पूरा वीडियो: 'इतिहास में बहुत गलत हुआ, ज़ालिमों ने बड़ी चोट दी' – अब बदला लेना है? || आचार्य प्रशांत (2022)
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00:00कर्ण पड़े हुए हैं, आखरी सांसें गिन रहे हैं, ब्रामन आता है कुछ मिलेगा क्या, फिर कहते हैं अरे अरे ये क्या देंगे ये तो खुद मर रहे हैं, कर्ण कहते हैं रुको, रुको, हमें कुछ नहीं हुआ है, ये जिगर होता है मर्द का, हमें कुछ नहीं हुआ है,
00:30वो आदमी है, वो अपने हाथों से अपना दात निकालता है, और वो ब्राह्मन के पात्र में डाल देता है, कहता है ले जाओ, ये इनसान चाहिए, वो रो नहीं रहा है कि मेरे साथ तो जीवन ने मातर अन्याय करा, ता उम्र ना इंसाफी करी, रो रहा है क्या करन, ये इनसान