहुत खराब हो पढ़ने में
08:17तो भी कोई बड़ी बात नहीं है
08:18हम loneliness समझना चाहते है
08:21भारत के साधारन छोटे शहरों और गाउं से आने वाली लड़कियों
08:27के संदर्भ में हम ये जो loneliness अकेले पन की बात उसको समझना चाहते हैं
08:33और हम देखना चाहते हैं कि वही loneliness आगे चल करके फिर क्या बन जाती है
08:37समझ रहे हो बात को
08:42अब ये job करती हैं तोनोंने graduation तो करी ही होगी
08:52पर graduation वही graduation जब भाई को कराई जाती है
08:57तो डेढ़ हजार किलो मेटर दूर भी अगर कोई अच्छा college मिल रहा होगा
09:03तो उसको भेजा जाएगा
09:04और डेढ़ हजार किलो मेटर दूर उस college में भेजने के लिए अगर मोटी donation भी देनी पड़े
09:11तो दी जाएगी
09:13ज़रूरी नहीं है कि भाई बहुत काबिल है और merit पर ही दाखिला पा गया है
09:19पर आप हो सकता है आप यूपी बहार के किसी छोटे शहर गाउं से होँ
09:25और बैंगलोर में किसी college में अच्छा कोई रकम दे करके मिल रहा है अडमिशन तो भाई के लिए वो रकम खर्च कर दी जाएगी
09:33और ऐसा नहीं कि graduation लड़की को नहीं कराई गई पर उसको बोला जाएगा यहां पास में ही कसबा है
09:39गल्स डिग्री college
09:42वहाँ पे जाके तु बीए कर ले
09:45तो कहने को तो दोनों graduate है पर दोनों की graduation में बहुत अंतर है
09:48बहुत अंतर है
09:50भाई की पढ़ाई के लिए बाप करजा उठाने को भी तयार हो जाएगा
09:56यह आप लोगों के लिए अच्छी community activity है भारत में जो education loan लिये जाते हैं
10:03पता करिये कि उसमें लड़कों के लिए कितने लड़कियों के लिए कितने हैं
10:06खोश उड़ जाएंगे आपके
10:07और उसमें फिर देखिए कि उत्तर हारत में और दक्षिन हारत में क्या नुपाथ है
10:14और मज़ा हैगा आपको
10:15अब वो कोई पागल तो नहीं पैदा हो गई है ना उसको भी दिखाई देता है
10:25वो भी समझ जाती है कि ये मुझे तो सचमुची पराया मानते हैं
10:30और परायी तो वो है क्योंकि ये ही विवस्था है कि उसको उठा करके बाहर कहीं बेश दो कि जा अपने घर जा
10:37ये अपना घर जा भास समझ भी नहीं आता है मुझे ये बचपन से ही नहीं ये बाद समझ में आई
10:43मैं हूँ मेरी बहन है बड़ी जबरदस्त है वो
10:48किसी भी बात पर मैं उससे लड़नू सब रहता है मामला ब�राबरी कर रहता है दो मैं उसको लगाता हूँ
10:55दो मुझको वो लगाती है
10:57तरीके तरीके से
11:00मैं भी उसके खिलाफ कुछ साजिश करता था
11:02स्कूली दिनों मैं वो भी करती थी
11:04जादा वो ही जीट जाती थी
11:05तो ये सब मैं उसके साथ
11:08कर सकता हूँ
11:09बहिमानिया भी करता था मैं उसके साथ
11:11कुछ वो भी करती थी
11:12ये भी हो सकता है
11:13पर एक दिन वो उसको बोल दू
11:15ये घर ही तेरा नहीं है
11:16ये तो मेरे मूँसे नहीं निकलेगा कभी
11:19क्योंकि ये बात सच्ची है ही नहीं
11:21ये कैसे कहा जा सकता है
11:23उससे नहीं कहा जा सकता है
11:25कुछ भी और कह दो
11:28गैंडी बोल दो
11:31ऐसे मोटी बच बने
11:35कुछ भी बोलते थे
11:45सब करते थे
11:46मस्तमार पीट भी होती थी
11:48पर ये थोड़ी बोल पाओगे कि
11:51ये तेरा घर नहीं है
11:53ये कैसे बोल सकते हो
11:58आरी बात समझ में
12:02एक बार आपने उसके भीतर
12:05ये बार डाल दी कि
12:06ये तेरा घर नहीं है
12:07तेरा घर कोई और है
12:09समाज की इस आधी आबादी के भीतर
12:14एक बड़े गहरे अलगाव का
12:19अकेले पन का
12:21सूने पन का
12:23परित्यक्त होने के
12:25भाव का जन्म होता है
12:27पुर्षों के लिए समझना थोड़ा मुश्किल होगा
12:29पर प्रियास करिए
12:30आप बच्पन से ये ऐसे महौल में हो
12:35जहां आप सुनते आ रहे हो
12:36रोज कि तुझे यहां से निकलना है
12:38निकलना है
12:38और घर वाले भी
12:46और अडोसी पडोसी भी
12:47और रिष्टेदार भी
12:49इसी जुगत में लगे हैं कि
12:52कब होगा कब होगा
12:53कब होगा
12:54रड़की जवान हुई जा रही है
12:57क्या करना है
12:58आप सोचिए कि उसके भीतर
13:04आप क्या पन पा रहे हो
13:06एक तरह का नियूरोसेस है ये
13:09और वो यह देख रही है कि
13:12यही पर भाई पैदा हुए
13:13उनको कोई नहीं बोल रहा कि
13:14तुम्हें घर छोड़ना है
13:15और घर छोड़ना है इसमारे नहीं कि
13:17घर छोड़के तुमको
13:19कोई बहुत उचाईयां मिलने वाली है
13:22केरियर की या कॉंशेसनेस की
13:24कुछ नहीं है घर छोड़ना है
13:26क्योंकि बस लोकधर्म है, घर छोड़ो, निकलो यहां से, जैसे जड़ ना हो, जैसे टूटा हुआ, हवा में तैरता हुआ, पत्ता हो, जिसको पता ही नहीं हो, कहां जाके गिरेगा,
13:45वो अपने आसपास देख भी रही है, घर को तो कह रही है, यह तो मेरा है नहीं, और जिसको यह मेरा घर बता रहे हैं, उसको मैं जानती नहीं, तो फिर मेरा घर का हैं, मैं हूँ कौन,
13:57भीतर से लड़की सिकुड जाती है, उसकी जैसे पूरी चेतना ही संकीर्ण हो गई हो, डर आ जाता है उसके भीतर, छुटपन आ जाता है भहुत तरीके का,
14:18वो बड़ी बातें अब सोचने में लगभग समर्थ हो जाती है, भाई जिसको अभी अपने घर का ही नहीं पता, वो और कौन सी बड़ी बात सोचे, जिसको अभी यही नहीं पता, कि इतनी बड़ी चीज भविश्यों में मेरे साथ होनी क्या है, कि मैं कहां जाकर पढ़ने �
14:48कि आसपास के लोग इनकी उपेक्छा इनके विवहार का इंडिफरेंस और जिसके हाँ जाना है वो होगा कौन और गाउं में तो ये सब भी बहुत चलता है मार पीट और जहां जाऊंगी कहीं उमारनी पीटने तो नहीं लगेगा उन घर में भी देखा है अपनी भावियों को
15:18कोई ज़रूरी नहीं है कि अपड़ चेहरे पर ही मारा जाए नहीं भी पिट रही है तो
15:24शरणार्थी होना समझते हो रिफ्यूजी होना समझते हो हम जहां के थे वहां से उठा के हमें कहीं और डाल दिया गया है अप रूटेड जड़ से उख़ड दिया गया है
15:38जड़ से मुझे उख़ड दिया गया है और न जाने कहां मुझे जाके डाल दिया जाएगा और कहा जाएगा कि अब तुम
15:48इनको अपना मानो इस हद तक अपना मानो कि तुम्हारे माबाब भी जैसे बदल गए इनको बोलो पापा मम्मी
15:56कैसे पापा उम्मी किसी और को बोल दे
16:00पर उब बोलती है
16:04तारी बात समझे
16:08ये खौफनाक तरह का सूना पन है उसकी जिन्दगी में
16:14वो घर से निकली है अब आपके मुद्दे पर आ जाते
16:19आप घर से निकली है आप बंबई पहुँच गई
16:21आम तोर पर वैसे आप जिस परिवेश से आ रही है न
16:28उस महौल की लड़कियों को जौब भी मिलती नहीं है
16:30आपको कैसे मिल गई यही चमतकार है
16:32क्योंकि उनकी पढ़ाई इस लायक नहीं होती है कि उनको नौकरी मिल जाए
16:37और कई बार तो खुद भी नौकरी करना चाहती नहीं है
16:42क्योंकि उन्होंने अपनी किसमत के आगे घुटने टेक दिये होते है
16:45वो बुलती ही नौकरी करके क्या करेंगे
16:47जाके बरतन माजने हैं और बच्चे पालने हैं ये नौकरी का मैं स्वांग करूँ ही क्यों करना ही नहीं है
16:53और मिल भी जो नौकरी रही आठदहजार की नौकरी कहीं मिल रही है उतने की भी नहीं मिल रही है
16:57तो मुझे नौकरी करनी ही नहीं है
16:59पर आपकी अच्छी बात आपको मिल गई, आप कर रही हो नौकरी
17:05अब ये वेक्ति कौन है जो उस नौकरी में गया है
17:12जिसका अपना अब कोई भी नहीं है
17:13क्योंकि एक बार आप वो नौकरी में चली गई
17:16तो घरवालों के लिए वैसे भी एक अबूज चीज हो जाती है
17:20उन्होंने ये भविश्य उसके लिए सोचा नहीं होता है
17:24मैं सब घरों की बात नहीं कर रहा हूँ
17:26पढ़े लिखे घरों में हालत बदल चुकी है
17:30जहां शिक्षा है
17:33और जहां थोड़ी अग्रणी और आधुनिक और खुली सोच है
17:38वहां ऐसा व्यवहार अब कम हो गया है
17:40पर गाउं कमई की कोई लड़की हो जाके जौब कर रही है
17:44ये तो उस पूरे गाउं में कभी हुआ ही नहीं
17:46तो अब घरवालों गाउं वालों के लिए वह कैसी हो गई है
17:50अब ऊझ बूझ अब हमें समझ में ही नहीं आती
17:52वह जानी नहीं पाते अब इससे बात क्या करे
17:54मा भी अभ्यस्त है बहनों से
18:00इसी रड़की की बहनों से ये बात करने में
18:02कि और अगला बच्चा कब आ रहा है
18:04और तेरी सास ने आज तुझे मारा की नहीं
18:08और अगला व्रत्ते ओहार है तुने पालन किया की नहीं
18:11मा को भी ये सब बाते तो करनी आती है
18:14इनसे क्या बात करे मा तुने code सही लिखा की नहीं
18:18तेरा salary increment कब होगा
18:19तु इस company को छोड़के अगली company में कब जा रही है
18:23तुझे overseas exposure देने वाले हैं क्या
18:28मा ये सब बाते करना जानती ही नहीं है
18:31हम loneliness समझ रहे हैं loneliness
18:33तो मा का phone भी आता है
18:35तो क्या बात करें मा बस एक बात पूछ सकती है
18:37ये सब तो ठीक है
18:38शादी बता शादी बता शादी बता
18:42वो हो सकता है बहुत जबरदस मीटिंग करके लोटी हो
18:45वो हो सकता है किसी foreign client से बात करके अभी
18:49पुरसत मिली हो
18:51और phone आ रहा है मा का मा सूठते ही शादे
18:57सामने client बैठा है जो पूछ रहा है delivery कब शुरू होनी है
19:00मा एक ही delivery जानती है
19:02और client पूछरा बताईए
19:07यह हमारी terms थी इस दिन तक मामला deploy हो जाना चाहिए
19:11उसके बाद हम आपका payment release करेंगे
19:14वहाँ अलग बात हो रही है
19:15और इधर मा, भावी, बुआ
19:19आप loneliness देख पा रहे हैं
19:22एक छितराया हुआ मन
19:26एक पौधा जिसको जड़ों से उखाड़ा गया
19:30और वो अब जहां जाकर के
19:35फिर से जड़े फैलाना चाहता है
19:37वहाँ भी उसे जड़े लेने नहीं दिया जा रहा
19:39यह हालत कर दिये भारत में
19:43हमने अपनी रड़कियों की, बेटियों, बेहनों की
19:46यह बैग्राउंड सोज में आ रहा है
19:53अब कोई मिल जाता है ऑफिस में
19:57जो यह देख लेता है
20:00कि इसके भीतर पड़ा अकेला पन है, सूना पन है
20:04यह किसी की नहीं है
20:05इसकी आखों में उदासी है
20:10और कुछ जानती नहीं है
20:14क्योंकि इसका बैग्राउंड ऐसा है
20:15कि ना इसको नाच सिखाया गया
20:17ना संगीत सिखाया गया
20:19ना कोई खेल सिखाया गया
20:20ना इसने कभी अच्छी किताबे पढ़ी है
20:24अपने घरगाओं में
20:25तो इसके पास ऐसा भी नहीं है
20:27कि आफिस से फुरसत होगी
20:28तो यहां से चली गई है
20:30और दो घंटे जम कर
20:33बैडमिंटन खेला और उसमें इतना ठक गई कि
20:35सो गई यह ऐसी भी नहीं है
20:37यह कुछ नहीं जानती
20:38यह बड़े शहरों के रंगढ़ंग भी नहीं जानती
20:41यह यह भी नहीं कर पाईगी कि
20:42किसी जाकर के अच्छे कैफे में बैठ जाए
20:45इसको यह सब भी नहीं पता
20:47यह कुछ नहीं जानती
20:49बस यह है कि किसी कदर
20:51किसी इंजिनरिंग कॉलेज में
20:53बंजिनरिंग कॉलेज बहुते रहे हैं
20:55मीडियोकर
20:55कहीं से इसनी इंजिनरिंग कर ली
20:57किसी तरह इसकी जॉब लग गई बाकि जानती है कुछ नहीं है
21:00और उस जॉब में भी इतना पैसा इसको भी मिलता नहीं है
21:05कि यह जा करके खुल के यही कर ले कि मैं जा रही हूँ और चार घंटे शॉपिंग करूँगी
21:10इतना भी पैसा नहीं है कि इतनी शॉपिंग करे
21:12तो यह क्या करती है इसके पास एक छोटा सा कमरा होगा
21:15या PG में रहती होगी
21:19और यह वहाँ चली जाएगी और घुस जाएगी
21:21और वहाँ क्या है अब साएं साएं सूनापन
21:23और वो सूनापन
21:27वो खाली पन इसके चेहरे में इसकी आँखों में दिखाई देता है
21:31मुझे माफ करना अगर इसमसे कुछ बाते तुम पर लागू नहीं होती हो तो
21:34फीक है मैं एक ज़्यादा बड़ी ओडियन्स के लिए बोल रहा हूँ
21:37अब यह सबको दिखाई देता है
21:43चुप रहती है अपने में रहती है
21:45या की जबरदस्ती दूसरे ग्रुप्स में घुसने की कोशिश करती है
21:50just to feel that I belong
21:52एक आदमी जो बहुत अकेला हो न
21:56वो फिर कई बार अपनी इज़द को भी
21:59ताक पर रखकर दूसरे ग्रुप्स में घुसने की कोशिश करता है
22:05और कई बार तो उसको ऐसे कुहनी मार दी जाती है
22:07कि तुम बाहर रहा हो तुम क्यों घुच रहे हो
22:08ये आ गई है small town
22:12और ये हम मुंबई वालों के बीच में घुचने की कोशिश कर रही है
22:15क्यों आप हो अगर आप तो small town भी नहीं
22:19आप तो village बोल रही हो
22:20आप हो small town तो वो cultural baggage रहता है
22:23आप इतनी असानी से वहाँ पर adjust नहीं हो पाओगे
22:26belong नहीं कर पाओगे तो फिर से वही loneliness
22:28अब ये देखा किसी ने कि ऐसी है
22:33और आपके अगर office में साथ है तो दिन भर आपको देख रहा है
22:36आपके विवहार से पता चल रहा है
22:38ये आप तनहा हो
22:39और जो आपको देख रहा है उसके भी अपने स्वारत है
22:44वो कौन सा आत्म ग्यानी बैठा हुआ है
22:46वो आ गया आपके पास
22:51और आप फिर उससे ऐसे चिपकोगी जैसे व्रिक्ष से लता
22:57क्योंकि लता कमजोर है
22:59लता कमजोर है उसको रीड कभी विक्सित करने दी नहीं गई
23:05तो उसे जो भी पेड मिलता है वो उसी से ऐसे लिपट जाती है
23:08और गर व्रिक्ष का स्वारत हो
23:13तो फिर तो वो जानबूज करके लता की तरफ
23:16एक शाख भेज देता है
23:19हाथ बढ़ा देता है और वो लिपट जाएगी तुरंत लिपट जाएगी
23:23बहुत मेहनत नहीं करनी पड़ती
23:24तुरंत एक
23:27गलत रिष्टा बन जाता है
23:30गलत इस अर्थ में नहीं कि
23:32धर्म अलग है या कोई और बात
23:36गलत इस अर्थ में कि रिष्टे की बुनियाद ही
23:39लोनलिनेस है
23:40ऐसा कुछ नहीं है कि बहुत समझदारी है
23:44ऐसा कुछ नहीं कि सामने वाला व्यक्ति
23:48बहुत जबरदस्थ है
23:50बस हम ऐसे अकेले थे
23:56ऐसे लोनली थे कि
23:58जो मिला
23:59लिपट गए
24:03लिपट गए
24:07अरी बात
24:12अब यहां से शुरुआत होती है
24:14पजेस्ट होने की
24:15पजेसिवनेस देखो
24:18सब में होती है बटा
24:20मैं हमेशा पूछा करता हूँ
24:22पजेसिव वो होगा
24:23पजेसिव मने यह चीज मेरी है
24:25मेरा देकार है इसका इस्तिमाल सिर्फ
24:27पजेसिव तो हर कोई होता है
24:31क्योंकि स्वार्थी सबी है
24:32तुम पजेस्ट क्यों हो गए
24:33पर तुम पजेस्ट हो जाओगे
24:36क्योंकि
24:36तुम बहुत डरे हुए हो
24:38तुम कहते हो बड़ी मुश्किल से
24:40जिन्दगी में कोई आया है
24:41बाप, मा, बहन
24:44भाई
24:46दोस्त कोई है नी
24:47दोस्त में बोलना भूल गया
24:49यह जो
24:49जो हमारा परिवेश होता है न
24:51इसमें दोस्त नहीं होते लड़कियों के
24:53लड़कियों के दोस्त नहीं होते
24:56मैं नहीं कह रहा है कि लड़के हैं उनके दोस्त हो
25:01लड़कियां भी लड़कियों की दोस्त नहीं होती है
25:03क्योंकि सब लड़कियों को पता है कि दूसरी लड़की से दोस्ती करके क्या करेंगे
25:07मेरा परिवार तो दूसरा है
25:08लड़के लड़कों की दोस्तियां बड़ी लंबी लंबी भी होती है
25:14बीस बीस चालेस चालेस साल पुरानी लड़कियों की ऐसी नहीं होती
25:17ये बड़ी अजीब बात है
25:20भारत में अभी भी आप पाओगे की घूमने फिरने के लिए
25:25लड़के पांट साथ का जुंड बना के घूम रहे हैं
25:28गर्ल्स गैंग्स हमें नहीं देखने को मिलते
25:31ये कुछ नहीं है पहाड़ पे ही चुटी में चले गए हैं
25:33और पांच लड़कियां ही कठे घूम रही है
25:35उनमें कभी वो बॉन्डिंग होने ही नहीं पाती है
25:38लड़की अकेली ही है
25:41तो कोई नहीं उसका अब वो एक मिल गया है
25:49तो समझ भी नहीं आता कि सामने वाला जो कर रहा है
26:05वो प्रेम है या पोजेशन है
26:10ये अंतर स्पष्ट भी नहीं होता
26:12बलकि ऐसा ही लगता है कि आज तक किसी ने
26:15मुझसे जो सवाल नहीं पूछे वो ये पूछता है न
26:17घर में तो मुझसे कोई नहीं पूछता था
26:20कि जानू तुमने खाया कि नहीं खाया
26:22खाले तो ठीक है ना खाले तो ठीक है
26:24ये पूछा करता है
26:27ये बढ़ियां बात हुई है
26:29एक नई अनू भूती आती है
26:33पहली बार कोई मिला है जिसे मेरी फिक्र है
26:36समझ रहे हो बात को
26:41पहली बार कोई मिला है जो बार-बार पूछ रहा है कि
26:45अरे तुमने अपने फलाने टेस्ट करा लिए
26:47मेरे कहले से चश्मे का न ये फ्रेम तुम्हें सूट नहीं करता
26:53मेरे साथ चलो
26:54दूसरा फ्रेम
26:57इस जहां के नहीं है तुम्हारी आखे
27:00इतनी प्यारी आखे
27:02आज तक तो उसे किसी ने बोल ले ये नहीं था
27:05घर में तो यही था कि आखे फूट गई है क्या
27:10करम जली दही गिरा दी
27:13अब कोई मिला है जो कह रहा है
27:17इस जहां की नहीं है तुम्हारी आखे
27:21और उसके पास कोई नहीं है
27:23जिससे जाके वो यह सब बाते कर सके
27:25घर, परिवार, भाई, भेहन भी नहीं
27:27दोस्त भी नहीं कोई नहीं है
27:28वो लता की तरह लिपट जाएगी
27:31आरी बात समुझ में
27:40इस तरह से कभी किसी अच्छे रिष्टे का जनम
27:43नहीं होता कभी नहीं
27:44और रिष्टा कैसा है वो इसी समझ में आ जाता है
27:50कि उसने तुम्हें किस नियत से पजेस करा है
27:56आप कह रही हो कह रहा है कि धर्म परिवर्तन कर लो
28:00ताकि तुम मेरी फैमिली के साथ अच्छे से एड़्जस्ट कर पाओ
28:05ये कौन सा प्रेम है जिसमें धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है भाई
28:10ये कौन सा प्रेम है
28:15और फैमिली के साथ ही एड़्जस्ट होना है तो तुम ये भी तो कह सकते हो
28:23कि भाई तुम्हें भी मेरी फैमिली के साथ एड़्जस्ट होना चाहिए
28:28तो ऐसा करते हैं
28:31कि धर्म परवरतन तुम कर लो
28:32दोनों इ बाते मूर्खता की होंगी
28:36और मूर्खता भी नहीं है
28:39इसमें हिंसा है
28:43इसमें साजेच है
28:44इसमें कहा जा रहा है कि
28:50मैं designated मेरा विश्वास
28:54मेरा पंथ मेरा मजहब ऊपर आता है
28:56मेरी पारिवारिक संस्कृते उपर आती है
29:03और तुम अगर मेरे साथ हा रही हो
29:05तो तुम्हें बदलना पड़ेगा
29:06और वो बदलने को तयार भी हो जाएगी
29:09वो इतनी अकेली है, वो इतनी सूनी है
29:12वो इतनी पर निर्भर है, वो इतनी डरी हुई है
29:15कि वो सब बदलने को तयार हो जाएगी
29:20वो अपना धर्म पर उर्तन भी कराने को तयार हो जाएगी
29:22बाद में पच्टाना पड़े, वो अलग बात है
29:28प्रेम नकली है
29:37इसका एक बड़े से बड़ा प्रमान ये होता है
29:41कि कोई आपको बोले कि
29:43अपने बारे में ये चीज़े बदल लो
29:45अगर तुम्हें मेरी फैमिली में आना है तो
29:48और खासकर अगर कोई बोले कि अपना धर्म बदल लो
29:51तो ये तो बिल्कुल लाउड स्पीकर से उसने बोल दिया
29:55कि मैं फर्जी आदमी हूँ
29:56ये प्यार करा जा रहा है
30:03या धर्म परिवर्तन का कारिकरम चलाया जा रहा है
30:07ये कैसा प्यार है
30:09या फिर ये आदमी खुद भी बहुत डर्पोक है
30:15जो अपने ही परिवार के सामने जाकर नहीं बोल सकता
30:19कि सच्चा ही क्या है
30:26तो उचाता है अपने परिवार सा के सामने जाकर के बोले
30:30कि मैं जिस लड़की को ला रहा हूँ न
30:31वो कन्वर्जन के लिए तयार है
30:34और अगर ये आदमी इतना डर्पोक है
30:37मान लो
30:38तो भी तुम इसके साथ क्यों हो
30:41क्यों हो
30:48मिशुरुवात उसी लोनलिनेस से होती है
30:52ये लोनलिनेस कहाँ कहाँ
30:58नहीं ले जाकर पटक देती
30:59इसका कोई अंत नहीं है
31:01ये पूरी जिंदगी खराब कर देती है
31:05मुझ में आ रही है बात ये है
31:13तुमने कभी पूछा नहीं कि ये
31:15धर्म बदलने की बात कैसी भाई
31:20बोलो
31:24जब उसने मुझे कहा धर्म परिवतन के लिए
31:31तो मुझे भी वही लगा कि इसमें कोई बुराई नहीं है
31:34धर्म परिवतन करने में
31:36क्योंकि वैसे ही मैं सम्देख रही थी कि
31:39कोई तो साथ ही नहीं है मेरे
31:41तो ना से तो कोई तो साथ था
31:44बिटा साथी ऐसे भी नहीं मिलेगा
31:54साथी तो ऐसे भी नहीं मिलेगा
31:59अच्छा एक बात बता ना
32:01सवाल पूछ रहा हूं
32:02यह जो अकेला पन है यह किसको
32:05महसूस होता है
32:06नहीं नहीं अच्छा पन की शिकायत कौन करता है
32:22जब सो जाती हो उस वक्त भी
32:25सो गई हो अब नींद में गहरे
32:26उस वक्त भी याद रहता है कि अकेली हूं
32:29याद रहता है नहीं याद रहता है तो माने शरीर अकेला तो नहीं है क्योंकि शरीर तो सोते समय भी है पर सोते समय तो शरीर तो सोते समय तो यह याद नहीं रहता है कि अकेले है
32:47अगर शरीर अकेला होता तो अकेला पन 24 गंटे सताता ना क्योंकि शरीर तो 24 गंटे है
32:54जब सो जाते हो तो कौन सो जाता है
32:59जब सो जाते हो तो शरीर तो अपना काम कर रहा है शरीर नहीं सो गया
33:04धड़कन चल रही है दिल चल रहा है शरीर तो है खाना भी पच रहा है
33:09ठीक जब सो जाते हो तो अकेलापन हट जाता है तो सोते समय कौन सो गया था जिसका अकेलापन हट गया वो मन है
33:17मन है समझाने के लिए किया रहा हूँ भी और इगो औगेरा बोलूँगा तो समझ में नहीं तो मन है
33:23जो मन है, मन अकेला है
33:26मन अकेला है ना
33:28तो किसी का तन पा करके
33:31मन का अकेला पंदूर कैसे हो जाएगा
33:33अगर तन अकेला होता
33:35तो दूसरे तन से अकेला पंदूर हो जाता
33:37तन तो अकेला है नहीं
33:39नाखून ने कभी बोला मैं अकेला हूँ
33:41नाख बिचारी
33:42अकेली ये सब जलन होती होगी दो आँख दो कान ये और ये मिलके आपसे बिचिंग करते होंगे
33:50जीप भी बोल रही है मैं भी अकेली हूँ 32 ये बैठे हुए मैं अकेली नाग भी बोल रही है मैं भी अकेली ऐसा है
33:55ये अकेले है, ये अकेले नहीं है, मन अकेला है, मन का अकेलापन कोई तनधारी कैसे मिटा देगा
34:05किसी की बॉडी भर से मन का सुनापन कैसे हट जाएगा
34:11आप एक बॉडी ले आते हो
34:13अपनी ही उम्र के एक पुरुष की बॉडी ले आते हो
34:16या एक स्तरी की बॉडी अपनी जिंदगी में ले आते हो
34:18उससे मन का सुनापन कैसे हट जाएगा
34:21कैसे हट जाएगा बुलो
34:28जब बॉडी की समस्या थी ही नहीं लोनलिनेस
34:34तो जिन्दगी में एक बॉडी ले आ लेने से
34:36लोनलिनेस कैसे हट जाएगी
34:37तो समझाने वालों ने कहा है
34:42कि वो जो लोनलिनेस है न
34:43वो हटती है लोनलिनेस को ही समझने से
34:47ये अकेलापन चीज क्या है
34:50मेरे भीतर कौन बैठा है जो अकेला है
34:52इसको समझ जाओ
34:54तो अकेलापन कम होने लगता है
34:56हाँ अकेलेपन को समझे नहीं
35:00और इधर उधर जाकर रिष्टे बना रहे हो
35:02या कुछ और कर रहे हो या शॉपिंग कर रहे हो
35:04या पैसे कमा रहे हो, कुछ भी कर रहे हो जंदगी में, उससे अकेला पर नहीं हटेगा
35:07और एक बाद और बोलता हूँ, सुनो
35:15ऐसे इलाज नहीं कर लेने चाहिए
35:21जो बीमारी से भी ज्यादा घातक हो
35:25महिलाओं के साथ प्रक्रति ने एक चीज जोड़ दी है प्रजनन
35:33तो पुरुष तो एक बार को शादी करने का, संबंध बनाने का रिष्टा
35:43थोड़ी लापरवाही में कर ले
35:45तो उसको छोटी सजा मिलती है
35:49पर महिला को बहुत बड़ी सजा मिल जाती है
35:54क्योंकि बच्चा जो है न वो मा के शरीर से जुड़ा होता है
36:00वहाँ मामला इर्रिवर्सविल हो जाता है
36:03फिर ये नहीं कर पाओगे कि इस राह पर थोड़ी दूर जा करके वापस लोट आएं
36:09वापस कभी नहीं लोट पाओगे
36:11ये अकेले पन और गहरा की समस्या का समाधान
36:16अगर एक उल्टी पुल्टी शादी से कर रहे हो
36:20तो ये समाधान समस्या से ज्यादा घातक हो जाएगा
36:25और जिस तरीके की ये बात है कि मेरी फैमिली ये जो दकिया अनूसी रवईया है
36:37इस दकिया अनूसी रवईये में ये भी हो सकता है कि बहुत जल्दी प्रेगनेंट हो जाओ
36:41जहां इस तरह की बिलकुल पुरानी बाते हैं अली बाबा के जमाने की
36:50कि तुम्हें मेरी फैमिली से एडजस्ट होना चाहिए वगेरा वगेरा
36:54तो वहाँ ये पुरानी बात भी चलेगी कि अब आई हो तो अब साल भर के भीतर अम्मा भी बन जाओ
37:01ये बात भी चलेगी
37:04और उसके बाद ये नहीं क्या पाओगी कि अरे दो कैसे मिश्टेक हो गया
37:10चलो अंडू कर देते हैं
37:14सब कुछ कंट्रोल अल्ट डिलीट दवा देते हैं
37:19कर पाओगे कुछ नहीं है वो आ गया अब हात में
37:23और कई बार तो भूल हो गई है समझते समझते
37:27एक नहीं दो तीन आ जाते हैं
37:28क्या करोगे अब
37:31क्या करोगे
37:38अभी कोई ऐसी
37:47व्रिद्धा नहीं हुई जा रही हो
37:5027 की हो न
37:52दुनिया देखी
37:54भारत ही देखा ठीक से
38:00जब तक अपने गाओं में थी
38:05तब तक तो ज़्यादा एक्स्पोजर मिला भी नहीं होगा
38:08बाहर अब निकल आई है मुंबई में
38:11मुंबई आने के बाद से ही दुनिया कितनी देखी तुमने बो
38:14या बस आशिकी क्लड़ाई है ये चार साल थे स्वतंत्र हो सैलरी आती है
38:23इसका इस्तिमाल किसी सार्थक काम के लिए करा या बस आशिकी
38:28क्यों नहीं
38:37देखती जाकर किये कि दूसरे लोग कैसे जीते हैं दूसरे कल्चर्स कैसे होते हैं
38:45दूसरे देशों में महिलाएं कैसी होती हैं
38:48जिंदगियां कैसी होती है जाकर देखती क्यों नहीं हो
38:51पढ़ते क्यों नहीं हो रीडिंग क्यों नहीं करते
38:56online इतनी सारी चीजें हैं तुम्हारे professional फील्ड से ही सम्बंदित होंगी
39:03उनको क्यों नहीं सीखते
39:05किसी भी sports में कुछ महारत है
39:12कुछ भी खेलना आता अच्छे से
39:15तो जब बुढ़िया हो जाओगी लाठी टेट होगी
39:20तब स्विंग पूल में कूद होगी
39:22दो तुम्हारे पीछे कूदें फिर
39:28बाहर निकालने के लिए
39:31अभी जवान हो
39:39तांगों में जान है जाकर हिमाले पर काहीं नहीं चड़ती हो
39:43अकेला पन कितना प्यारा हो सकता है
39:49किसी पहाड की चोटी से पूछना
39:52अब अभी देख रहा हूं हो सकता है फ्रेम में न पता चल रहा हो
39:59पर शोल्डर्स ब्रॉड नहीं है
40:01यह मुझे बताता है कि रैकेट कभी उठाया नहीं है
40:05कोई रैकेट स्पोर्ट नहीं खेला है
40:07ना स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग करिए
40:08क्यों भई
40:12ना खुद को जानते
40:21ना दुनिया को जानते
40:22तो ये भी कैसे जानोगे कि कौन सा व्यक्ति तुम्हारे लिए सही है
40:31कुछ आ रही है बात समझ में या बस बुरी लग रही है मेरी बात
40:38बच्चों को सही परवरिश दीजिए
40:53खासकर लड़कियों को
40:55उनको बेगाना बना कर रखो गे
40:58तो वो बेगानी हो भी जाएंगी
41:00प्यार कोई चीज होती है के नहीं
41:12किसी को प्यार से इतना वंचित रखोगे
41:15तो फिर वो कहीं भी भटकेगा प्यार तलाशने के लिए
41:18और प्यार ऐसे मिलता नहीं है तो प्यार के नाम पर नजाने क्या उठा लाएगा वो
41:34और क्या उसके प्रणाम होंगे
41:38गीता सत्रों में कितने समय से हो
41:46सुने कितने है आधे भी नहीं सुने है ना
42:04मिस हो जाता है
42:08सत्र के समय क्या कर रही होती हो
42:11कि सत्र मिस हो जाता है
42:13मैं तो रात में रखता हूँ
42:17कि अपना सब काम धंदा खत्म करके निवरत होके बैठो आराम से
42:21परिक्षाएं कितनी दी
42:27गीता परिक्षाएं हो रही है हमारी हर चौथे दिन होती है
42:32कितनी दी
42:32उस भाई को भी बोलो
42:43वो भी गीता परिक्षा दे उसके ही नंबर देखके पता चल जाएगा कितने पानी में
42:47ये अच्छा तरीका है
42:57साल भर से
42:58गीता में हैं
43:01ना सत्र सुनना है ना वलोकन लिखना है ना परिक्षाएं देनी है
43:05ठीक जब सशन चल रहे होते हैं तब कहीं और अपना हिसाब
43:08और उसके बाद जब मुसीबत में आ जाओ तो
43:11आचारे जी आचारे जी आचारे जी अब मैं क्या कर लूँ
43:15सबसे पहले तो नियम बना लो एक भी सत्र छोड़ना नहीं है
43:26ठीक है
43:28कल वहां गया था उनको
43:32बोल कर आया नहीं ग्याने इन सद्रिशम
43:36पवित्रमी है विद्यते
43:38जितना यहां का कचरा है
43:42उसको जलाने वाली आग है ग्यान
43:45भगवत गीता
43:49और गीता से दूर रहोगी
43:52तो कचरे में ही जाके गिरोगी
43:59यह बात उन सब के लिए कम्यूनिटी के लोगों के लिए
44:02जो सत्रों के समय किसी दूसरी चीज को ज्यादा जरूरी मानते है
44:07गीता से दूर जा रहे हो ना
44:08तो कचरे में ही जाके गिर रहे होगे
44:10भई में भी तो कई बुक्स्टॉल लगते हैं
44:18आप भी जाईए और अपने मित्र को भी ले जाईए
44:22कि चलो दोनों यहां खड़े होते हैं
44:25इतने लोग आएंगे सूनापन कम होगा
44:27मेरे यह सब कहने के बावजूद जिस दिशा जा रहे हो
44:41आप उसी दिशा चले चाओगे
44:42अगर समझने की कोशिश नहीं करोगे
44:45कि क्यों उस दिशा जा रही हो
44:47हाई यह हो सकता है कि एक व्यक्ति को छोड़के
44:52किसी दूसरे व्यक्ति की तरफ चले जाओ
44:54और गड़बड़ वहाँ भी करोगे
44:56समझो कि अभी क्या इस्थिति है
45:00और एक बार समझ में आ जाता है न
45:03तो आदमी बहुत सारे अच्छे सही काम शुरू कर देता है
45:06यह अपने आपको बनाने के उम्र है
45:11खेलो, कुदो, बहुत घूमो, बहुत लोगों से बात करो
45:17मिलो, जुलो, तमाम तरह के गुरुप्स का हिस्सा बनो
45:21यह नहीं कि वहाँ जाके जुड़ी गए है
45:23पर जाने के लिए, समझने के लिए
45:25कि यहाँ होता क्या है, दुनिया क्या चीज है
45:26और कहीं भी रहो, कहीं भी घूम रहे हो
45:32गीता को मत छोड़ना
45:34वो काव अच्छे
45:36ठीक है?
45:45अचार जी मैं प्राइट से आता हूँ
45:47तो जैसे इननों बता है कि इन्होंने पराई कि और सहर में आई
45:49तो वहाँ पर मेरे चाचा है और उनकी एक लड़की है
45:52तो वह भी बड़वी में पास हुई है
45:54तो उनका ये था कि उनको पराना है
45:57तो डॉक्टरेट करवाना है
45:58नर्सिंग में
46:00तो हम लोगों ने बात किया था
46:02तो उन्होंने बोला कि
46:03इसमें होता क्या है कि लड़की नर्सिंग कर रही है
46:06तो मेडिकल में जा रही है
46:08फिर वहाँ पर किसी को जांच कर रही है
46:10तो उसमें साधिया में प्राबलम होती है
46:13कि साधी करना है तो वहां पर लोग क्या देखते हैं
46:15क्या नहीं देखते हैं
46:17इस पे कुछ मतलब जटिलता ही आते हैं
46:18जिसको लेकर वो अपना डिसन चेंज कर लेते हैं
46:20कि हमें इससे क्या करवाना है
46:21तो बिट प्रायरिटी की बात है ना
46:26तुम मेरी
46:30नौकरी को देख करके
46:32अपना डिसीजन चेंज करोगे
46:34तो मैं अपनी नौकरी को लिए लिए लड़का चेंज कर दूँगी
46:40तुम मेरी नौकरी बदलना चाहते हो तो मैं लड़का ही बदल दूँगी
46:46तो प्रायरिटी की बात है कि किस को किस से उपर रखना है
46:50ये घुस गई है बात आपके
46:59ये एक को नौकरी देखनी होती है और एक को घर देखना होता है
47:07ऐसा तक होता है कि लड़की ज्यादा कमा रही हो लड़का कम कमा रहा हो तो भी नौकरी लड़की ही छोड़ेगी
47:14कितने ही मामलें दोनों एक ही शहर में है काम करते हैं
47:23और लड़की की तनखा लड़के से ड्यूड़ ही दूनी है लड़के का टांसफर हो गया दूसरे शहर में
47:32तो लड़की ने भी अपनी नौकरी छोड़ दी और दूसरे शहरें बिरोज़गार बनके बैठ गई
47:36यह नौकरी अगर छोड़नी है तो तू छोड़ेगा ना क्योंकि तू कम-कम आता है
47:41यह तो बस बीतर घुसी हुई बाते हैं और कहां से आ रही हैं वो
47:55जटिलताएं और यह सब न यह भारी भारी शब्द इस्तिमाल करके
48:08हमें एक बहुत सीधी चीज से मूँ चुराना चाहते हैं
48:11और सीधी चीज यह है कि हमारे खोपड़े में कचरा माननेताएं बैठी हुई है
48:16जिनका कोई वास्तविक वजूद नहीं बस माननेता
48:25काल को देखो एहम को जानो अव लोकन ही आत्म स्नान है
48:42मलमान्यता मित्याधारणा शुद्ध करता आत्म ग्यान है
48:54काल को देखो एहम को जानो अव लोकन ही आत्म स्नान है
49:07मलमान्यता मित्याधारणा शुद्ध करता आत्म ग्यान है
49:19आज के सत्य की सिस्थे हैं हमारे सामने सत्य बार बार आके हमारे दर्वाजे पे दस्पक देता है
49:30और यह जिस हम मैसूस भी करते हैं कई बार कि हमारी एक अहम रहती कुछ ऐसी रहती है कि जिसमें हम हर बार उस चीज़ को तोड़ने की ही कोशिश करते हैं
49:40कि हमारे अंदर बहुत कुछ ऐसा है जो तूट जाएगा और वो तूट जाएगा तो शायद हमारा सिच्वी खतम हमको लगता है कि हम कैसे रहेंगे लेकिन अगर सिकार करी लिया जाए फिर कीमत चुकानी पड़ती है और कीमत तो बहुत जादा ही लगती है जब हम चुकान
50:10ज्यादा ही अगर आहिंकार का टूटता है तो तो मेना बुकिस्टल पही टूटता है वहां पर झाटके और अननौन लोगों से जब हम बात करते हैं तो भीरका एक इस्ता भी होते हैं बहुत सारे लोगों की नजर भी पड़ती है हम ते कुछ जाने पर अचाने भी हूती है
50:40सूरा के मैदान में कायर फसिया, ना भागे ना लड़े सके, मन ही मन पच्छता
51:10कर दो कर दो work
51:15औो मार वाली सब्सव में कायर सके प्लाएंब
51:23सूला को प्लाएंब
51:32कर दो

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