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पूरा वीडियो: मौत याद रखो, मौज साथ रखो || आचार्य प्रशांत (2019)

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00:00कंगी करो तो बाल जड़ जाता है ससुरा, कल तक सर पे बैठा होता था, महाराज दिन प्रति दिन गंजा रहे हैं, जो सर के उपर चड़ के बैठा है, जब वो कंगे की चोट नहीं बरदाश्ट कर पाता, तो सर के नीचे जो कुछ है वो काल की चोट कैसे बरदाश्ट कर ले�
00:30कोई नहीं है, जिसकी दुनिया मिट नहीं जानी, कोई मूरखी होगा, जो इस प्रतिपल बदलती दुनिया में स्थाइत्यों की कामना करेगा, तो भीया यहां तो कुछ भी मचना है नहीं, इसलिए उसके मिट जाने से पहले हमें जी जाना है, अब बोलो जो मिट रहा है उ

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