शारीरिक और मानसिक विकास के लिए स्वर्ण प्राशन आवश्यक

  • 2 months ago
प्रतापगढ़. राजकीय जिला आयुर्वेद चिकित्सालय स्थित आंचल प्रसूता केंद्र पर सोमवार को एक दिवसीय निशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 123 बच्चों को निशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार दवा पिलाई गई। शिविर का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना कर किया गया। इस अवसर पर डॉ. मनीषा मीणा प्रभारी आंचल प्रसूता केंद्र, नर्सिंग स्टाफ सोमेश्वर निनामा, रामकन्या रावत, कला मीणा, प्रतिभा जोशी, मोनिका शर्मा, परिचारक अरुण कुमार व्यास, सुनील निनामा इत्यादि चिकित्सालय स्टाफ मौजूद रहा। स्वर्ण प्राशन में ब्राह्मी, मधु, घृत सहित कई स्वास्थ्यवर्धक औषधि शामिल है। जो बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह शिशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उनका हर मौसम में स्वास्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है। आगामी स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर दिनांक सात जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
छोटीसादड़ी में 86 बच्चों ने गटकी दवा
करजू. यहां राजकीय आयुर्वेदिक औषद्यालय में निशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ भगवान धनवंतरी के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। शिविर के दौरान 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को निरूशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार पुष्य नक्षत्र में आयुर्वेद की मंत्रोपधि से करवाया गया। करजू राजकीय आयुर्वेदिक औषद्यालय के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेशचन्द्र रेगर ने स्वर्ण प्राशन संस्कार का महत्व बताया। कार्यक्रम का आयोजन बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास को सु²ढ़ करने के लिए प्रत्येक पुष्य नक्षत्र को किया जाता है। स्वर्ण प्राशन संस्कार बच्चों में होने वाली मौसमी बीमरियों से रक्षा करता है। इस डोज से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता, बौद्धिक क्षमता, एकाग्रता, ताकत एवं पाचन शक्ति बढती है। महामारी से बचाव के साथ-साथ बच्चे निरोगी रहते हैं। इस मौके पर आयुष नर्स वरदी गायरी, आयुष परिचारक प्रहलाद रेगर ने शिविर में सहयोग किया।

Recommended