प्रदेश में मनरेगा मजदूरों की संख्या दो महीनों में 60 हजार से 38 लाख हुई

  • 4 years ago
कोरोना महामारी ने मजदूरों को दर—ब—दर भटकने को मजबूर कर दिया। अन्य राज्यों में काम बंद होने के बाद अपने घर राजस्थान लौटे मजदूर अब मनरेगा में काम कर पेट पालने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य के मजदूरों के लौटने के बाद और महामारी के दौरान लोगों की नौकरियां जाने से मनरेगा में मजदूरों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। 15 अप्रेल से दस जून के बीच राज्य में मनरेगा मजदूरों की संख्या 38 लाख पहुंच गई हैं। जबकि प्रदेश में 15 अप्रेल तक मनरेगा में काम करने वालों की संख्या 60 हजार ही थी।
इस तरह से बढ़ी संख्या
अप्रेल में राज्य सरकार ने लौटने वाले मजदूरों को जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा में काम देने का ऐलान किया। इसके बाद लगातार राज्य में ही प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की भी नौकरियां जाने लगी। बेरोजगारों ने कोई और रास्ता न देख मनरेगा के लिए जॉब कार्ड बनवाना शुरू कर दिया। फेक्ट्रियां बंद होने पर बेरोजगार हुए लोग भी मनरेगा से जुड़ गए। इससे पहले 15 अप्रेल तक मनरेगा में काम करने वालों की संख्या करीब 60 हजार थी। यही संख्या अप्रेल ​आखिर तक बढ़कर 9 लाख 60 हजार हो गई। 1 मई को 13 लाख 4 हजार 128 मजदूर मनरेगा में काम करने लगे। 20 मई को यह संख्या 35 लाख 60 हजार तक पहुंच गई। 22 मई को यह संख्या 36 लाख 54 हजार 130 और 25 मई को यह संख्या करीब 38 लाख हो गई। 11 दिनों में 12 लाख लोगों ने मनरेगा के तहत अपने लिए काम मांगा।
मजदूरी भी बढ़ी और काम भी
मनरेगा के तहत राष्ट्रीय औसत मजदूरी को 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है। वहीं राज्य में भवन निर्माण का जो भी काम पेंडिंग चल रहा था, उसे इन मजदूरों की सहायता से पूरा करवाया जा रहा है। राज्य में इस समय 10 हजार शौचालयों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्र में किया जा रहा है। 226 पंचायत समितियों में भवन निर्माण का काम
भी मनरेगा मजदूरों को सौंपा गया है।
काम 200 दिन करने की मांग
वहीं ग्रामीण विकास मंत्री सचिन पायलट का कहना है कि मजदूरों के मांगते ही सरकार काम देगी। पायलट का कहना है कि देश में सबसे अधिक मनरेगा मजदूर राजस्थान में काम कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र से मनरेगा का काम 100 दिन की जगह 200 दिन करने की मांग भी की है। इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय और निखिल डे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिमा लगाकर मनरेगा में काम की अवधि को बढ़ाकर 200 दिन करने की मांग की है।
एम्पलॉयमेंट एक्सचेंज से भी मिलेगा काम
राजस्थान सरकार ने महामारी के समय में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 'राज कौशल एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज' की शुरुआत भी की है। इस पोर्टल पर मजदूरों या अन्य बेरोजगारों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह एक्सचेंज मजदूरों और उद्योगपतियों के बीच डिमांड एंड सप्लाई प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करेगा। इसमें करीब 45 लाख कुशल व अर्धकुशल मजदूरों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।

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