लॉकडाउन फेज-4 के पहले दिन बाराबंकी में दिल्ली, गाजियाबाद, हरियाणा से तमाम मजदूर पैदल पहुंचे। उन्होंने बताया कि वे वहां मजदूरी करते थे। पैसे खत्म हो जाने के बाद अब वहां से वापस घर के लिए निकले हैं। इन्में से कोई यूपी के किसी जिले का रहने वाला है। तो कोई बिहार और पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। उधर बाराबंकी-लखनऊ बॉर्डर पर इन सभी पैदल या साइकिल से आ रहे मजदूरों को रोककर पुलिस-प्रशासन इन सभी के लिए सरकारी बस या प्राइवेट वाहन का इंतजाम करवा रहा है। इसके अलावा रास्ते में भी तमाम लोग इन मजदूरों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे ही बाइक सवार दो मददगार अजीबो-गरीब तरीके से रिक्शे पर सवार मजदूरों की मदद करते नजर आए। जिन्हें देखकर सभी दंग रह गए।
बाराबंकी-लखनऊ बॉर्डर पर मोहम्मदपुर चौकी के पास पैदल आ रहे मजदूरों का हुजूम सड़कों पर दिख रहा है। इन मजदूरों में कोई यूपी के किसी जिले का रहने वाला है। तो कोई बिहार और पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। पुलिस-प्रशासन इन मजदूरों को यहीं पर रोककर इनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर रहा है और इनके खाने-पीने की व्यवस्था करवा रहा है। इसके बाद इन सभी मजदूरों के लिए प्राइवेट या सरकारी वाहनों का इंतजाम करके इनको इनके गंतव्य स्थान तक भिजवा रहा है।
बाराबंकी-लखनऊ बॉर्डर पर मोहम्मदपुर चौकी के पास पैदल आ रहे मजदूरों का हुजूम सड़कों पर दिख रहा है। इन मजदूरों में कोई यूपी के किसी जिले का रहने वाला है। तो कोई बिहार और पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। पुलिस-प्रशासन इन मजदूरों को यहीं पर रोककर इनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर रहा है और इनके खाने-पीने की व्यवस्था करवा रहा है। इसके बाद इन सभी मजदूरों के लिए प्राइवेट या सरकारी वाहनों का इंतजाम करके इनको इनके गंतव्य स्थान तक भिजवा रहा है।
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