Pahalgam Attack के बाद रायपुर लौटे चश्मदीद की खौपनाक दास्तां,लोग तड़प रहे थे...
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00:00मंजर तो बहुत खौपनाक मंजर था उसको याद करने से काफी दर्द होता है
00:25हम लोगों की वहाँ पुकारे चीक थी और लोग तडप रहे थे उनके परिजन चिला रहे थे वहाँ खौफनाक मंजर था वहाँ का
00:37कि पहले तो हमने किसी फाइरिंग को याइसा कोई एक्टिविटी को हम नोटिस के पहले कभी निस सुना था जब वहाँ जब फाइरिंग वहाँ थी तो हमको लगा जैसे पढाके फूटते हैं वैसी अवाज आ जा रही थी
00:53लेकिन मेरी वाइफ को पता मतलब यह जर्च कर गई कि गोलियां चल दए हैं और जब मुझे लोग गिरते हुए दिखे तब मुझे पता चला कि एक्ट्वल में हमला हुआ है जब तक मैं इसको देखता है यह मेरे बेटी थोड़ी दूर में थी वहाँ तक यह जा चुकी थ
01:23हां वहां हमारे एक मित्र है नजाकत भाई करके उन्होंने हमें सेफ किया वहां से आप अपने अपने अजबिन के साथ आप आलगाओं में कहुए हैं देखने कंद्रा है दर हम लोग फोटो सूट कर आ रहे थे हमाई बच्ची खेल रहे थे तो मैं अपनी अचानक से गोलिय
01:53तो मैं उसको पकड़ने के लिए भाग गई वहां से इंसे बोली कि पटाके नहीं कुछ और ही है उसको लेने में गई जैसे उसको पकड़ी मैं उधर सब लोग बोले लेट जाओ इधर तो लेट गये में बेटी भी लेटी हुई थी नजाकत भाहिया की साथ थी वह उन्हों
02:23कुन आया में को लगा इसको मतला पूली लग गई है ति मुस्के बोली में बेटा क्या हुआ हुआ थी ममा मेरे लैड लग गया है मुझ बेटा कुछ नहीं हुआ तो इसके बाद हम लोग लेटे थे
02:38पर हम यहां जब राइपूर उत्रे तो हमारे चेत्री के सम्मानी मंत्री जी हैं उनसे लगातार में संपर्क में था
03:05तो फालो अप ले रहे थे तो मुझे जैसे यहां राइपूर में उतरा हूँ तो सीधे यहां मुझे ट्रीटमेंट के लिए लाया गया और यहां हम लोग को स्वास का सुविधा मिल रहा है
03:15वहां तो कोई सुविधा मुझे मिलनी पाई थी क्योंकि बहुत ज्यादा पैनिक था वहां और वहां का इंतलब जो गौर्मेंट की वहां सो कोई हमको सुविधा नहीं मिले वहां की गौर्मेंट से
03:27झाल