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00:00गोरी कवी मिठु तोते से अमरूद छीन कर खा रही थी कि गोरी कवी के पेट में दर्द शुरू हो जाता है
00:10ओए गंदे मोटी चूच वाले क्या मिलाया है इस अमरूद में मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है
00:16गोरी जब दूसरों के फल चूच जोरी करके खाओगी तो पेट में दर्द होगा
00:22गोरी कवी के पेट में बहुत दर्द था वो जल्दी से अपने घर जाती है
00:26थोड़ी ही देर बाद गोरी कवी अपने खोसले में एक अंडा दे देती है
00:31अरे बाह मेरा पहला अंडा अब मैं मा बनूगी और कालू जी पीता
00:36तबी कालू कबाबी आ जाता है
00:39कालू जी देखो मैंने अंडा दिया है
00:42कोरी अब मैं पीता बनूगा और तुम मा
00:45कालू जी हमारा घर तो तोटा हुआ है
00:48अगर यह चछत नीचे गिर गई तो हमारा अंडा तो टोट जाएगा
00:52गोरी चिडिया का लकडियों का पक्का घर है
00:55क्यों ना कुछ दिनों के लिए तुम चिडिया के घर रहने चली जाओ
00:58हमारा पहला अंडा है
01:00मैं नहीं चाहता कि हमारे बच्चे को कुछ हो
01:03ठीक है कालू जी आप मुझे मेरा दाना पानी चिडिया के घर ही दे जाया करना
01:08मैं रानू चिडिया के घर ही चली जाती हूँ
01:11गोरी कभी अपना अंडा उठाती है और रानू चिडिया के घर चली जाती है
01:16वो चिडिया के दर्वाजे पर दस्तक देती है
01:19रानो चिडिया बाहिर आती है
01:20गोरी आइस्ता आइस्ता दस्तक तो मेरे बच्चे सो रहे है
01:24सौरी सौरी चिडिया तुम्हे तो मालूम है
01:27मेरा घौसला तूटा हुआ है
01:29देखो चिडिया मैंने आज पहला अंडा दिया है
01:32मेरा दिल बहुत डर रहा है
01:34अगर हमारा घर तूट गया
01:35तो मेरा अंडा भी तूट जाएगा
01:37तो गोरी बेहन कालू से कहें
01:39कि आपके घर की मरमत कर ले
01:41वो मेरी कहां सुनता है
01:43चिडिया मैं अपना अंडा लेकर
01:45तुम्हारे घर रहने के लिए आई हूँ
01:47गोरी कभी की बात सुनकर
01:49रानु चिडिया परिशान हो जाती है
01:51और चुप कर जाती है
01:52चिडिया परिशान क्यों हो रही हो
01:55जब मेरा बच्चा अंडे से निकलेगा
01:57तो मैं यहां से चली जाओंगी
01:58ठीक है गोरी
02:00फिर रानुचिडिया मान जाती है
02:02और गोरी कवी को घर के अंदर ले जाती है
02:05गोरी बहन मेरे दो बच्चे हैं
02:07है तो मुश्किल
02:08लेकिन मैं आपको कुछ दिनों के लिए यहां रख लेती हूँ
02:11हाँ हाँ चिडिया इधर मेरा बच्चा अंडे से बाहिर आया और मैं गई
02:15इस तरह गोरी कवी रानुचिडिया के घर में रहने लगती है
02:19कालुकवा अपने घर से निकलता है
02:22वो सेप के पेड़ से मीठे मीठे सेप खाता है
02:25और फिर नदी के किनारे जाकर बैठ चाता है
02:28कोरी से तो जान चूट गई अब मजे से सो लेता हूँ
02:32ऐसे ही शाम हो जाती है
02:34मगर कालुकवा गोरी के लिए दाना नहीं ले कर चाता
02:38कुकु कुकु मुझे भूख लगी है अपना दाना मुझे दे दो
02:42नहीं नहीं ये दाना मुझे मामा दे कर गई है
02:45गोरी आंटी छोटे बच्चों से चीज़े लेकर नहीं खाते
02:49बच्चो मैं तो मजा कर रही थी
02:52गोरी कवी का भूग से बुरा हाल था
02:55ये कालू का बच्चा अभी तक नहीं आया
02:58एक बार जिडिया आ जाए तो मैं जाकर पूछती हूँ कालू को
03:02रानो जिडिया ने दाना ढून लिया था
03:04रानो जिडिया अपने घर आती है तो गोरी कवी रानो जिडिया से कहती है
03:09रानो बहर तुम मेरे अंडे का ध्यान रखना
03:12मैं कालू को देख कर आती हूँ
03:14मैं भूख से मर रही हूँ और वो मेरा दाना अभी तक नहीं लेकर आया
03:18गोरी कालू कवा तो नदी के पास सो रहा है
03:21उसे में गोरी कवी कालू कवे के पास जाती है
03:25कालू के बच्चे तुम यहां सो रहे हो और मैं भूख से मर रही हूँ
03:29मम मैं मैं भी भूखा ही हूँ
03:32गोरी मैंने भी आज कुछ नहीं खाया
03:35जंगल में अब दाना नहीं है
03:37आज तुम चिडिया से ही दाना लेकर खा लेती
03:40गालू सची बात बता
03:42मुझे आज चिडिया के घर में बहुत अच्छी नीद आई
03:45मेरा तो दिल करता है
03:46कि मैं हमेशा हमेशा चिडिया के घर में ही रहूँ
03:49गोरी अंडे से बच्चा बाहिर आ जाए फिर देखेंगे
03:53ऐसे ही कुछ दिनों के बाद अंडे से बच्चा बाहिर निकलाता है
03:57मेरा बच्चा मेरा सुन्दर बच्चा
04:00चिडिया देखो मेरा बच्चा कितना सुन्दर और काला है
04:04आंटी कवे का बच्चा काला ही होगा और क्या सुफैद होगा
04:09गोरी मैं दाना लेने जा रही हूँ अब तुम यहां से कब जाओगी
04:13चिडिया शाम को मैं शाम को चली जाओगी
04:17जानू चीड़िया वहाँ से चली जाती है और बच्चे खेलने लग जाते हैं
04:21गोरी कवी का बेटा सोया हुआ था
04:24कुकू और चीड़िया चप कर जाओ
04:27अराम से बैठ जाओ, मेरा बेटा सो रहा है
04:29आंटी क्या हम अपने घर में खेलें बीना
04:32गुडिया हम खेलेंगे
04:34वो दोनों बच्चे फिर से खेलने लग जाते हैं
04:38गोरी गवी को घुसा आ जाता है
04:40और वो कुकु के एक पंख मारती है
04:43मैं अभी जाकर ममा को बताता हूँ
04:47जाओ जाओ बताओ अपनी मा को
04:51फिर वो दोनों बच्चे रोते हुए घर से निकल जाते हैं
04:55ममा ममा मुझे मारा उस गोरी आंटी ने मुझे मारा
05:00गोरी ने मारा मगर क्यों
05:02ममा हम दोनों बेहन भाई खेल रहे थे
05:05गोरी आंटी आकर हमें मारने लगी
05:08मैं जाकर देखती हूँ उस काली कवी को
05:11मेरे घर में ही आकर मेरे बच्चों को मारती है
05:14रानो चिडिया अपने बच्चों को लेकर घर जाती है
05:17घर का दर्वासा अंदर से बन था
05:20रानो चिडिया दर्वासे पर दस्तक देती है
05:22अंदर से कालू कब अब आहिर आता है
05:25आ चिडिया बताओ किस से मिलना है
05:28क्या मतलब कालू किसे मिलना है मेरा घर है मैं अपने घर में आई हूँ
05:32चिडिया ये घर अब हमारा है जाओ जो कुछ करना है कर लो
05:37अब मेरा बेटा और मेरी पतनी इस घर में है और ये घर हमारा है
05:42फिर कालू कवा घर के अंदर चला जाता है
05:45एहसान परामोश कवे मैं अपना घर लेकर ही रहूंगी
05:49ममा आपने बहुत बड़ी खलती की
05:52जो उन जालिम कवों को अपने घर में आने दिया
05:55बेटी मुझे क्या पता था
05:57कि वो हमारे घर पर कब साही कर लेंगे
05:59फिर वो दोनों अपने घर के पास एक बेड़ पर जाकर बैठ जाती है
06:04रात हो जाती है
06:05उसी बेड़ पर बच्चे रानोचिडिया के साथ सो जाती है
06:09बहुत बूख लगी हुई है
06:11रात में अप मैं शिकार कहां से ढूणूँगी
06:14वो चील जा रही थी, कि उसे रानोंचिडिया का घर दिखाई देता है
06:19खिड़की खुली हुई थी
06:21चील खिड़की के रास्ते अंदर आ जाती है
06:24वो कवों का परिवार सोया हुआ था
06:27चील चुपके से गोरी के बेटे को खा जाती है
06:30और गोरी कवी के उपर बैठ जाती है
06:33चचच चील, चील, कालू जी उठो देखो चील
06:39कालू कवा उठ जाता है और वहां से भागता है
06:43मगर वो चील गोरी कवी को मार देती है
06:46बचाओ, कोई बचाओ, कोई मेरी पतनी को बचाओ
06:50शोर सुनकर रानु चिडिया आ जाती है
06:53चिडिया चिडिया घर में चील आ गई है
06:56वो गोरी को मार देगी
06:58चलो कवे हम दोनों चल कर चील का मुकाबला करते हैं
07:02अरे शेक्या ये तो बख्षियों की आवासे हैं
07:06और मैं अखेली हूँ
07:07मैं उनका मुकाबला नहीं कर सकती
07:09मुझे अभी भागना होगा
07:11और वैसे भी आज तो मेरा बेट भर चुका है
07:15चिडिया और कालू कवे आते हैं
07:17तो चील वहाँ से भाग जाती है
07:19कालू कवे की पतनी और बेटा मर जाते हैं
07:23अब कालू कवे के पास कुछ भी नहीं बचा था
07:26मेरा बेटा, मेरी गोरी पतनी, सब खतम हो गया, चिडिया, सब खतम हो गया
07:33कवे, उपर वाले ने मुझे इस चील से बचाना था, इसलिए आज मुझे घर से दूर रखा
07:39चिडिया, हमारे की एकी सजा हमें मिल गई
07:43रोता हुआ कालू कवा वहां से चला जाता है, फिर रानो जिडिया मरी हुई गोरी कवे को बाहिर फैंक देती है
07:51और अपने बच्चों को कहती है, बच्चों अब घर आ जाओ, जुल्म अपने अन्जाम को पहुंचा, अब ये घर हमारा है
07:58जंगल में बहुत तेज बारिश हो रही थी, इसी बारिश के बीच एक बेड़ पर बैठी चील अपने अंडों को देख रही थी
08:06अब मैं क्या करूं, अगर ऐसी बारिश में मैं बाहिर गई, तो कोई चोर मेरे अंडे रच रा कर ले जाए
08:12अब तो मुझे इंतसार करना होगा, मगर अगर भारिश न रुकी तो
08:17ऐसे चील अपने अंडों को देखने लगी, थोड़ी देर बात बारिश थोड़ी कम हो गई
08:22अब मुझे भोजन ढूनने जाना ही होगा
08:27चील अपने अंडों को घौंसले में छोड़ कर भोजन लेने चली जाती है
08:31थोड़ी तेर बात जब वो वापिस लोड़ती है तो उसका घौंसला खाली था
08:36अरे ये कौन मेरे अंडे चुरा कर ले क्या किसमें इतनी हिम्मत है मैं नहीं छोड़ूंगी उसे
08:42वही रानो चिडिया और हर्याली दोती पारिश से बचने के लिए एक पेड़ के नीचे छुपी हुई थी
08:48हर्याली पहन पारिश तो रुखने का नाम नहीं ले रही अब तो हमें बूप लगी है
08:53लेकिन इस पारिश में बाहर निकलने का जोकिम भी नहीं उठा सकते
08:57हाँ चिडिया मैं भी यही सोच रही थी ऐसी पारिश में अगर हम बाहर गए भोजन तो क्या हमें खुद को भी बचाना पड़ेगा
09:05चील घबराते हुए रानो चिडिया और हर्याली दोती के पास आई
09:09चील दी यह तो बहुत थंबीर मामला है भला जंगल में किसकी इतनी हिम्मत जो आपकी अंडो को पांक लगाए
09:22हाँ चील घबराते हमें किसी हालत में भी इस चोग का पता लगाना होगा
09:26तबी कबुदर भी वहां आ जाता है
09:29चिडिया मेरे पास एक पूरी खबर है
09:31मेरे घौंसले से सारे अंडे गाइब हो गए
09:34भला ऐसे कौन कर सकता है
09:36यह तो बहुत बुरा हुआ
09:38हमारे जंगल में लगता है कोई बड़ा चोग आ गया है
09:41चिडिया हमी हर हाल में इस चोग का पता लगाना चाहिए
09:44फिर रानो चिडिया और हर्याली तोती ने सोच लिया
09:48के वो इस चोग का पता लगा कर ही रहेंगी
09:50अगले दिन रानो चिडिया और हर्याली तोती चोग की तलाश में घूम रही थी
09:55वो दोनों कवों के पास जाती है
09:58रानो चिडिया दर्वाजा खट-कटाती है
10:01अंदर से कालू कवा बाहिर आता है
10:04कालू कवे जंगल में बहुत अजीब हो रहा है
10:07सभी पक्षियों के अंडे चोरी हो रहे है
10:09चिल्डिया ये तुम क्या कहे ही हो
10:11ये तो बहुत बोरा हुआ
10:13बहला हमारे जंगल में किसकी इतनी हिम्मत
10:16जो पक्षियों के अंडे चुराए
10:17कालू तुम्हारी पत्नी कहा है
10:20मेरी पत्नी
10:21मेरी पत्नी तो अपनी मा के घर गई है
10:24अच्छा पहले तो वो कभी नहीं गई
10:26आज उसे क्यों जाना पड़ा
10:28जाओ जाओ तुम दोनों जाओ यहां से
10:30मुझे बहुत नीदा रही है
10:32कालू कवा दर्वासा बंद करके
10:34अंदर चला जाता है
10:35जिर्या मुझे तो इन पत्नी पत्नी पर शक है
10:38यह दोनों मिलकर ही अंडे चुरा रहे होंगे
10:41हाँ हर्याली
10:42यह इन्हीं का काम हो सकता है
10:44इनके अलावा और कोई भी नहीं है जंगल में
10:46जो चोरी कर सकता हो
10:47हर्याली इन्हें पकड़ने के लिए
10:49हमें कोई सबूत अकठे करने होंगे
10:52आज से हम कालू कवे पर नजर रखेंगे
10:54वो दोनों कालू कवे पर अब नजर रखने लगी थी
10:58कालू कवे उरता हुआ जा रहा था
11:00कि उसे एक घौंसला दिखाई देता है
11:03जिसमें कुछ अंडे पड़े हुए थे
11:05अरे वाह मेरी किसमत तो जा गई
11:07कोई पक्षी भी घौंसले में नहीं बैठा हुआ
11:10ऐसा कहते हुए कालू कवे उस घौंसले के पास जाता है
11:14एक पेड़ के पीछे छुपी
11:16रानो चिडिया और हरियाली तोती कालू कवे को देख रही थी
11:20देखा चिडिया मैंने कहा था ना
11:22कि यही चोर है
11:23फिर वो दोनों निकल कर कालू कवे के सामने आ जाती है
11:27चोर कहीं के पकड़े गए ना रंगे परो
11:30तो तुम ही हो वो चोर
11:32जो जंगल में पक्षियों के अंडे चुरा रहा है
11:34आज तुमें नहीं छोड़ेंगे
11:36चलो चिडिया इसे चील के हवाले कर देते हैं
11:39चच चील
11:41चिडिया मुझे बाफ कर दो
11:43मैंने चील के अंडे नहीं चुराए
11:44और ना ही किसी पक्षी के
11:46मैं तो यहां भोजन ढूनने आया था
11:49अंडे चुराने नहीं
11:51अब तो तुम ऐसा ही कहोगे
11:52चोर भी भला कभी मानता है
11:54कि उसने चोरी की है
11:56चलो चिडिया इसे चील के पास ले कर चलते हैं
11:59फिर वो दोनों कालु कवे को
12:01चील के पास ले कर जाती है
12:03दूसरे जंगल में गोरी कवी
12:05अपनी मा के घर से वापिस आ रही थी
12:08वो ठक जाती है
12:09और एक बेर पर बैठ जाती है
12:12तभी कोरी कवी की नजर
12:14मिठो तोते पर बढ़ती है
12:15जो उस जंगल में आया हुआ था
12:18अरे ये मिठो तोता
12:19यहां क्या कर रहा है भला इसका यहां क्या काम गोरी कवी मिठुतोते का पीछा करती है
12:25मिठुतोता एक कुफा के अंदर जाता है अरे यहां क्या कर रहा है यह तो बासों की गुफा है
12:32मुझे अभी चाकर जंगलवानों को बताना होगा
12:36फिर गोरी कवी वहां से उड़ती है
12:38चील यही है चोर जो पक्षियों के अंडे चुरा रहा है
12:42अच्छा काले कवे तेरी इतनी हिम्मत तूने मेरे अंडों को पंकल लगाए
12:48आज मैं तुझे नहीं छोड़ूंगी
12:49चील कालू कवे की और बढ़ने लगती है तो पीछे से गोरी कवी आ जाती है
12:55रुको रुको मेरे कालू को क्यों मार रहे हो
12:58गोरी बेहन आपके पती ने चील की अंडे चुराये हैं
13:02और कभूतर के भी जंगल के सभी पक्षियों की अंडे चुरा रहा है
13:05मुझे तो लगता है ये गोरी भी मुलावस है गोरी ने भी अंडे चुराए होंगे
13:10नहीं नहीं ऐसा नहीं है मैंने कोई अंडे नहीं चुराए और ना ही मेरे कालू जी ने
13:15मुझे लगता है कि चौर कोई और है
13:18गोरी कौन हो सकता है और
13:20हाँ मिठू तोता मिठू तोता ही चोर है
13:23गोरी ये तुम क्या कह रही हो मिठू ऐसा नहीं है
13:27चिडिया मैंने आज उसे अपनी मावाले जंगल में देखा है एक पोटली के साथ
13:32वो बाजों के गुफा में जा रहा था भला उसका वहां क्या काम
13:36गोरी बेहन क्या आप सच कह रही है
13:39हाँ चिडिया मैं जूट क्यों बोलूँगी मुझे कालू की कसम
13:42आप सब टहरे हमी एक बार मिठू से बात कर लेनी चाहिए
13:46शाम को जब मिठू तोता दूसरे जंगल से वापिस आता है
13:50तो वो पक्षी उसका इंतजार कर रहे थे
14:06सब टे एक लिया है फिर मिठू तोता रोने लग जाता है
14:10मुझे माफ कर दो बक्षी ओ मुझे माफ कर दो
14:17मैंने ही सब की अंडे चुराए है
14:19मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था
14:22मिठू भाई हमें बताएं आपने ऐसा क्यों किया
14:25मेरा बेटा सीद कर रहा था
14:28कि उसे मीठा फल खाना है जो पहाड़ियों में है
14:31मैं उसे मीठा फल खिलाने पहाड़ों में लेकर गया था
14:35वही हमें बासों ने खेड लिया
14:37और मेरे बेटे को पकड़ लिया
14:39मुझे से कहा कि अगर मैं पक्षियों के अंडे लाकर देता रहू तो वो मेरे बेटे को कुछ नहीं कहेंगे
14:45मुझे माफ करतो पक्षियों मैंने ये सब अपने बेटे की खातिर किया
14:50मिठु भाया आप चुप कर जाएं हम कुछ न कुछ करेंगे और आपकी बेटे को वापिस ले कर आएंगे
14:56उन पासों की इतने हिम्मत जो हमारे जंगल तक आ गई
15:00इल्दी हमें सूझ बूझ से काम लेना होगा और कोई योजना बनानी होगी
15:05फिर वो सब मिलकर एक योजना बनाते हैं
15:09अगले दिन मिठु दोता बासों के पास जाता है
15:12बासो आज रात आप हमारे जंगल की पहाडों वाली कुफा में आ जाना
15:16वहाँ पर मैंने बहुत अंडे चमा किये हैं
15:19मैं उन सारे अंडों को उठा नहीं सकता था
15:21ठीक है मिठु दोते हम आज पहाँ जाएंगे
15:25रात होते ही जैसे बासे कुफा से बाहर जाती है
15:28तो गोरे कावी कुफा के अंदर चली जाती है
15:31वो मिठु के बेटे को अजाद करा देती है
15:34और अपने साथ लेकर दूसरे जंगल जाती है
15:37दूसरी और जब वो बासें कुफा के अंदर जाती है तो वहाँ कुछ भी नहीं था
15:43बागी सब बक्षी बाहर से एक बड़ा पत्थर उस कुफा के आगी रख देते हैं
15:48जिसे वो चीले कुफा के अंदर ही मर जाती है
15:51गोरी कवी भी मिठू के बेटे को लेकर आ जाती है
15:55मेरा बेटा, मेरी चान, ठीक है
15:58फिर मिठू दोता सब बक्षियों से माफी मांगता है
16:01गोरी कवी अपने दो बच्चों के साथ रहती थी
16:05गोरी कवी पहले से दो बच्चों की मा तो थी
16:09लेकिन अब फिर से वो मा बनने वाली थी
16:11इस हालत में गोरी का पती कालू भी उसके साथ नहीं था
16:15वो उसी चंगल में रहने वाली एक कवी जिसका नाम मीली था उसके साथ रहता था
16:22गोरी कवी बहुत मुश्किल से अपना गुजारा कर रही थी
16:26और उपर से परसाद का मौसम भी शुरू होने वाला था
16:30मा, मिठो अंकल अपने घर बना रहे हैं
16:33मा देखे न, हमारा घर कितना तूटा हुआ है
16:36हमें भी अपने घर को ठीक कर लेना चाहिए
16:39हाँ मुन्नी, तू ठीक कह रही है
16:41मगर बेटी, मैं इस हालत में कैसे घर को ठीक करूँगी
16:45और तुम दोनों बेहन भाई भी इतने बड़े नहीं हो
16:48कि घर की मुरमत कर सको
16:50मुन्नी बेटी, रहने दो, जो होगा देखा जाएगा
16:54गोरी कावी जल्दी अंडे देने वाली थी
16:57मगर इस हालत में भी उसके पती कालूगो गोरी कावी पर जरा भी रहम नहीं आया
17:02एक दित गोरी कावी अपने घर लाट रही थी
17:06के रास्ते में उसे उसका पती कालूगवा मिलता है
17:09कालूजी, कैसे हैं आप?
17:11ठीक हो ठीक हो, तुम कैसी हो कावी?
17:15हाँ, मैं भी ठीक हूँ, मगर आपके बच्चे आपका रोस पूछते हैं
17:19कि उनके बाबा काव आएंगे
17:21हाँ, हाँ, तो कहे दो के बाबा कभी नहीं आएंगे
17:24जूठी तसली देनी की कोई जरूरत नहीं है
17:27अब मैं चलता हूँ, मुझे अपनी नीली जी के लिए ये भर लेकर जाने है
17:32मेरी दूसरी पत्नी भी मा बनने वाली है
17:35फिर कालू कवा वहां से चला जाता है
17:38और गोडी कवी भी वाबी सब ने घर लोडाती है
17:41रात को बहुत तेज बारिश आधी और दूफान आता है
17:45तेज हवा के कारण कालू कवे का घर गिर कर डूड़ जाता है
17:50अरे कुछ करो ना, देखो मैं बारिश में भीग रही हूँ
17:54और मैं मा भी बनने वाली हूँ
17:56अगर मैं ऐसे ही बारिश में भीगती रही
17:58तो मैं बीमार हो जाओंगी
18:00जाओ, अब मेरी शकल क्या देख रही हो, कुछ करो
18:04मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा
18:06कि इतनी तेज बारिश में मैं तुम्हें कहा लेकर जाओं
18:10अरे कालू, क्या तुम अपनी पहली पतनी को भूल गए हो
18:13चलो उसके पास चलते है
18:28गोरी के साथ उसकी दूसरी पतनी को देखकर
18:31गोरी कवी हैरान हो जाती है
18:33उसे लगा था कि कालू कवा अकेला आया है
18:36गोरी बाहिर बहुत तेज बारिश हो रही है
18:39और आंधी की वज़ा से हमारा घर तूट गया
18:42लीली जी पेट से है
18:43अगर मैं इसे ज्यादा देर बाहिर रखता
18:46तो ये बीमार हो जाती
18:47बस इसी लिए मैं तुम्हारे पास लिया आया
18:50हाँ हाँ ठीक है
18:52ये घर भी तो आपका ही है
18:54कालू कवा अपनी दूसरी पतनी को
18:57गोरी के घौसले में सुला देता है
18:59और कोरी कवी पिचारी अपने बच्चों के साथ ही घौसले में बैफ जाती है
19:04जैसे तैसे रात कुजर चाती है
19:06अगली सुभा भी बारिश रुकी नहीं थी
19:09कालू जी ये लीजे दाना
19:11ये दोनों मिलकर खा लीजे
19:13कोरी कवी दिल की बहुत अच्छी थी
19:15भले ही कालू कवे ने उसे छोड़ दिया था
19:18और नीरी कवी के साथ दूसरी शादी कर ली थी
19:21मगर कोरी कवी फिर भी उसका बहुत ख्याल रखती है
19:24देखते ही देखते दो दिन बीच जाते हैं
19:27मगर बारिश थी के अभी तक नहीं रुकी थी
19:30घर पे रखा हुआ सारा दाना दिरे दिरे खतम हो गया था
19:34गोरी कवी के बच्चे अब भूख से तड़प रहे थे
19:38ममा बहुत तेज बूख लगी है कुछ खाने को दो ना
19:42बच्चों बहुत तेज बारिश हो रही है
19:45जैसे ही बारिश रुकेगी तो मैं तुम्हारे लिए जाकर दाना ले आऊंगी
19:49कई दिन गुजर जाते हैं मगर बारिश नहीं रुकती
19:53नीली का वेबी अब भूख से तड़प रही थी
19:56कालू जी देख क्या रहे हो जाओ अब जाकर मेरे लिए कुछ लेकर आओ
20:01भूख से मैं मर रही हूँ
20:03अरे नीली पत्नी जी देखो बाहर कितनी तेज बारिश है
20:07अब मैं इतनी तेज बारिश में कहा चला जाओं
20:10ओ सब मुझे नहीं पता मुझे अभी के अभी भोजन ला कर दो
20:14इसके आगे मुझे कुछ भी नहीं सुनना
20:16कालू कवा देज बारिश में अपने घर से बाहर निकलता है
20:20जिसके बाद वो जंगल में भोजन की खोज करता है
20:24उसे एक मीठा फल मिल जाता है
20:26वो मीठा फल लेकर अपने पत्नी नीली कवी को देता है
20:30नीली कवी चलती से वो पूरा फल खा जाती है
20:34वहीं कालू कवा अपने बच्चों को थोड़ा सा भी भल नहीं देता है
20:39बारिश कई दिनों से हो रही थी
20:41गोरी कवी का घर भी अभी हिलने लगा था
20:44ये देखकर वो सबी खबरा जाते हैं
20:48ये उपर वाले ये अब क्या हो रहा है
20:50कालू जी लगता है ये गोंसला भी अब केरने वाला है
20:54कालू जी तुम एक काम करो
20:56तुम इस गोरी कवी और बच्चों को इसके गोंसले से बाहर निकाल दो
21:01तब इस गोंसले का वज़न हलका हो जाएगा
21:04और हम यहां कुछ और दिन गुजार सकेंगे
21:07ये सुनकर कोरी कवी को बहुत भूसा आता है
21:10क्यों ये मेरा गोंसला है
21:12और मैंने तुम दोनों को अपने घर में रहने की जगा दी है
21:16ये भूलो मत ये सब मैं नहीं जानती
21:19मैं तो बस इतना जानती हूँ
21:20कि मैं इस गोंसले में रह सकती हूँ
21:23और जो भी मैं कालू जी से कहूंगी कालू जी वही करेंगे
21:26तुम अपने बच्चों को लेकर अभी के अभी यहां से निकल जाओ
21:30फिर कालू कववा अपनी पत्री गोरी और अपने बच्चों को घर से बाहर निकाल देता है
21:36ममा अब हम कहा जाएंगी इतनी देश पारिश में बाबा ने हमें घर से बाहर निकाल दिया
21:43हाँ ममा बाबा ने हमें घर से बाहर निकाल दे समय एक बार भी नहीं सोचा
21:48कोई कवी अपने दोनों बच्चों को साथ लेकर रानो चुरिया के घर चली जाती है
21:54मगर रानो चिडिया का घर भी नीचे तूटा हुआ पड़ा था
21:57फिर गोरी कवी अपने बच्चों को लेकर मिठु दोते के पास चाती है
22:02मिठु दोते के घर पहले ही बहुत सारे पक्षियों ने आस्रा लिया हुआ था
22:07क्या हुआ गोरी इतनी तेज बारिश में बच्चों के साथ यहां क्या कर रही हो
22:15मिठु भाया हमारी मदद करो हमें अपने घर में रहने दो
22:19तभी बाती सुनकर अंदर से रानो चिडिया भी बाहिर आती है
22:23चिडिया बेहन तुम जहां मैं तुम्हारे घर गई थी मगर वो तो तूटा हुआ था
22:28हाँ गोरी बेहन बारिशें बहुत दिन से हो रही है और जंगल की सभी पक्षियों के घर तूट गए है
22:34मेरा घौसला भी तूट गया है इसलिए मैं मिठु तो दे के घर आई थी
22:53खर गोरी के बच्चों को मेरी चगा अपने घर रख ले में और गोरी बाहिर रह लेंगे फिर है
23:11तुमने मेरी मुश्किल समय में मदद की मेरे बच्चों को बच्चा लिया गोरी बेहन वो मासूम बच्चे है वляется
23:18करा हैं चिरिया मेरे बच्चों ने दो दिन से कुछ नहीं खाया गोरी बेहन मिठो के घर में भी दाना खतम हो गया है चलो हम जंगल से कुछ दाना ढून कराते हैं फिर गोरी कवी और रानोचिरिया जंगल में दाना ढूनने चनी जाती हैं वो जंगल में दाना ढून रही थी
23:48चाती है, तो वहाँ बहुत सुंदर खोस ले थे.
23:52गोरी बहन लगता है कोई पक्षी इस खोकर में रहे कर गया है.
23:56हाचिडिया, ये खोकर तो बहुत सुंदर है.
23:59और यहाँ पर ठेर सारा दाना भी है.
24:01लगता है गोरी बहन, उपर वाले ने आप की सुन ली.
24:04आज दे ये घर आपका है आप अपने बच्चों के साथ यहीं आकर रहे ले
24:10हाँ चिडिया तुम भी हमारे साथ रहोगी हम सब मिलकर रहेंगे
24:14फिर गोरी कवी अपने बच्चों को वहां ले आती है
24:18दूसरी और वो दुष्ट कवा और नीली कवी जिस खोसले में रह रहे थे
24:23वो भी किर कर तूड़ जाता है वो दोनों मुश्किर से अपनी चान बचाते हैं
24:28वो दोनों तेज बारिश में भीगने लगते हैं अब उनके पास रहने के लिए कोई घर नहीं बचा था
24:34ये करमों की सजा थी जो उन्होंने गोरिकवी और उसके मासूम बच्चों के साथ किया था
24:40चिडिया तुम्हें तो पता है कि मेरी कोई उलाद नहीं है
24:45मेरे इस बुढ़ापे में तुम ही मेरा सहारा बनी हो तुम मेरी बहुत अच्छी दोस्त हो
24:50चिल मा जी आपका दिल बहुत नरम है वरना मुझे ऐसी छोटी से चिडिया से कौन बहला दोस्ती करता
24:58मुझे बहुत प्यास लगी हुई है चलो बेटी नदी से पानी पीने चलते है
25:03फिर वानु चिडिया और बुडी चिल नदी पर पानी पीने चली जाती है
25:07नदी पर गोरी कभी पहले से आई हुई थी
25:10बुड़ी चेल जी आप इस वरीब चिडिया के साथ भला क्या कर रही है
25:15गोरी ये चिडिया मेरी बेटी जैसी है
25:18बगर चीले तो पक्षियों को खा जाती है
25:21जब कर चाओ गोरी वो और चीले होंगी
25:24मैं उन जैसे चील नहीं हूँ
25:26चलो बेटी आके चलते है
25:28फिर रान चील और चील वहां से चली जाती है
25:32बुड़ी चील का तो दिमाख खराब होगया है
25:35जो इस चोटी से चीलिया को अपनी बेटी बना कर बैठी हुई है
25:39अरे मुझ में क्या कामी थी
25:40सारे जंगल में मेरी बुद्धी की मिसाल दी जाती है
25:44इस चीलिया की जगा पाने के लिए मुझे कुछ न कुछ तो गरना होगा
25:48फिर गुरी कवी वहां से चली जाती है
25:51रास्ते में गुरी कवी की नजर तो उलू अबर बढ़ती है
25:55लगता है उस बुरी जील का दिमा फराब हो गया है
25:59जब देको उस चोटी चिडिया के साथ ही रहती है
26:02तुम ठीर कह रहे हो अगर मेरा बस चलता तो मैं उस चोटी चिडिया को मार देता
26:07वो बुरी तो है
26:14मगर अभी तक उसमें इतनी ताकत है
26:16कि वो हम दोनों को मार सकती है
26:18तुछ चिंता मत कर
26:20वकतानी पर हम उन दोनों को मार कर
26:22जंगल पर राच करेंगे
26:24उन दोनों की बाते सुनकर
26:26गुरीका भी सोचती है
26:28ये उल्लू भी मेरी तरह
26:29चिड्या के दुश्मन है
26:31अब चिडिया को रास्ते से हटाने के लिए मुझे कोई न कोई उपाय तो सोचना ही होगा
26:36फिर चिडिया की जगा मैं बनूँगी चील की सहेली और जंगल के सभी बख्षी मुझे से डरेंगे
26:42ये सोचते हुए गोरी कवी सबसे पहरे चील के पास जाती है
26:47चील माजी आप यहाँ बैठी हैं और जंगल में दो उल्लू आपको मारने की साज़िश कर रहे हैं
26:53मुझे मारना इतना असान नहीं है कवी
26:56मगर माजी उन दो उल्लू का कुछ ना कुछ तो गरना ही होगा ना
27:00गोरी मैं चील हूँ जब भी वो मुझे पर हमला करेंगे तो मैं उन्हें चील कर रखतूंगी
27:07फिर गरी कवी बहां से उल्लू के पास जाती है
27:10हम उल्लू के पास आते हुए तुम्हें डर नहीं लगा कवी
27:14लगता है तुझे अपनी चान प्यारी नहीं है
27:17उल्लू पहले अपनी चान बचाओ
27:19मैं तुम्हें अगहा करने आई हूँ
27:21बता कवी क्या खबर लेकर आई है
27:24जब तुम दोनों चील को मारने की साधिश कर रहे थे
27:27तो तुम्हारी बात उस चीडिया ने सुन ली थी
27:29और चीडिया ने जाके ये बात उस चील को बता दी है
27:33ये चीडिया ने अच्छा नहीं किया
27:35तुम्हें बताओ गोरी अब हमें क्या करना चाहे
27:38बढ़ी चील को मारकर खुद जंगल पर राच करो
27:42या भे उस चीडिया को सबक सिखाओ
27:44चील को मारना इतना असान नहीं है
27:47हाँ हम पहले उस चीलिया को मारेंगे
27:50उसके बाद जो होगा देखा जाएगा
27:52ये सुनकर गोरी का भी खुश हो जाती है
27:55और मन ही मन में सोचती है
27:57चीलिया मर जाएगी तो मैं चील की दोस्त बन जाओंगी
28:01और अगर चील मर गए तो मैं इन उलूओं की दोस्त बन जाओंगी
28:05लडू दोनों हाथों में है
28:07हाँ हाँ हाँ
28:08अगले दिन दोनों उलू रानु चुडिया को ढूंटते हैं
28:11वो दोनों रानु चुडिया पर हमला कर नहीं जा रहे थे
28:14कि तभी वहां कबूतर आ जाता है
28:17रानु बेहन जल्दी से भाग चाओ
28:19तुम्हारी जान खट्रे में है
28:20ये क्या कह रही हो कबूतर भाया
28:23कौन मुझे मारना चाहता है
28:24दो उलू
28:26दो उलू वो मुझे क्यों मारना चाहते हैं
28:28मैंने उनका बना क्या भी गाड़ा है
28:30वो मैं नहीं जानता जब मैं चंगल से गुजर रहा था
28:34तो मैंने देखा वो तो उल्लू घुरी कभी के साथ खड़े तुम्हें मारने का प्लैन बना रहे थे
28:39रबुतर भाया मैं अभी जाकर चील को बताती हूँ
28:43चिल्या बेहन इतना समय नहीं है तुम्हारे पास वो तुम्हें चील के पास नहीं पहुचने देंगे
28:48तो कभुतर भाया अब मुझे क्या करना चाहिए
28:51चिल्या बेहन तुम इसी वकट जंगल छोड़कर भाग जाओ और अपनी मा के पास चली जाओ
28:56रभुतर की पास सुनकर रानो चिल्या अपनी मा के पास चली जाती है
29:01कुछ दिनों के बाद रानो चिल्या के लापता होने की बाद चील को पता चलती है
29:06चिल्या बेटी तुम कहा चली गई तुम्हारे पीना मुझे अच्छा नहीं लगता
29:12रानुचिर्या के जाने के बाद बुर्ही जील बहुत उदास रहने लगती है
29:16अब समय आगया है अपनी अकलमंदी दिखाने का
29:20अब जाकर जील को बताती हैं कि उन उलुओं ने रानुचिर्या को मार दिया
29:25ये सुनकर दोनों के बीच में लड़ाई होगी
29:27और जो भी जीतेगा मैं उसकी खास बन जाओंगी
29:30गोरी कवी की ये बाते वो दोनों उलुओं बेढ़े सुन रहे थे
29:34अरे ये कवी ने हमें गहुका दिया
29:37हाँ भाई ये हमें उस चील के हाथों मरवाना चाहती है
29:41चलो हम इसे ही बार देते हैं
29:44ऐसा कहते हुए वो दोनों गोरी कवी के पास आती है
29:47वो दोनों उलुओं गोरी कवी पर हमला करने ही बाले थे
29:51कि वहाँ चील आ जाए उलुओं चील के डर से वहाँ से भाग जाते है
29:55गोरी मैं बूरी हूँ मगर मुझ में अभी भी इतनी ताकत है
30:00के मैं अपने जंगल के बक्षियों की रक्षा कर सकूँ
30:03मैंने चील का बुरा चाहा
30:05मकर जील ने मेरी जान बचाई
30:07चील माजी मुझे माफ कर दीजे
30:10माफी माफी किसलिये
30:12रानो चिडिया को जंगल से भगाने वाली मैथ थी
30:15मैंने आपकी दोस्त बनने के लिए
30:17उन उल्वों को भड़काया
30:19यह तुमने अच्छा नहीं किया
30:21कोरी तुमें इसकी सजा जरूर मिलेगी
30:24मुझे इस बात का पश्टावा है
30:26चील आप मेरी जान भी ले सकती हो
30:29कोरी जो गलती करकर पश्टाता है
30:31उसे माफ कर देना चाहिए
30:33जाओ मैंने तुझे माफ किया
30:36चील माजी चीडिया मेरी बजा से जंगल छोड़ कर गई
30:39अब मैं उसे वापिस लेकर आउंगी
30:41फिर वो दोनों रानो चीडिया को ढूंते ढूंते
30:44रानो चीडिया के मावाले जंगल पहुंचाते है
30:47रानो चिडिया बुरी चील को देखकर खुश हो जाती है
30:50चील मा जी आप
30:52हाँ चील मा जी ने लेने आई हूँ
30:55फिर गोरी कवी ने रानो चील को सारी बात बताई
30:58चील मुझे माफ कर दो
31:00कोई बात नहीं गोरी पहन
31:02अगर चील मा जी ने आपको माफ कर दिया
31:04तो मैंने भी आपको माप कर दिया है
31:06आज से तुम मेरी दोस्त हो
31:08और हम दोनों चील माजी की बेठिया है
31:11उस दिन के बाद गोरी कवी सुधर गई
31:14वो जंगल बहुत सुन्दर था
31:17और वहाँ पर रहने वाले सभी पक्षी भी बहुत सुन्दर थे
31:22वो सभी पक्षी प्यार और मुहबत से रहते थे
31:25रानो चिडिया और तीना चिडिया भी उसी जंगल में रहती थी
31:29वो दोनों अच्छी सहेलिया थी
31:32और एक दूसरे का ख्याल रखती थी
31:34उसी जंगल में तीना चिडिया के पास एक चील रहती थी
31:38वो अपने गौंसले में ही रहती थी क्योंकि एक हाथसे में उसका एक पंक तोड़ चुका था
31:45उसी वज़ा से अब बक्षी भी उससे तरते नहीं थे
31:49तीना चिडिया ने दो अंडे दिये थे वो बहुत खुश थी
31:53जब चिडिया के बच्चों का सुवाद अभी भी याद था जो उसने पिछले साल खाए थे
32:03वो चिल प्लैन बनाने लगी कि कैसे जब उन अंडों से बच्चे निकल कर आएंगे तो वो उन्हें खा जाएगी
32:11वो चिल उड़ नहीं सकती थी इसलिए आइस्ता आइस्ता नीचे उतर कर वो दाना ढून कर खा लेती
32:18या नदी के किनारे कभी कोई कैंचवा मिल जाता तो उससे अपने मास खाने की इच्चा पूरी कर लेती
32:25पीना चिडिया हर रोज दाना ढूनने के लिए जाया करती
32:41चिल दी थी मुझे चल्दी होती है मैंने ताना ढून कर चल्दी अपने घौसले में भी जाना होता है क्योंके घौसले में मेरी अंडे हैं मैं अपने अंडों को अकेला नहीं छोड़ सकती
32:53और टीना चिडिया ऐसा कहते हुए वहां से चली जाती है
32:57रानो चिडिया को कभी भी वो चील अच्छी नहीं लगती थी
33:01टीना अब तुम उस चील से साफधान रहा करो
33:04क्योंकि अब तुम्हारी अंडे आ गए है
33:07रानो अब तुम मुझे उस चील पर दया आती है
33:10हर समय विचारी अपने घौसले में ही रहती है
33:13उसका भी तो मन करता हो का उणने को
33:16टीना तुम उस पर ज्यादा दया ना करो
33:19क्योंकि उपर वाला जो भी करता है अच्छा करता है
33:22उस सालिम चीलने भी ना जाने कितनी माओं की गोदो चाड़ी है
33:26अच्छा तुम बताओ कितने दिन रह गए हैं तुम्हारे अंडों से बच्चे निकलने को
33:31बस तीन दिन बागी रह गए हैं
33:34अच्छा टीना जब अंडों से बच्चे बाहर निकलाएं तो तुम उन्हें अखेरे मत छोड़ना
33:39मैं तुम्हे दाना घौसले में ही दे जाया करूँगी
33:42और रानो चिडिया वहाँ से चरी जाती है
33:45अगले दिन टीना चिडिया जब दाने की तलाश में जाने लगती है
33:49तो वो चीज टीना को अवाज देती है
33:52क्या बात है चीलती थी
33:54वो मैंने तुमसे गहना था
33:56कि मेरे बाफ ये दाना पड़ा है, बला मैंने कितना खा लेना है?
34:00तुम इसे ले जाओ, तुम्हारे अंडे है, कहां ढूमती फिरोगी दाना?
34:05तुम ये दाना ले जाओ, और चाकर अपने अंडों की रक्षा करो।
34:09तीना चिडिया वो दाना लेकर अपने घौसरे में वापिस चली जाती है, ये चील तो मन की बहुत अच्छी है, रानों तो बस इसके बारे में ऐसे ही गलत बोलती रहती है, तीना चिडिया वो दाना खा लेती है, और सो जाती है, अब तो चील हर रोज ही तीना चिडिया के ल
34:39और तो किसी पक्षी से भी इतना नहीं हुआ कि मुझे से आकर पूछ ले कि किसी चीज की जरूरत तो नहीं है।
34:46और रानो, वो भी बस बातें ही करती रहती है, कभी मेरे लिए दाना तक नहीं लेकर आई।
34:52ये जील ही सब पक्षियों से ज्यादा नरम दिल है।
34:55अब टीना चीलिया हर रोज चील के पास चली जाती और उसके पास बैठी बातें करती रहती।
35:02चील दीदी, आपका कोई रिष्टेदार नहीं है, मेरा मतलब मैंने कभी किसी को आपके पास आते नहीं देखा।
35:09टीना, पिष्टेदार तो बहुत हैं, मगर कभी मेरे पास कोई नहीं आता, क्योंकि उन्हें डर लगता है कि कहीं मैं उनके साथ ना चली जाओं।
35:19सब डरते हैं, जब कहीं किसी को मुझे भोजन ना देना पड़ जाए।
35:23अलागे मैं किसी के बोजन के भूख ही नहीं हूँ, मुझे तो बस प्यार चाहिए, लेकिन अब मुझे उनकी कोई जरूरत नहीं, ना ही मुझे उनकी कोई कमी महसूस होती है, जब से मेरी तुम्हारे साथ दोस्ती हुई है, अच्छा टीना, तुम्हारे अंडों से बच्�
35:53चील दी, बहुत जल्द मैं आपको खुशखबरी देने ही वाली हूँ, चील मन ही मन में उन बच्चों को खाने का सोच रही थी, बहुत मजाईका, क्या चील दी, किस बात का मजाईका, मम्मा मेरा मतलब है, जब मैं उन्हें खेलते देखूंगी, चूचूँ करते देखूं
36:23चील दी, अब मैं चलती हूँ, और टीना चील दी, अपने घौसले में चली जाती है, चलो, अब मेरी ये जिंता तो खतम हुई, कि जब मैं दाना लेने जाऊंगी, तो मेरे बच्चों की रक्षा कौन करेगा, वैसे भी चील दी, सारा दिन घौसले में ही रहती है, मेरे ब�
36:53तीना क्या बात है, दो तीन दिनों से तुम मुझे मिलने नहीं आई, रानो, तुम्हें तो बता है, मेरे अंडे पूर्टने वाले हैं, इसलिए मैं बाहिर बहुत कम चाती हूँ, तुम भी तो इतने दिनों बाद आई हूँ, क्या बताऊं तीना बहन, मेरी गुड़ों के �
37:23ताना भी मुझे वही दे देती है, तीना, मैंने तुम्हें पहले भी कहा था, कि चील पर विश्वास करना ठीक नहीं है, रानो, तुम बस वहम ही करती रहा करो, जैसा तुम सोच रही हो, वैसा नहीं है, तीना, एक तो तुमने घौंसला भी मेरे घौंसले से बहुत दूर �
37:53तो उसके अंडों से दो प्यारे प्यारे बच्चे बाहर निकलाते हैं, वो बहुत खुश थी, वो जल्दी से अपनी दोस्त चील के पास जाती है, चील दीदी, मैं आपको खुश खबरी सुनाने आई हूँ, क्या बच्चे निकला आई अंडों से, आपको कैसे पता, भला �
38:23बहुत साथ दिया, तुम्हें धन्यवाद करने की कोई जरूरत नहीं, हिसाब तो मैं चुकता कर ही लूँगी, चील मन ही मन में ऐसा सोचती है, और टीना चिर्या वो दाना लेकर अपने घौसले में आ जाती है, ऐसे ही कुछ दिन गुजर जाते हैं,