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00:00तब किसे एक माना है आपने माराज जी स्रीजी में पढ़ाई पूरी की और मैंने स्रीजी से कहा कि मैं अब क्या करूं उन्होंने मुझे कुछ संकेत दिये थे कि आप सरकारी में जाइए और प्रभू की शेवा करिए फिर सफलता नहीं मिल रहे उसमें एक्जाम में और अब ह
00:30संकेत को आप जानने लगे comenz एंवी को अप सरीजी के संकेत संकेत तकी देडेन जानके उनगे नगें आप स्पलता किसी की चाहतो प्रकत फित्रकत ही जनने की आप सरीजी के संकेत को आप सर्फ़ेयरनी जी एक बहुतownersь बड़े महाः पुरुश्वे
00:56कि उन्होंने अपने माता पिता को शुखी करने के लिए धन प्राप्ती के लिए गायत्रीय ह wears
01:00किना ब्रह्म्हालकूल में जन मुझा था कि πुरश्चरण 24 लागज तुक रही उन्होंने एक पुरश्चरण कि विध्त
01:08एक बार भी कोई धन की प्राक्ति नहीं हुए आखिरी में उन्हें उन्हें शन्यास लिया माता गायत्री प्रगठ हो गए उनका अब इंद्राशन भी मांगो तो आपका तो बेरागी हो गया बिरक्त हो गया माता पिता भी पधार गया उनकी सेवा के लिए अर्थ चाहना 23 प�
01:38बोले अब सद्यासी यह अब तो इससे आभाश होता है कि अगर हमारा बुरा प्रारव्ड है तो हम को भोगना पड़ेगा हम कितना भी प्रियास करें उमें तो हम क्या करें इसमें जिस्से हमें परमशान्ति अप्रहु के नाम का जब करते हुए उन पर द्रिष्टि लगा�
02:08सब लिखा पड़ी अलग कर देंगे
02:10सुदामा जी को
02:12दरिद्रता का योग था
02:14ऐसी दरिद्रता