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  • 6 days ago
New Episode Barish Ka Mosam | Chidiya Wala Cartoon | Tuni Achi Cartoon | Hindi Kahani |

Chidiya Wala Cartoon|Tuni Chidiya Cartoon | Hindi Cartoon Kahani|
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Transcript
00:00मौसम में लूसी कबूतरी अपने घर में बैठी हलवा बना रही थी
00:04थोड़ी दूर बैठा लूसी का पती कबूतर बेसबरी से इंतजार कर रहा था
00:09मिठो दोता तो सुभा से ही खिडकी में बैठा बारिश को देखे जा रहा था
00:14वो कभी कभी अपना पंक खिड़की से बाहिर निकाल कर बारिश के ठंडे ठंडे कतरों को इंजुआए करता
00:21मिठो जी अब बस भी करें यहां आ जाएं आप सुभा से खिड़की में ही बैठे हुए है
00:27हर्याली मुझे बारिश बहुत पिसंद है जब तक परसाथ चलेगी मैं तो खिड़की में ही बैठोंगा
00:33फिर हर्याली भी फुर से उड़ती है और अपने पदी के पास जाकर बैठ जाती है
00:39कवों के घर में तो बारिश में भी सकून नहीं था हमेशा कोई ना कोई मुसीबत ही बनी रहती अब उनके घर की छट टपकने लगी थी
00:48कालू जी अगर ऐसे ही छट टपकती रही तो घर समंदर बन जाएगा
00:54हाहाहा और तुम मच्छली बन कर इसमें तैरने लगना
00:58मैं एक बेलन उठा कर लगाऊंगी तुम्हारे बाहर निकलो और घर की छट को ठीक करो
01:04गोरी तुम्हें पता तो है मुझे पानी से बहुत डर लगता है
01:09तुम जाते हो या फिर कालू कवा अपनी पतनी से डरते हुए बाहर निकलता है
01:15और घर की छट पर जाकर देखता है वहां एक बड़ा छेथ हो गया था
01:21ये शेथ दो बड़ा है इसकी मरमत के लिए मुझे बड़े पते लाने होगे
01:27गोरी बहुत बड़ा छेथ हो गया है छट में मैं जंगल से प्पल के बड़े पते लेकर आता हुँ
01:34चलती आना और अगर मेरे लिए कुछ खाने को मिल जाए तो वो भी लेते आना
01:40कालू कवा उड़ता है बारिश तेश थी मगर कालू कवा भी बारिश में उनना जानता था
01:46उड़ते उड़ते कालू कवा दूर निकल जाता है
01:50बहुत वजनी है ये चाता ये चाता तो सच में बहुत भारी है
01:56मैं कैसे किसे अपने घर तक लेकर जाऊं
01:59कालू कवाबी चडिया को देखकर वहां आ जाता है
02:03चडिया ऐसी बारिश में तुम यहां क्या कर रही हो
02:07कालू भेया मेरे घर की छट डबगने लगी है
02:10मैं घर से पते लेने आई थी
02:12यहां जे चाता किसी का गिरा पड़ा देखा
02:14तो सोचा इसे ही ले जाकर अपने घर की छट पर लगा देती हूं
02:19ये सुनकर कालू कवाब सोचने लगता है
02:21यही समस्या तो मेरी भी है
02:24तो फिर ये चाता तो मेरे पास होना चाहिए
02:27कालू भीया क्या सोचने लगे
02:30क्या ये चाता आ मेरे साथ मेरे खर तक पुंचा देंगे
02:33ये चाता तो मेरी दादी का है
02:36ये मेरी दादी के घर से हवा के जोर से उड़ कर आया होगा
02:41लाओ ये मुझे दे दो
02:43तुम बहुत बुरे हो
02:44हर चीज को अपना बना ले दे हो
02:47मगर मैं ये चाता तुम्हें नहीं दूँगी
02:49कमजोर चिडिया
02:51जो चीज मुझे पसादा जाए
02:53वो मैं किसी को नहीं देता
02:56अगर कोई ना दे
02:57तो मैं छीन लेता हूँ
03:00ऐसा कहते हुए कालू कवा
03:04चीडिया से वो चाता छीन कर भाग जाता है
03:06और छोटी चीडिया रोने लग जाती है
03:09रुष्ट काला कवा
03:11गंता कवा
03:12बुरा कवा
03:13मेरा चाता छीन कर ले गया
03:15फिर चीडिया पिपल के पतों की खोज में चली जाती है
03:19कालू कवा घर वापिस चाकर
03:22वो चाता अपने खर की छट पर लगा देता है
03:25हो गया अब बारिश का पानी छेद से अंदर नहीं जाएगा
03:30गोरी क्या पानी रुक गया
03:33कालू जी तुमने तो कमाल कर दिया
03:36अब तो चात कहीं से भी नहीं टपक रही
03:39इगली चील जो बहुत गुसे वाली थी
03:42उसके गुसे से तो सब पक्षी डरते थे
03:44वो अपना भोजन लेकर वापिस आती है
03:47वो बारिश में भीगी हुई थी
03:49वो अपना भोजन खौंसले में रखती है
03:51मेरा चाता मेरा चाता कहा गया
03:55किसने चुराया होगा मेरा चाता
03:57जरूर किसी ने चुराया होगा मेरा चाता
04:00एकले चील वहां से उड़ती है
04:03कालू जी तुमने बहुत अच्छा किया जो चुड़िया से वो चाता चीन लिया
04:08अब बारिश के दिन हमारा घर सुरक्षित रहेगा
04:11कालू कहते हैं मुझे कालू
04:14मैं बहुत शक्ती शाली हूँ
04:16चील उड़ती हुई मिठु दो देके घर आती है
04:19मिठु खिड़के में बैठा हुआ था
04:22मिठु मिठु क्या तुमने मेरा चाता तो नहीं देखा
04:26नहीं नहीं चील दी मैंने नहीं देखा आपका चाता
04:31चील आगे भरती है
04:34चील्दी आप और ऐसी बारिश में यहां
04:40मेरा चाता किसी ने चुरा लिया है चिडिया
04:43कहीं तुमने मेरा चाता तो नहीं देखा
04:45तो फिर वो चाता चील्दी का था
04:48चील्दी चील्दी मैंने देखा
04:51आपका चाता वो डुष्ट कवा लेकर जा रहा था
04:54वो सामने बेरी के पेड़ पर है उसका घर
04:57ऐसी भारिश में मुझे इतना तंग किया उस डुष्ट कवे ने
05:02मैं छोड़ूंगी नहीं उसे अब
05:04चील गुसे में वहां से उड़ती है
05:07तो उन कवों ने मेरा चाता यहां अपने घर की छट पर लगा रखा है
05:12कौन है?
05:24मगर जैसे ही गौरी दर्वाजा खोलती है
05:28चील गौरी की पिटाई शुरू कर देती है
05:31कालू भागा भागा आता है
05:34चील उसे भी पकर लेती है
05:36और उनकी खूब धुलाई होती है
05:38डुष्ट कवे यह चाता क्यों चुछाया तुमने मेरा?
05:42ऐसे कहते हुए चील अपना चाता लेकर वहां से चली जाती है
05:47कालू तुमने तो कहा था कि तुम यह चाता चिडिया से चीन कर लाए हो
05:53गौरी लाया तो चिडिया से ही चीन कर था
05:57मगर ना जाने क्यूं हम हमेशा पिटते हैं
06:00और वो भी चील से
06:02ऐसे गोरी कवी और कालू कवी को बुरे काम की सजा मिलती है
06:07प्यारे दोस्तों इस कहानी से हमें सीख मिलती है
06:11चो किसी का बुरा करता है
06:12अंत में उसका अपना ही बुरा होता है
06:15वोसमें लूसी कबूतरी अपने घर में बैटी हलवा बना रही थी
06:19थोड़ी दूर बैठा लूसी का पती कबूतर बेसबरी से इंतिजार कर रहा था
06:24मिठो दोता तो सुभा से ही खिडकी में बैठा बारिश को देखे जा रहा था
06:29वो कभी कभी अपना पंक खिड़की से बाहिर निकाल कर बारिश के ठंडे ठंडे कत्रों को इंजुआए करता
06:36मिठो जी अब बस भी करें यहां आजाएं आप सुभासी खिड़की में ही बैठे हुए है
06:42हर्याली मुझे बारिश बहुत पिसंद है जब तक परसाथ चलेगी मैं तो खिड़की में ही बैठोंगा
06:49फिर हर्याली भी फुट से उड़ती है और अपने पदी के अपने पदी के लिए हुए है

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