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आमेट. नगर के धार्मिक उत्सवों में आषाढ़ शुक्ल द्वितीया रविवार का दिन एक छाप के रुप से अंकित हो गया। मौका था नगर में जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव का। कार्यक्रम में प्रातः भगवान जयसिंह श्याम के मंदिर में अभिषेक किया। 12 बजे आचार्यों के नेतृत्व में इंद्र महायज्ञ किया गया। फिर नगर के चारों दरवाजों का पूजन व खेड़ा देवत पूजन करने के बाद 3:30 बजे जगन्नाथ यात्रा शुरू हुई। महामंडलेश्वर सीताराम दास के सानिध्य में रथ पूजन कर ठाकुरजी को आरूढ़ किया। यात्रा में रथ के आगे महिलाएं सिर पर कलश धारण कर चल रही थीं। लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा से रथ यात्रा का स्वागत किया। रथ यात्रा जय सिंह श्याम मंदिर से शुरू होकर मुख्य मागोZं से होते हुए शाम 5 बजे पुनः मंदिर पहुंची। जहां यज्ञ पूर्णाहुति व महाआरती हुई। रथ यात्रा में संत हरिदास आड़ावाला आश्रम, संत रामदास बाहर का अखाड़ा, संत नंदादास त्यागी, नगरवासी उपस्थिति थे।

हाथ से रथ खींचने की लगी होड़
परंपरा के अनुसार जगन्नाथ पुरी में निकलने वाली रथ यात्रा में भगवान के रथ को हाथ से खींचा जाता है। उसी परंपरा के अनुसार नगर में पहली बार निकली रथ यात्रा में भगवान के विग्रह को रथ में बिठाया गया। फिर रथ को भक्तों द्वारा हाथ से खींचा गया। पहली बार निकली इस यात्रा में रथ को खींचने के लिए नगरवासियों में होड़ लगी रही। यात्रा में आए हर भक्त ने अपने हाथ से ठाकुरजी का रथ खींचकर सेवा दी।

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