लुहार की बेटी ने नाम किया रोशन, ऐसे सीखी थी हॉकी
Poor family girl become hockey national player
अलवर। बॉलीवुड फिल्म ओम शांति ओम में शाहरुख खान का एक डायलॉग है कि आप अगर आप किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है। यही सब राजस्थान के अलवर जिले की आठवीं कक्षा की छात्रा के साथ हुआ है, जिसने खाली मैदान में अकेले हॉकी सीखी और आज अपना और अपने परिवार का नाम देशभर में रोशन किया है। इस बारे में अंजली का कहना है कि वह आगे पढ़ना चाहती है और हॉकी में एशिया और ओलंपिक में प्रतिनिधित्व करना चाहती है।
अलवर जिले के गाड़िया लुहार परिवार में जन्मी बेटी अंजली ने दो साल पहले सूर्य नगर के एक खाली पड़े मैदान में हॉकी खेलनी सीखी थी। छात्रा ने पीटीआई विजेंद्र सिंह नरूका को हॉकी खेलने की हॉबी से रूबरू कराया था। नरूका ने इस बच्ची को टीम में शामिल कर हॉकी की प्रैक्टिस कराई।
अलवर। बॉलीवुड फिल्म ओम शांति ओम में शाहरुख खान का एक डायलॉग है कि आप अगर आप किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है। यही सब राजस्थान के अलवर जिले की आठवीं कक्षा की छात्रा के साथ हुआ है, जिसने खाली मैदान में अकेले हॉकी सीखी और आज अपना और अपने परिवार का नाम देशभर में रोशन किया है। इस बारे में अंजली का कहना है कि वह आगे पढ़ना चाहती है और हॉकी में एशिया और ओलंपिक में प्रतिनिधित्व करना चाहती है।
अलवर जिले के गाड़िया लुहार परिवार में जन्मी बेटी अंजली ने दो साल पहले सूर्य नगर के एक खाली पड़े मैदान में हॉकी खेलनी सीखी थी। छात्रा ने पीटीआई विजेंद्र सिंह नरूका को हॉकी खेलने की हॉबी से रूबरू कराया था। नरूका ने इस बच्ची को टीम में शामिल कर हॉकी की प्रैक्टिस कराई।
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