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00:00अचारी जी आपके कपड़ी मॉडन रहती हैं, लोग कमेंट करते हैं
00:30देखा अब पहले ही पता था, धूरता चार रहे, मोर के पंक से जो लिखे ऐसे, स्याही में डुबो डुबो के, वो है असली गुरू, ये तो मॉडर्न पेंसे लिख रहे हैं, भाई मैं उसी से लिखता हूं तो उसी से लिखूंगा, इन में इतना सही हम तो हैं नहीं, कि सतरे
01:00अपरेशन नहीं करा है, और जो है, वो यहाँ सामने खड़ी रहती है, जितने लोग आते हूं, सब देखते हूए आते ही, खड़ी हूई है, कहीं किसी गुप्त गैराज से अचानक वो प्रकट नहीं होती है, यूँआ, आप आते हो, खेलने जाता हूं, तो आपके सामने से
01:30खेलते थे क्या, यह खेलते, जो है जो है, मामला सामने है जस्कातस, लेना है तो लो, नहीं तो मेरी बला से, भगो यहां से,

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