'बंदूक से आतंकवाद को कंट्रोल कर सकते हैं, खत्म नहीं', बोले सीएम उमर अब्दुल्ला
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00:00हमारी छोटी बेहन शगुन से लेके सकीना, सजाद, कैसर, किन किन के नाम लोगा।
00:14किसी ने वालिद खोया, किसी ने अंकल, और सजाद ने जिस तरह, हाउस के सामने उस दर्द का इजहार किया,
00:32मेरे पास, शायद उस से बेतर, उसका यहां हाउस के सामने जिकर करने के लिए अलखाज नहीं होंगे।
00:46हम ऐसे कितने हैं, जिनके ओपर हमले हुए।
00:54रफीक साथ, इन्होंने अपने वालिद साथ पे हमला होते हुए देखा।
01:04नायक साथ उस हमले की जो निशानी उन पे रही, कबर तक वो उन जखमों को ले गाए।
01:18इसी तरह कई सारे हमारे साथी, जो अगर हम गिनना शुरू करें, गिनते गिनते ठक जाएंगे कितने हमले हुए।
01:30ये असेंबली रातर साथ, आप उसेंबली के मेंबर थे।
01:35सलातिया साथ उसेंबली के मेंबर थे।
01:38साथ मुबारग गुल साथ सैफलामीर साथ कितने और हमारे साथ थी जब पहली अक्टोबर दोहजार एक सिर्नगर के असेम्बली कॉम्पलेक्स पे हमले में चालीस लोग अपनी कीम्पी जाने जब गवागा है
01:59इसलिए मैंने कहा उन लोगों के दुख दर्द को शायद इस असेम्बली से ज्यादा कोई और असेम्बली या पार्लिमन समझ नहीं पाएगी
02:12इसलिए हमने चाहा के यहां इस हाउस के तरफ से इस हमले की मजबत हो
02:23और उन उन उन चब्वीस खांदानों के साथ हम अपनी जो है उनके साथ हम दर्दी करें हम
02:42सही कहा सजाद में उनके नाम का जिकर होना चाहिए है
02:49मैं चाहूंगा के जब जो ओरिजिनल आपने उविच्वरी रेफ्रेंस मूव की उनमें जो चब्वीस नाम है
02:59लुटेनेंट नेवी के अफसर विने नर्वाल हरियाना से
03:06एन रामचंदरन केरिला से दिनेश अगरवाल चतीजगर से
03:15अतोल श्रीकांत मोनी महराष्ट से
03:19नीरज उध्वानी उतराखंड से युएई में काम कर रहे थे
03:26समीर गूहा वेस्ट बेंगौल से सुशीर नक्याल मध्य प्रदेश से
03:34संजे लेले महराष्ट से संदीप नियोपानी नेपाल से
03:41बितेन अधिकारी वेस्ट बेंगौल से
03:45मन्जुनात राओ करनाटका से दिली देसले महराष्ट से
03:53प्रशान सतपती उरिसा से मनीश रंजन बिहार से
04:02सेयद आदेल हुसेंट शाह हापतनार अनंतनार जमू कश्मीर से
04:09जेयस चंद्रमोयली आंध्रप्रदेश से
04:16मधुसुदन राओ करनाटका से
04:21संतोष जगदाई महराष्ट्र से
04:26कस्तूबा गनवोटे महराष्ट्र से
04:35हेमंत जोशी महराष्ट्र से
04:40सुधम ग्विवेदी यूपी से
04:44भारत भूशन करनाटका से
04:48सुमीत परमार गुजरात से
04:52यतीश परमार गुजरात से
04:55टेगे हलीन अरुनाचल प्रदेश से
05:02और शाइलेश भाई गुजरात से
05:06स्कीकर साथ उत्तर से लेके दक्षन
05:12पूरब से लेके पश्चिन कहां अरुनाचल
05:17कहां गुजरात कहां जमू कश्मीर कहां केरला
05:22और बीच की सारी वियास के हैं
05:25पूरा मुल्क इस हमले के लिए पेकना आया है
05:32यह सही है स्कीकर साथ यह कहला हमला नहीं था
05:37हमने कई हमले होते हुए लिए
05:41हमने अवरनाथ यात्रा के कैंप पे हमले होते हुए देखे
05:50हमने डोडा के मुखिलिब गाओं पे हमले होते हुए देखे
05:57हमने कुश्मीरी पंडितों के बस्तियों पे हमले होते हुए देखे
06:02हमने सरदारों के बस्तियों पे हमले होते हुए देखे
06:05हमले सरदारों के बस्तियों पर हमले होते हुए देखे
06:10लेकिन एक बीच का ऐसा वक्त आया था
06:16ये बैसरन का हमला 21 साल के बाद इतना बड़ा हमला हुआ है
06:25सिविलियत
06:26हमें लग रहा था कि ये हमले जो है ये अब हमारे माजी का एक हिस्सा है
06:33देर पाटवार पास
06:36ये हमारे आज की कहानी नहीं है ये हमारा मुस्तग्विल नहीं है
06:44लेकिन बदकिस्मती से बैसरन ने दुबारा वो भालात यहां पैदा किये
06:56जबके हमें लगता है कि पता नहीं अगला हमला कहां पे होगा
07:02मैं अपनी जगे
07:11क्योंकि उस दिन लीडर ऑफ दी ऑपोजिशन के साथ मैं भी
07:22पुलीस कंट्रोल रूम पे मौजूद था जब हमने 26 लोगों
07:30को वहां पे शर्दांजली पेश की मेरे पास अलफाज नहीं थे कि मैं क्या कहके उनके घर वालों से माफी मांगूं ये जानते हुए के
07:50जम्मू कश्मीर की सिक्योरिटी जम्मू कश्मीर की सुरक्षा जम्मू कश्मीर के लोगों की चुली हुई हकूमत की जिम्मेदारी नहीं है लेकिन तब भी
08:04यहां के वजीरियाला की हैसियत से
08:09यहां की टूरिजम के मिनिस्टर की हैसियत से
08:12मैंने इन लोगों को दावत दी थी यहां आने की
08:15मेजबान होते हुए मेरी जिम्मेदारी थी
08:22कि सही सलामत मैं इन्हें यहां से वापस भेजूँ
08:25नहीं भेज पाया
08:29और मापी मांगने के अल्पाज नहीं थे
08:38क्या कहता उनको
08:42उन छोटे बच्चों को
08:48जुन्हें अपने वालिद को खून में
08:54लपेटा हुआ देखा
08:57उस नेवी अफसर की विद्वा को
09:02जिनको शादी हुए ही चंद दिन हुए थे
09:08मुझे एक दो आये हुए हमारा कसूर क्या था हम पहली मर्तबा कश्मीर आये थे
09:25चुटी बनाने के लिए
09:31और इस चुटी का जिन्दगी भर अब हमें खम्याजा भुकतना पड़ेगा
09:44जिन लोगों ने ये किया
09:56कहने के लिए तो वो कहते हैं कि हमारी भलाई के लिए किया
10:06लेकिन क्या हमने उनसे कहा था कि हम ये चाहते हैं
10:10क्या हमने उनसे कहा था कि हमारे नाम में
10:15आप इस च्छट इन 26 लोगों को कबर में बंद करके यहां से वापस भेजें
10:22क्या हमारी इसमें कोई मंजूरी थी
10:27क्या ये हमारी इजाज़त से हुआ
10:31हम में से कोई इस हमले के साथ नहीं है
10:38इस हमले ने हमें अंदर से खोकला किया
10:48लेकिन इस हमले ने क्योंकि हर खराबी में कहीं न कहीं हमें
10:58कोई रोश्णी की किरन ढूंने की कोशिश करनी चाहिए
11:02बहुत मुश्किल है इन हालात में वो रोश्णी ढूंडना
11:10लेकिन स्पीकर सहाब पहली मर्तबा
11:1626 साल में मैंने जमू कश्मीर में किसी हमले के बाद
11:26लोगों को इस तरह बाहर आते हुए नहीं देखा
11:29कट्वा से लेके कुपारा तक
11:35शायद ही कोई शहर या गाउं ऐसा
11:40जहां लोगोंने बाहर आके इस हमले की मदमत नहीं थी
11:45काथ ये मेरे नाम में नहीं हुआ
11:51ये आपने जिसके लिए भी किया हो मेरे लिए नहीं किया है
11:58और ये लोगों का बाहर आना इसमें हम ऐसे किसी का हाथ नहीं हुआ
12:12हगुमत ये कहे कि हमने कराया कोई और ये कहे हमने कराया कोई नहीं आप
12:18हम भी इस गाड़ी पर चड़े हमने इस गाड़ी पर सवारी की लेकिन गाड़ी चलाई हमने नहीं ये लोगों ने खोद गाड़ी बना के इस पर सवार होके जलूस निकाले
12:37नारे दिये बैनर बनाएं मुंबतियां जलाएं ये कहने के लिए कि हम इस हमले के साथ में जाएंगें
12:50इसका खात्मा सब होगा जब लोग हमारे साथ होंगें और ये स्पीकर साथ उस मौके की शुरुआत है
13:17अगर के हम इस मौके पे एफियाद से कदम जो है लें
13:24हमारे तरफ से कोई ऐसा कदम नहीं उचना चाहिए
13:31जिसने के हम लोगों को अपने से दूर कड़ें
13:39कोई हमारे तरफ से ऐसी बात नहीं होनी चाहिए
13:42या कोई एक्शन हमारे तरफ से जिससे ये जो अपने आप में पैदा हुआ
13:49हुआ इसको कहीं जख पहुंचे है क्योंकि सही कहा है सजाद में हम बंदूग के जरिये
14:03मिलिटन्सी को कंट्रोल कर सकते है उसको खतम नहीं कर सकते है
14:10खतम तब होगा जब लोग हमारे साथ होंगे
14:14और आज लगता है कि लोग अब वहां तक पहुंच रहे हैं
14:20स्पीकर सहाब मस्जिदों में जुमा निमाज से पहले दो दो मिनित की खामोशी इक्तियार की गई
14:30जामा मस्जिद सिर्नवर
14:34ये शायद बाकी मुल्क में लोग इतने इतना इस चीज़ को समझेंगे नहीं
14:43आप और मैं समझते हैं आप
14:45हम समझते हैं किसी हमले के बाद उस मस्जिद में दो मिनित की खामोशी की का मतलब क्या है
15:03तो मेरी तो सिर्फ यही कोशिश रहेगी कि इस सिलसिले को हम बनाएं बढ़ाएं
15:12गताएं नहीं कम ना करें
15:15आपतार के उस नौजवान आदिल के बारे में क्या कहें
15:24आपतार के उस नौजवान आदिल के बारे में क्या कहें आप जान की परवा सब को होती है
15:39लेकिन अपनी जान की फिकर ना करते हुए टूरिस्टों को अपने महमानों को बचाने के लिए वो अपनी जान की कुर्बानी दे गया
15:54भागता तो कौन उसको कुछ कहता भागने के बजाए खत्रे के तरफ गया जो टूरिस्ट वहां से निकले उन्होंने अब जिकर करना शुरू किया
16:19किसी एक ने वहां लोकल कोनी वाले को कहा कि मेरी बीवी और बच्चे को ले जाओ इनको बचाओ मुझे यहां छोड़ दो
16:29वो इसने कहा मैं ना आपकी बीवी को कुछ होने दूँगा ना आपके बच्चे को कुछ होने दूँगा ना आपको कुछ होने दूँगा
16:37इनको कुछ होने से पहले इनको मेरे उपर से गुजरना होगा और छुपा के उनको सलामत रखा
16:46जखमियों को अपने कंधों पे पहाड से नीचे उतार के हस्पताल एम्बिलन्स पे पहुँचाया
16:57और उसके बाद जिस तरह लोकल लोगों ने मदद करने की कोशिश की
17:20गरीब वो शिकारा वाला जो डल लेक पे धल बेचता है
17:25उसने अपनी किष्टी पे छोटा सा बाड लगाया टूरिस्टों के लिए मुफ्ट फ्रूट चाट
17:34आए ना वो दिन के दो सो तीन सो रुपए कमाने वाला
17:38तो गयता है कोई नहीं आप ना चले मेरे हफ़ते की कमाई लेकिन मैं कमस कम
17:44अपने महमानों को यह एहसास देना चाहता हूं कि हम उनके साथ हैं
17:48वो थ्री विलेर वाला ने टूरिस्टों को कहा कि अगर आपको हवाई अड़ा पहुंचना है मैं मुफ्ट आपको हवाई अड़ा पहुंचा जूंगा
17:59इसी तरह कि टैक्सी वाले होटल वाले होटल वालों ने अपने कमरे खोले और कहा आप यहां रहिए जिन्होंने गुलमर छोड़के पहलगाम छोड़के सुनमर छोड़के सिर्नगर भाग के आए जिनके पास रहने की जवे नहीं थी होटल वालों ने उनको कहा कि हम आपसे
18:29यही है हमारी महमान नवाजी उसके साथ साथ उनका शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने ये किया
18:41जमू कुश्मीर के बाहर हमारे कुछ स्ट्यूडेंस हमारे कुछ रहने वालों को कुछ जगों पर तकलीफ हुई
18:53उससे कौन इंकार कर सकता है
18:57लेकि मैं उसके साथ साथ उन तमाम रियास्ती हकूमतों का शुक्र गुजात हुई
19:03जुन्हें ने मौके पर तहकिकात करके हालात को काबू में लाने में अपना रोल अदाथ किया
19:11मैं अपने मिनिस्टर कुलीक्स का शुक्रिया करता हूँ जिन्होंने बिल्कुल
19:17कि अपने तरफ से एक सिस्टम जो है वो तैयार करना चाहते हैं
19:24कोई सिम्ला कोई लखनाओ कोई गेरादून कोई बंबई कोई चंडीगर्ड वहां की हकूंतों का मैं शुक्रिया करूंगा
19:35कि इनसे मिलने के बाद इन्होंने मीटिंगे और्गनाइज की
19:38हम अपने तरफ से एक सिस्टम जो है वो तैयार करना चाहते हैं
19:47हैं सोशल मीडिया और वाट्साप अगयरा का इस्किमाल करते हुए ताके एक नूडल
19:54पॉइंक हमें मिले हम तो चाहेंगे कि इस तरह के इस तरह के हालात ना हो लेकिन एका दुखा अगर कहीं हो जाए तो बच्चों
20:01के पास बच्चियों के पास दूटों के पास एक जगे होनी चाहिए जहां पर वो इन चीजों को जर्च कर सके उसके लिए हम त्यारी कर रहें
20:08बदकिस्मती से सोशल मीडिया में जहां 90-30 खबरे जो है वो सही होती है
20:2310% वो भी लोग है जो जूटी खबर खैलाने की कोशिश करते हैं
20:29मैं उन्हें कहना चाहता हूँ कि अपनी हर्कतों से बाज आओ
20:34जब ये लोग जूटी खबरे पहलाते हैं तो जिन पर असली ये ये मुश्किल का उनको सामना करना पड़ता है
20:43उनको भी फिर जूटी खबर का खम्याजा बहुतना पड़ता है
20:48तो अन्जूटी खबरों को बरदाश नहीं करेंगे
20:51ये मुश्को वान करना चाहता हूँ
20:54स्टीकर साथ
21:13जमू कश्मीर की सिक्यूरिटी जमू कश्मीर के
21:19अलेक्टिर हकोमत की फिल हाउ जिन्मेदारी नहीं है
21:23लेकिन नैं ये मौक़ा इस्तेमाल करके
21:29स्केट हूढ की मांग नहीं करेंगा
21:31लग्यी किसर थे
21:38इस पहलागाम के
21:42वाके को इस्तिमाल करके मरकज़ के
21:45कहाँग है अब मुझे स्केट हूढ रुख life मेरी क्या इतनी सस्थी सियास otherwise
21:51मुझे क्या इन 26 लोगों के मरने की इतनी कम कदर है कि मैं अब मरकस से जाके कहूंगा ना चलो 26 लोग मर गए अब मुझे स्टेट रूप दे दो स्टेट रूप की बात हमने पहले भी की आगे भी करेंगे
22:07लेकिन लानत हो मुझे अगर मैं आज ये कहके मरकस के पास जाओ कि ना अब 26 मर गए अब दे दो देने की बात हम करेंगे लेकिन इस मौके पर नहीं इस मौके पर ना कोई सियासत ना कोई बिजनिस रूल्स ना कोई स्टेट होड़ ना कुछ और एक ही तीज़ बात इस हमले की
22:37और उन 26 लोगों के साथ दिल की गहराईयों से हमदर्दी और साध्यों और कुछ नहीं ना आज नहीं टेबल हम किसी और मौके पर ठब ठब ठबाएंगे आज नहीं तो स्टीकर साब
22:56मैं अपनी बात को इसी चीज़ पर खत्म करते हुए इस हाउस के तमाम मेंबरों से बजारिश करूँगा
23:10कि जो रेजल्यूशन गिप्टी सीम साथ के तरफ से हाउस के सामने पेश की गई है आप इसको सामने रखें और मैं उमीद करूँगा कि युनैनिमस ली इसको पास करके हम मुल्के सामने रखें बहुत बहुत शुक्रिया