पूरा वीडियो: डिग्री से नहीं रोज़गार, युवा क्रोधित और लाचार || आचार्य प्रशांत (2024)
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00:00लंदन की थेम्स नदी कभी हमारी यमुना से ज्यादा प्रदोशित हुआ करती थी
00:04पर ग्यान है उनके पास उन्होंने उसको साफ कर डाला
00:07आज पॉटेबल वाटर है उसका पॉटेबल वाटर क्या होता है कि पी लो
00:10हम जर्मनी से गुजर रहे थे वहां असपास ऐसे छोटे मोटे ताल तलईया दिखें जैसे भारत में भी गाउंखलियान में दिखते हैं
00:16तो जमारे मित्र थे गुमा रहे थे बोले थे यह जो पानी है यह पॉटेबल है
00:19यहां नहाने का और पीने का पानी एक होता है
00:22यह नहीं होता कि नहाने का पानी अलग है या आपने वो लगवा रखा है
00:26आरो प्यूरिफायर लगा हुआ है वो सब कुछ भी नहीं लगता
00:29नहा रहे उसी को पीलो इतना साफ है हवा साफ है पानी साफ है
00:32और यह तब जबके उनका जबरदस्त अद्योगी करण हो चुका है
00:36कैसे करा उन्होंने यह कि so much industrialization with minimum emissions कैसे कर रहा है
00:41उसके लिए ग्यान चाहिए और जो गार बोलेगा पैसा कमाने ना कैसे उसके लिए pollution होता हो तो हो
00:46यह भारत है पैसा कमाना है मुझे उसके pollution होता हो तो हो