ऐसे करें टमाटर की खेती, होगी दोगुनी कमाई
#lockdown #kheti #kishani #tamata ki kheti #kamai #kishan
खेती -किसानी में नित नए प्रयोग हो रहे हैं । किसान भी अपनी आय बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक विधि को अपना रहे हैं । मोतिगरपुर ब्लॉक क्षेत्र के रायपुर गांव के अगड़ा किसान राम तीरथ वर्मा ने इस वर्ष मल्चिंग विधि का प्रयोग करते हुए टमाटर की फसल (खेती) कर दूसरे किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं ।इनकी कम लागत में रोग रहित खेती को देखने के लिए जिले ही नहीं बल्कि आसपास के जिले के किसान भी आते हैं । गांव निवासी किसान राम तीरथ वर्मा पिछले 20 साल से सब्जी की खेती करते चले आ रहे हैं । परंपरागत ढंग से सब्जी की खेती करने से इन्हें लागत निकलना भी मुश्किल पड़ जाता था । एक साल पहले सीमैप और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश मिश्र से मिलने के बाद वह इस वर्ष करीब 4 बीघे टमाटर के पौधे लगा रहे हैं । इससे अधिक पैदावार बढ़ाने के लिए लगने वाली संबंधित सामग्री खाद एवं पौध उन्होंने लखनऊ से मंगवाया है । इनका कहना है कि इससे पौध रोग रहित होते हैं । वहीं फसल की पतंगों से भी सुरक्षा मिलती है । इस विधि के प्रयोग से पौधे के आसपास खरपतवार नहीं होता है । जिससे रोग लगने की संभावना भी नहीं होती है । बताते हैं कि रोपाई कर पौधे को पारदर्शी पॉलिथीन से ढका जाता है । इस विशेष पॉलिथीन से फसल को प्रकाश संश्लेषण का पूरा लाभ मिलता है । कृषि वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश मिश्र ने बताया कि धूप और हवा पानी से पौधे को बढ़ावा पोषक तत्व मिलता रहता है । जिससे उत्पादन बढ़ता है । वह कहते हैं कि पौध लगने के बाद रोजाना इनकी देखभाल की बहुत जरूरत होती है।
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खेती -किसानी में नित नए प्रयोग हो रहे हैं । किसान भी अपनी आय बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक विधि को अपना रहे हैं । मोतिगरपुर ब्लॉक क्षेत्र के रायपुर गांव के अगड़ा किसान राम तीरथ वर्मा ने इस वर्ष मल्चिंग विधि का प्रयोग करते हुए टमाटर की फसल (खेती) कर दूसरे किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं ।इनकी कम लागत में रोग रहित खेती को देखने के लिए जिले ही नहीं बल्कि आसपास के जिले के किसान भी आते हैं । गांव निवासी किसान राम तीरथ वर्मा पिछले 20 साल से सब्जी की खेती करते चले आ रहे हैं । परंपरागत ढंग से सब्जी की खेती करने से इन्हें लागत निकलना भी मुश्किल पड़ जाता था । एक साल पहले सीमैप और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश मिश्र से मिलने के बाद वह इस वर्ष करीब 4 बीघे टमाटर के पौधे लगा रहे हैं । इससे अधिक पैदावार बढ़ाने के लिए लगने वाली संबंधित सामग्री खाद एवं पौध उन्होंने लखनऊ से मंगवाया है । इनका कहना है कि इससे पौध रोग रहित होते हैं । वहीं फसल की पतंगों से भी सुरक्षा मिलती है । इस विधि के प्रयोग से पौधे के आसपास खरपतवार नहीं होता है । जिससे रोग लगने की संभावना भी नहीं होती है । बताते हैं कि रोपाई कर पौधे को पारदर्शी पॉलिथीन से ढका जाता है । इस विशेष पॉलिथीन से फसल को प्रकाश संश्लेषण का पूरा लाभ मिलता है । कृषि वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश मिश्र ने बताया कि धूप और हवा पानी से पौधे को बढ़ावा पोषक तत्व मिलता रहता है । जिससे उत्पादन बढ़ता है । वह कहते हैं कि पौध लगने के बाद रोजाना इनकी देखभाल की बहुत जरूरत होती है।
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