Dhumavati Jayanti is observed on the Shukla Paksha i.e., waxing moon phase in Ashtami, Jyestha month.,,Goddess Dhumavati is an embodiment of Goddess Durga(Shakti). Goddess Dhumavati is the seventh incarnation of Goddess Durga. She is believed to be the most enraged form of Goddess Shakti. Goddess Dhumavati is also known as 'Jyeshtha Nakshatra'.,,'Dhuma' signify 'smoke', therefore, Dhumavati means one who is composed of smoke. So, she is the smoky form of Goddess Shakti. As the everlasting widow, she is Shakti without her Shiva. So, she reveals all that is flawed, the sadness, sorrows, disgrace, defeat, loss, disappointment, rejection and loneliness, and all the negative aspects in the ordinary existence of an individual in order that we may transcend it. Life is a struggle, battle and conflict and one discovers from the harmful and negative experiences and treating them as lessons in wisdom. This is what Dhumavati placed out to educate by implication.
धूमावती जयंती हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी को पड़ती है। इस बार धूमावती जयंती 20 जून 2018 (बुधवार) को मनाई जाएगी। मां धूमावती जयंती के विशेष अवसर पर दस महाविद्या का पूजन किया जाता है। धूमावती जयंती समारोह में धूमावती देवी के स्तोत्र पाठ व सामूहिक जप का अनुष्ठान होता है।ऐसी मान्यता है की मां धूमावती के दर्शन से पुत्र और पति की रक्षा होती है।लेकिन इनके दर्शन सुहागने नहीं कर सकती। क्या है इसके पीछे की कथा,आइये जानें...
धूमावती जयंती हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी को पड़ती है। इस बार धूमावती जयंती 20 जून 2018 (बुधवार) को मनाई जाएगी। मां धूमावती जयंती के विशेष अवसर पर दस महाविद्या का पूजन किया जाता है। धूमावती जयंती समारोह में धूमावती देवी के स्तोत्र पाठ व सामूहिक जप का अनुष्ठान होता है।ऐसी मान्यता है की मां धूमावती के दर्शन से पुत्र और पति की रक्षा होती है।लेकिन इनके दर्शन सुहागने नहीं कर सकती। क्या है इसके पीछे की कथा,आइये जानें...
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