पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के भारत-पाकिस्तान बंटवारे वाले बयान का उन्हीं की सेना के टॉप जनरल विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तान के चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी, जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा ने रावलपिंडी मुख्यालय में हुई बैठक में मुनीर के भाषण का विरोध करते हुए दावा किया कि इसी बयान के कारण पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और भारत-पाकिस्तान के बीच जंग जैसे हालात बन गए। रिपोर्ट के अनुसार, मिर्ज़ा का मानना है कि मुनीर के भाषण ने आतंकियों के हौसले बढ़ाए और दुनिया के सामने पाकिस्तान के मंसूबे बेनकाब हुए, जिससे सेना के भीतर दरार पैदा हो रही है।
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00:00हमारे साहिवगी इस फक्त मौझूद है श्रीनेकर से आसिफ कुरेशी हमारे साथ मौझूद है जमूसे अजय बाशलो हमारे साथ चुड़ गए हैं और साथी न्यूजरूम से मेरे साहिवगी नीरिच राजपू लेकिन सबसे पहले आपको आसिफ के पास लेकर चलेंगे और �
00:30प्रैबलों की तरफ से जो जानकारी है हमारे साथ आप ओड़ रिकॉर्ड साजा की जा रही आ उसमें बहुत सारी बाते बोली जा रही हैं
00:36लेकिन जो बात हमें स्पच्टा के साथ बोली गई है
00:40वो ये है कि सकैनिंग के बाद जो सैटलाइट सिगनल सकानिंग के बाद सामने आई है
00:47की गाटी के आजपास के इलाकों में एक सिगनल मिली है
00:55जो के एक हुआई मेक का सैटलाइट फोन है और उसका सोर्स क्या है ये अभी तक साफ नहीं है
01:00कौन सा नमबर यूज ओरा था, कौन सा सिग्णल यूज हो रहा था, इस बापत जाधा जानकारी हमारे साथ साजा नहीं की जा रही है
01:09लेकिन अतना सपच्छ्ट है कि बैसरन गाटी के आस-पास के इलाके में एक साट्राइट फ़ोन इस्थमाल हुआ था
01:15जो कि हुआई में कर था उसके साथ-साथ जो अभी जो यहां पे तलाशे अभियान चलाया जा रहा है
01:21उसमें ये बार पुक्ता तोर पर सामने आई है कि कम से कम चार जगह पे संदिग्ड मिलिटन्ट के ग्रूप को देखा गया है
01:29जो कि कोकरनाग हापरनाड इलाके में आसपास है जो कि बाईसरन गाटी के पास ये तकरिबन छे गंटे का पैदल रास्ता है बाईसरन गाटी से उस इलाके में देखा गया है
01:38और पिछले चार दिनों में कम से कम एक बार सुरक्षा बलू के साथ उन गुरूप में से एक गुरूप का आमना सामना हुआ है दोनों और से गोली बारी भी हुई है लेकिन गुरूप जो है चुनकि ये पूरा जो पहाड़ी इलाका है खड़ी पहाड़ियां है गने जंगल ह
02:08चोटे ड्रोन जो कि हर सुरक्षा बलूं की टुकडी अपने साथ ले जा रही हैं ताकि जो पहाड़ी जो क्रिवेसिस हैं जंगल हैं उन पर नजर रखी जा सके उसमें भी कम से कम जो हमें बोला गया है कि कम से कम दो बार कुछ मिलिटेंट्स को देखा गया है लेकिन इस वज
02:38है सिवेलियन की हताहत होने की आशंका के चलते सुरक्षा बलूं की तरफ से ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया गया लेकिन जो खुफिया एजेंसियों का उनका ये कहना है कि इस हमले के लिए कम से कम चार बार पहले रेकी की गई थी और उसमें संभावता ये भी रखा गया थ
03:08बैसरन गाटी में हजार से डेढ़ हजार जो है सिथानिय लोग भी होते हैं गोड़ेबाले होते हैं यहां के पर होटल कर भी और जो गाइड वो भी होते हैं चुनकि वह एक बड़ा मेसेज देना चाहते थे एक ही समधाई को एक ही विशे इसमधाई को टार्गेट करने से �
03:38देखे करके जो सिवेलियंज हैं उनको निशाना बनाया जाए और एक बड़ा मैसेज देने की कोशिश हो लेकिन कहीं न कहीं सुरक्षा में जो बड़ी चूक है वो इस वज़े से हैं क्यूंकि दो महिने पहले ही इस एरिया में चार मिलिटेंट्स के ग्रूप होने की जो खब
04:08को लोग किष्टवाट डोड़ा से कश्मीर गाटी नहीं आएंगे तो इसलिए इस तरफ जो है सुरक्षा थोड़ी सी कम थी खास तोर पर बेहलगाम के आसपास के इस तरीके से इस हमले को लेकर मनसूबे बनाए गया और किस तरीके से इस हमले को अंजाम दिया गया और ब�
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