आस्था या अंधविस्वास, गोवर्धन पूजा के दिन सोनभद्र में बीर लोरिक पत्थर की पूजा
##Astha ya #Andhvishwash #Veer lorik pathar ki puja
आज देश भले ही २१ वी शदी की बात करता हो लेकिन आस्था के नाम पर अभी भी हजारो -लाखो लोग पुरानी मान्यताओ से बाहर नही निकल पाए है | किसी भी पर्व में अलग - अलग जगहों पर अपनी मान्यताये होती है और इन्ही मान्यताओ में कुछ जगहों में पर्व के नाम पर अंधविश्वास ज्यादा देखा जा सकता है । ऐसा ही कुछ जनपद सोनभद्र में गोबर्धन पूजा के दिन देखा जा सकता है । दरसल गोवर्धन पूजा के दिन सोनभद्र में ना सिर्फ बीर लोरिक पत्थर की पूजा होती है बल्कि पुराने परम्पराओ के अनुसार यहा होता है गर्म दूध से स्नान मान्यता के अनुसार पुजारी व् जजमान द्वारा खौलते दूध से स्नान करने पर ही होता है लोगो का कल्याण होता है ।
##Astha ya #Andhvishwash #Veer lorik pathar ki puja
आज देश भले ही २१ वी शदी की बात करता हो लेकिन आस्था के नाम पर अभी भी हजारो -लाखो लोग पुरानी मान्यताओ से बाहर नही निकल पाए है | किसी भी पर्व में अलग - अलग जगहों पर अपनी मान्यताये होती है और इन्ही मान्यताओ में कुछ जगहों में पर्व के नाम पर अंधविश्वास ज्यादा देखा जा सकता है । ऐसा ही कुछ जनपद सोनभद्र में गोबर्धन पूजा के दिन देखा जा सकता है । दरसल गोवर्धन पूजा के दिन सोनभद्र में ना सिर्फ बीर लोरिक पत्थर की पूजा होती है बल्कि पुराने परम्पराओ के अनुसार यहा होता है गर्म दूध से स्नान मान्यता के अनुसार पुजारी व् जजमान द्वारा खौलते दूध से स्नान करने पर ही होता है लोगो का कल्याण होता है ।
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