पूरा वीडियो: धन से संतुष्टि क्यों नहीं मिलती? || आचार्य प्रशांत, कठ उपनिषद् पर (2024)
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00:00मौले गाजेबाद में, 10-15 साल पहले की बात होगी, मैं वहां गया था, कुछ लेने के लिए साथ में कोई था, तो हां अंदर गये तो वहां उसने उच्छे कुछ दाम लगाने की कोशिश की, तो साथ में था उसने उनको 200 हैस करी और मामला था ठीक किया, भाई साब चीज 1700 की
00:30तो सा रुपे लिखा हुआ था, छे घंटे से ज्यादा पार्क करने पर, उनकी एक अलग परची थी, छे घंटे से आगे, वह वाली परची ऐसे दूर से दिखा रहा था, कहता सा रुपे देओ, उनने का हम तो अभी गए थे, दो घंटा नहीं हुआ अगए, तो खेर बोला
01:00कि सब को लूटेगा, ये भी बिल्कुल उसी रेस में है, जिस रेस में सारे अमीर हैं, बस ये पिछडा हुआ है,