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  • 5 days ago
AAM ke Zid New Episode | Chidiya Wala Cartoon | Tuni Achi Cartoon | Hindi Kahani |

Chidiya Wala Cartoon|Tuni Chidiya Cartoon | Hindi Cartoon Kahani|
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Transcript
00:00मिठो राजे का बेटा छोटा मिठो आम खाने की जिद कर रहा था
00:03जिसकी वज़ा से मिठो राजा बहुत परिशान था
00:06क्यूंकि ऐसे ठंट के मौसम में आम कहां से मिल दे
00:10कावे मेरे मिठो का समझाओ इसे चुप करवाओ
00:13जाओ पूरे जंगल में इलान कर दो
00:15जो मेरे मिठु को ये पास समझाएगा
00:18कि आम कर्मियों में होते हैं
00:19इस मौसम में आम नहीं होते
00:21तो मैं उसे बड़ा इनाम दूँगा
00:23मिठु राजा ठीक है
00:25मैं अभी जाता हूँ
00:26और पूरे जंगल में इलान कर देता है
00:28फिर कालु कावा जंगल में जाता है
00:31और पूरे जंगल में इलान करता है
00:33सुनो सुनो
00:34जंगल के बख्षियों सब सुनो
00:36छोटे राजा ठंके मौसम में आमांग रहा है
00:39वो रो रहा है
00:39जो उसे चुप करवाएगा
00:41मिठु राजा उसे इनाम देंगे
00:43सुनो सुनो
00:44ये इनाम तो मैं हिलूंगी
00:46मैं अभी जाकर छोटे राजा को
00:48दो लगा कर चुप करवाती हूं
00:49गोरिकवी अपने घर से निकल दी है
00:51मुझे आम खाने है
00:55मैं आम खाऊंगा
00:56चोटा राजा ऐसे रो रहा था
01:00गोरिकवी वहाँ जाती है
01:01राजा जी मैं चोटे मिट्टू को थोड़ी देर अलग ले जाऊं
01:05हाँ कवी लेकिन मेरे बेटे को किसी तरह चुप करवाओ
01:08ये सबहा से रोए जा रहा है
01:09गोरिकवी चोटे राजा को दूसरी तरफ ले जाती है
01:13चोटे राजा चुप कर जाओ आम का फल गर्मियों में होता है
01:16अगर दूबार आम आगा तो मैं तुम्हें बिल्ली के आगे फैंक दूँगी
01:20या बिल्ली मुझे आम देखी
01:21अगर बिल्ली मुझे आम देखी तो आम मुझे बिल्ली के पास ले जाए
01:25अगर तुम रोते रहे तो बिली तुम्हें खा जाएगी
01:28पापा, पापा ये कौवी मुझे बिली के पास ले जाएगी
01:32मुझे बचाओ, मुझे बचाओ
01:34चोटा मिठू रोता हुआ अपने पापा की तरफ जाता है
01:39कवी, काली कवी जाओ
01:41भाग जाओ यहां से
01:42तुमने तो मेरे बेटे को और भी रुला दिया है
01:45राजा जी एक बार फिर से कोशिश करने दो मुझे
01:48लेकिन मिठु राजा गोरिकवी को वहां से भगा देता है
01:51अकर मैंने छोटे राजा को चुप करवा दिया
01:53तो बड़ा ही ना मिलेगा
01:54और मैं आराम से अपने बच्चों को पाल सकूंगी
01:57मैं जाती हूँ और जागर कोशिश करती है
01:59लूसी कभूतरी भी जाती है
02:01वो चोटे मिठु को कहानी सुनाती है
02:03एक बार एक बच्चे ने ठंड के मोसम में आम खा लिया था
02:06और वो गंजा हो गया
02:07इसलिए तुम कभी भी ठंड के मोसम में आम अध खाना
02:10उस बच्चे ने आम कहां से लिया था
02:12मैं भी लूँगा
02:13मैं आम खाऊंगा
02:15जहां से उस गंजे बच्चे ने आम लिया था
02:17मुझे भी वहां ले जा
02:18चोटा मिठु और भी रोने लगता है
02:20तब ही रानो जुडिया वहां आ जाती है
02:23राजा जी मैं थोड़ी देर के लिए
02:25छोटे मिठु को अपने साथ ले जाना जाती हूं
02:27ताके मैं इसे जंगल के पेड़ पोदों के बारे में बता सकूं
02:30ठीक है सबाही चोडिया के पीछे पीछे जा
02:33ओर ज़िया ले जाओ तुम छोटे राजा को अपने साथ ले जाती है
02:40जोटे मिठु ये अमरूद के बेड़ के पास जाती है
02:44छोटे मिठु ये अमरूद का पेड़ है इस पर ठंके मोसम में फल लगते हैं और ये फल बहुत मीठा और स्वादिस्ट होता है
02:50मुझे आम चाहिए, मुझे अमरूद पसंद नहीं है, मैं अमरूद नहीं खाऊँगा।
02:54ठीक है, आ मेरे साचे ले
02:56फिर रानो जडिया छोटे मिठू को संगतरी के पेड के पास ले जाती है
03:01और जडिया संगतरी के पेड से कहती है
03:03पेर पेर, क्या तुम्हारा फल मीठा है?
03:07हाँ, मेरा फल बहुत मीठा है
03:08और मुझे में ज्यादा मात्रा में पानी है
03:10जब ठंड के दिनों में पक्षी पानी कम पीते हैं
03:13तो मेरा फल उनके शरीर में पानी की गमी को धूर करता है
03:17मुझे खाने से पक्षी गोरे चिट्टे हो जाते है
03:20पानी तो मैंने भी कल से नहीं पिया
03:23तो फिर आप ही एक संक्त्रा खा ले
03:25कहीं ऐसा नहों कि आपके शरीर में भी पानी की गमी हो जाए
03:28छोटा मिठ्थू उस पेर से एक संक्त्रा दोड़ कर खा लेता है
03:32अब आप मेरे साथ चलो
03:34आप मुझे आपके पेर के पास लेकर जाए
03:36मैं आप ही खाऊंगा
03:38छोटे राजा रुकें अभी मैं आपको एक ऐसे पेर के पास लेकर जाऊंगी
03:42जिसका फल अंदर से लाल होता है
03:44उसे खाने से शरीर में खून बनता है
03:47ऐसा कौन सा फल है
03:49फिर रानो चुड़िया छोटे मिठु को अनार के पेर के पास ले जाती है
03:53उस पेर पर पके हुए लाल लाल अनार लगे हुए थे
03:57क्या आप ये फल खाना पसंद करोगे
03:59नहीं मैं तो आम ही खाऊंगा
04:02ये सुनकर अनार का पेर रौने लगता है
04:05मैंने पूरे गर्मी के मौसम में मेहनत की
04:09इतना पानी चमा किया
04:12कि मैं ठंड के मौसम में आपक्षियों के लिए मीठा रस बना सकूँ
04:16मुझे इंतिसार था कि जब ठंड आएगी
04:19और पक्षी मेरा फल खाने आएंगे
04:22दोस्त छोटे राजा मेरा फल बहुत मीठा है
04:26मुझे आम के पेर के पास दे जाए
04:28छोटा राजा अपनी जिदबर्धा
04:30इसलिए चुडिया छोटे राजा को आम के पेर के पास ही ले जाती है
04:35पेर पेर हम आपके आम खाने आए हैं
04:38क्या आप छोटे राजा को आम दे सकते हो?
04:41मेरा फल गर्मियों के मौसमे होता है
04:43क्योंकि मेरे फल को पकने के लिए गर्मी और धूप की जरूरत होती है
04:47लेकिन मैं खाऊंगा, मुझे आम ही खाना है
04:50मैंने अपना एक आम का फल पत्तों में चुपा कर रखा हुआ है
04:54या आप उसे खाना पसंद करोगे
04:57ये सुनकर छोटा राजा खुश हो जाता है
05:00हाँ, जरूर, मैं आम खाऊंगा, मुझे जर्वी से आम का फल दे दे
05:05फिर वो बेड अपने बत्तों में चुपाया हुआ एक आम का फल निकालता है
05:10लो, ये आम का फल आप खालो
05:13ये, ये दो हरे रंका है, मैं दो पीले रंका पका हुआ आम खाऊंगा
05:18लेकिन राजा जी, जब धूप होगी, धर्मी होगी, तो फिर ही आम का फल पकर पीला होगा
05:24इसलिए ठांड के मौसे में आपको ऐसा ही आम मिलेगा
05:27छोटा राजा, वो गज़ा आम लेकर अपनी चौज मारता है
05:32ये, ये तो बहुत खिटा है, बेश्वाद है ये आम का फल
05:37छोटे राजा, हर फल मौसम का ही अच्छा लगता है
05:41जो मौसम हो, उसी मौसम के हिसाब से उपर वाले ने फल बना रखते हैं
05:46मुझे माफ करना, मैं आपको मीठा फल नहीं दे सकता
05:49मीठा अनार, मीठा संक्तरा, मीठा अमरोद
05:53और ठंड के दूसरे फल छोड़कर मैंने बहुत खलत किया
05:58जो आम खाने की सिद्की, मैं अनार खाऊंगा, मैं संक्तरा खाऊंगा
06:02ये सुनकर रानो चुडिया खुश हो जा दी है और सपाही से कहती है
06:07सपाही, आप छोड़े राजा के लिए संक्तरे अनार और अमरोद के फल लेकर बड़े राजा के पास आ जाएं
06:14फिर रानो चुडिया छोड़े राजा को लेकर महल में वापिस चली जा दी है
06:19पिता जी माफ करना चड़िया अंडी मुझे एक एक पेट के पास ले कर गए
06:24और मुझे मालूम हुआ कि संक्तरा ठंड में क्यों होता है
06:27अनार का पेट कितनी मेहने से हमारे लिए मीठे अनार बनाता है
06:32और अमरूत का फल कितना स्वादिस्ट होता है
06:35पिर सपाही मीठे फलों की टोकरी भर कर ले आता है
06:43और चोड़ा राजा मजे मजे से अनार और संक्तरे खाने लगता है
06:47चुडिया आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने मेरे बेटे को जंगल के फलों के बारे में जानकारी दी
06:53ये इसके लिए जीवन भर काम आई की
06:56फिर राजा चुडिया को इनाम देदा है और राणो चुडिया खुशी खुशी अपने खर चली जा दी है

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