पहले शराबबंदी की भरी हुंकार, फिर क्यों खामोश उमा दरबार ?

  • 2 years ago
मध्यप्रदेश में 10 साल के दिग्विजय सिंह के कार्यकाल को सत्ता से बेदखल कर बीजेपी को सत्ता में लाने का श्रेय उमा भारती को मिलता है, लेकिन बीजेपी की सरकार बनने के बाद जिस तरह से उमा को राजनीतिक से साइड लाइन किया गया, तो लगने लगा कि उमा फिर शायद अपनी पहचान खो बैठी हैं। अब राजनीति में शराबबंदी की मुहिन छेड़ कर जो पत्थर उन्होंने भोपाल की शराब दुकान पर मारा था। राजनीतिक पंडित उस पत्थर के कुछ और ही मायने निकाल रहे हैं। अब उमा भारती ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ देती दिखाई दे रही हैं। सियासी गलियारों में बुआ भतीजे के स्नेह के कसीदे काढ़े जा रहे हैं। देखना ये है कि पॉलीटिकल लाइमलाइट के लिए उमा भारती की छटपटाहट इस बार भी कहीं भारी तो नहीं पड़ेगी.

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