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পহেলগাঁও কাণ্ডে লেখক প্রশান্ত ত্রিপাঠী নিজের বক্তব্য রাখলেন। ‘ওরা চায় ভারতবর্ষ ভিতর থেকে ভেঙে যাক’ । ‘ওরা চায় ভারতবাসীরা নিজেদের মধ্যেই লড়াই করুক’ । ‘মাথা ঠাণ্ডা রেখে কাশ্মীরকে পাশে রেখে জবাব দেব’ । দেখুন আর কী বললেন প্রশান্ত ত্রিপাঠী।

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Transcript
00:00भारत राश्ट्र पर हमला हुआ है और वो चाहते हैं कि ये राश्ट्र भीतर से तूटे
00:03और अगर हम अंधी और कुरुध प्रतिक्रिया करेंगे तो जो शत्रु हैं, हमलावर हैं
00:12हम उनके ही मनसूबों को सफल होने दे रहे हैं
00:14वो चाहते ही हैं, वो चाहते हैं कि भारत में ही जो भारती लोग हैं वो एक दूसरे से लड़ मरें, एक दूसरे गहलाफ नफरत से भर जाएं, ये घुशित किया जा सके कि हिंदू और मुसल्मान बिल्कुल एक दूसरे के साथ रह नहीं सकते हैं, ये दोनों अलग-अलग धा
00:44राष्ट्र नहीं है, जो दुनिया में उच्चतम आदर्श हो सकते हैं, उन आदर्शों की बुन्यात पर खड़ा हुँ हमारा ये राष्ट्र है, और ये बात बाहरी ताकतों को पसंद नहीं आती है, इसलिए वो हम पर बार-बार हमला करते हैं, ये हमला जो हुआ है, उसका
01:14ना किसी दिवाले को दिया जाता है, और इस दिवाले का जो ग्रंत भी है, भारत राष्ट्र का, वो संभिधान है, जिसमें धर्म और दर्शन के सबसे उंचे मूल्य समाहित है, भारत राष्ट्र पर हमला हुआ है, और वो चाहते हैं कि ये राष्ट्र भीतर से तूटे, औ
01:44भारत में ही जो भारती लोग हैं वो एक दूसरे से लड़ मरें, एक दूसरे घहलाफ नफरत से भर जाएं।
01:51पिछले 50 साल से जो हमले करे जा रहे हैं, उनका कहीं ने कहीं उतेश है ये है कि जो टू नेशन थियोरी है, उसको सफल घोशित किया जा सके।
02:02ये घोशित किया जा सके कि हिंदू और मुसल्मान बिलकुल एक दूसरे के साथ रहनी सकते हैं, ये दोनों अलग-अलग धाराएं हैं और ये हैं, तो जिन्ना की बात को ही फिर हम सच बना देंगे।
02:15वो चाहते ही हैं हमें लडवाना, आपस में लड़कर के हमें उनके इरादों को काम्याब नहीं होने देना है।
02:24दूसरी बात, जो आम कश्मीरी है, अगर विभारिक दृष्टी से देखें, तो उसको बहुत नुकसान ही हुआ है इन हमलों से।
02:34लोगों ने गाड़ियों के लिए, टैक्सियों के लिए, होटलों के लिए लोन ले रखे हैं।
02:41रिटन से नहीं सब चीजों का संबंध होता है, और वो लोन कैसे जोगाएंगे।
02:46कश्मीर की अरफिवस्था कि तो सिधे रीड पर प्रहार किया गया है।
02:51तो ये वगत कश्मीर को साथ ले करके चलने का है, वो चाहते हैं कि कश्मीर टूटें।
03:07नहीं, हमें पूरे भारत राष्ट का खयाल रखना है, हमें वही नहीं कर देना है, जैसी प्रतिक्रिया वो हमसे करवाना चाहते है।
03:18और कोई भी प्रतिक्रिया जो बिना सोचे समझे करी जाती है वस्तैश में आवेग में अध्रणा में करी जाती है वो कभी भी शुभ नहीं होती है
03:27तो एक राश्ट्र की तरह जो हमारे पुराने सनातन उच्चतम आदर्श हैं उनको साथ ले करके
03:39कुरुक्षेत्र में जैसे श्रीकृष्ण को सार्थी बना करके फिर हमें संघर्ष करना है संघर्ष हमें जरूर करना है पर अंदर ही अंदर अगर हमें फूट पड़ गई तो हम बाहर वाले से क्या संघर्ष करेंगे
03:53अगर हमें अंदर ही फूट पड़ गई तो हम भारवाले से कैसे जागड़ के लड़ पाएंगे और भारवाला चाहता है यह यह कि भीदर फूट पड़ जाए तो वो हमें नहीं होने देना है
04:04आप कि लोगों की बात कर रहे हैं जो कश्मीरियों आकर मन कर रहे हैं
04:19नहीं मुझे लग रहा है कि यह जो समवेधन शीलता और यह सब कुछ है मुझे लग रहा है उस ज्यादा तर बस भावनात्मक आवेश है
04:26क्योंकि देखिए भारती हैं हम सब बुरा तो बहुत लगता है यह क्रोध हाता है आपने वहाँ पर लाशियं देखी है तो शोग तो होता ही है और फिर बदले की भावना भी आ जाती है वो एक प्राकरतिक चीज है वो सब होता है
04:40तो मैं यह सब तो नहीं कोई कोई साजिश कर रहा है लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि अगर हम बिल्कुल वैसे ही ट्रिगर हो जाते हैं जैसे कि शत्रु चाहता है कि हम हो जाएं तो हमने फिर शत्रु की चाल को सफल हो जाने दिया है और शत्रु मैं इस अर्थ पर कह रहा
05:10हम आधर्ष हो सकते हैं उन आधर्षों की बुन्यात पर खड़ा हुँ हमारा यह राश्टर है और यह बात बाहरी ताकतों को पसंद नहीं आती है इसलिए वह हम पर बार बार हमला करते हैं तो यह जो पूरा उनका ठेल है यह पूरी उनकी बेचैनी है हमको देख करके मैं समझ
05:40हमें हमें रिस्पॉंस जरूर देना है हम संघर्ष भी करेंगे हम जवाब देंगे लेकिन वो जवाब हम उस तरह नहीं देंगे जिस तरह से शत्रों चाहता है वो जवाब हम अपने बोध के आधार पर देंगे अपनी समझ के आधार पर देंगे अपने राश्ट्रिये मु
06:10प्रेस पूरून बेल आइकोन.

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