आनासागर झील में जलकुंभी अब भी बेकाबू
अजमेर. जलकुंभी निकालने के लिए गत पांच साल से चल रही डीविडिंग मशीन को आखिरकार मरम्मत के लिए गैराज ले जाना पड़ा। रविवार देर शाम मशीन को ट्रोले में लादकर परबतपुरा िस्थत वर्कशॉप भेजा गया। करीब एक पखवाड़े में इसे दुरुस्त कराकर झील में उतारे जाने की योजना है। मशीन का तला, चैन व बेयरिंग आदि बदले जाएंगे। पुरानी डीविडिंग मशीन के मरम्मत के लिए जाने के कारण अब जलकुंभी निकालने के लिए हाल ही में आई नई मशीन का आसरा है, हालांकि जलकुंभी की तेजी से वृदि्ध के कारण इस पर काबू पाना फिलहाल आसान नजर नहीं आ रहा।
अजमेर. जलकुंभी निकालने के लिए गत पांच साल से चल रही डीविडिंग मशीन को आखिरकार मरम्मत के लिए गैराज ले जाना पड़ा। रविवार देर शाम मशीन को ट्रोले में लादकर परबतपुरा िस्थत वर्कशॉप भेजा गया। करीब एक पखवाड़े में इसे दुरुस्त कराकर झील में उतारे जाने की योजना है। मशीन का तला, चैन व बेयरिंग आदि बदले जाएंगे। पुरानी डीविडिंग मशीन के मरम्मत के लिए जाने के कारण अब जलकुंभी निकालने के लिए हाल ही में आई नई मशीन का आसरा है, हालांकि जलकुंभी की तेजी से वृदि्ध के कारण इस पर काबू पाना फिलहाल आसान नजर नहीं आ रहा।
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