Shaurya aur Suhani episode 35 last episode

  • 2 months ago
Transcript
00:00शोरे बेड़ा तुम्हें कैसे बता कि सुहाणी बस्ती ही गई होगी।
00:05क्योंकि मेरा मन कहता है, वापा.
00:07इतना तो सुहाणी को जान ही गया।
00:11सुहाणी बस्ती ही गई है, वापा.
00:13आप यहीं पर रुक्ये.
00:16मैं देखे आता हूँ.
00:30किड़े मकोडों से भर गया है यह घर.
01:01कोई नहीं, आप बात कर लेगा.
01:22क्या हुआ?
01:23कुछ कहना है तो अंदर आओ.
01:27क्या हुआ? यहाँ कोई तमाशा हो रहा है?
01:30मेरी माँने बोला कि आप राजखुमारी हो।
01:33नहीं, मैं कोई राजखुमारी नहीं।
01:36हमें पता है कि तुम सुहाणी हो।
01:39तुमें गलत पता है, ना मैं सुहाणी हूँ ना कोई राजखुमारी।
01:44भागो यहाँ से, जाओ, भागो।
01:48मैंने तो देखते ही कहा था कि यह राजखुमारी है, पर आप यहाँ क्या कर रही है?
01:53सरदार वीरसिन, शोर्या और बच्चे कहाँ हैं?
01:58राजखुमारी जी, आपको यहाँ देखकर हम लोग बहुत खुश हैं आज।
02:02खुशी तो मुझे हुई है यहाँ आकर, अपने घर वापस लटकर.
02:07इस तूटे घर में रहना की कोई सर्वत नहीं है, आओ मेरे साथ, मेरे घर पर.
02:12हाँ हाँ, हमारे घर चलिए, आप जब तक चाहें, तब तक यहाँ रह सकती हैं.
02:17हाँ हाँ, हमारे घर चलिए, आप जब तक चाहें, तब तक यहाँ रह सकती हैं.
02:20नहीं, अब मेरा बस एकी घर है, मेरे बाबा का घर.
02:25हाँ थोड़ा तूटा फूटा है, जोड़ना पड़ेगा, जैसे हर तूटी चीज़ जोड़नी पड़ती है.
02:31ऐसे कैसे है, हम यह सब ठीक कर लेंगे, अरे आप तो इस गाँव की बेटी हैं, आप क्यों तकलीफ कर रहे हैं?
02:37अरे नहीं, आप लोग, आप लोग कैसे...
02:40हमें ख़बर मिलिए, तुम सरदार वीर सिंग की बेटी हो, इसका मतलब पूरे गाँव की बेटी होई ना.
02:45अरे चलो चलो, हम घर ठीक करते हैं, चलो.
03:15अरे चलो, हम घर ठीक करते हैं, चलो.
03:45चलो.
04:03हाँ, तो तुम यहाँ पर हो?
04:06सबके, सब कितना बरुषान हो रहे हैं, वालों मैं.
04:08तो सबको भेज़ देते, तुम क्यूं आ आया?
04:11मैं क्यूं आ आया, ये भी ज्याना की बात है, शुहाणि.
04:15मैं तुम्हें यहाँ से ले जाने के लिए आया हूँ.
04:22तो अभी तक वो दर्बार वाली बात ले कर बैठी होई.
04:27सुहानी, मन में क्या है? कहो ना.
04:33अरे, कम से कम महल तो वापस चलो.
04:34नहीं चाहूँ.
04:36अब यही मेरा घर है.
04:38तुम्हारा घर यह नहीं, महल है.
04:40था, पर अब मुझे वो जिंदगी नहीं चाहिए.
04:46सुनेरी दिवारे, मखमली पलंग,
04:48हर तरफ दासीया दम घुटता है मेरा शौरी.
04:53अब मैं यही रहना चाहती हूँ.
04:55अपने पन और साद्की के बीच.
04:58जहाँ कोयल की कूँग से आखे खुले,
05:01जहाँ बारिश की भुंदों में लिखना नसीव हूँ.
05:04मैं खुली हवा में सास लेना चाहती हूँ, शौरी.
05:09शाम होते ही आकाश के बदलते रंगों को देखना चाहती हूँ.
05:13और रात हो तो चान तारों के नीचे सोना चाहती हूँ.
05:17दिल भरके गाना चाहती हूँ, जी भरके हसना चाहती हूँ, शौरी.
05:21सुहानी, अब ये कौन सा नया खेल शुरू कर दिया तुमने?
05:26मैं वहाँ पर इतनी मेहनत से एक राज्य चलाने की कोशिश कर रहा हूँ.
05:29और अगर तुम मुझे ये उल्जाय रखोगी, तो फिर...
05:31मैंने कहा था यहाँ आने के लिए.
05:35तुमें मेरा समय चाहिए.
05:37मैं तुमें पूरा समय...
05:38शौरी, राज महल तुम्हारा घर.
05:41लिकिन मैं यही किया, और अब यही मेरा घर.
05:48तो तुम नहीं चलोगी?
05:50शौरी, सुहाणी बिल्कुल ठीक कह रही है.
05:53मेरा घर भी यही है, मैं भी यही रहूंगी.
05:56हाँ शौरी, राज महल में भुजन का कोई मुकाबना नहीं.
06:00और घर की रोटी तो घर की रोटी है.
06:01तुम सब भी इसकी बातों में आ गए.
06:04तो फिर मैं अकेले वहाँ पर क्या करूँगा?
06:05शौरी, तुम्हें चुनना होगा.
06:08शौरी इस बस्ती में रहेगा या महराज उस महल में?
06:14सुहाणी, कैसे बच्चों जैसी बातें कर रही हो तुम?
06:18अब सुहाणी जहाँ रहना चाहती है, उसकी मलती.
06:21तुम्हें कुछ कहने की जरुत नहीं.
06:23मैं जानती हूँ तुमारा पैसला क्या है?
06:25कुछ नहीं जानती तुम.
06:28तुम्हें मैं यहाँ छोड़के नहीं जाने वाला.
06:31जब तक तुम यहाँ पर डडी रहोगी, मैं भी यहाँ से नहीं हिलूगा.
06:34देखते हैं कौन?
06:36तुम्हें कुछ नहीं जानती तुम.
06:39तुम्हें मैं यहाँ छोड़के नहीं जाने वाला.
06:42जब तक तुम यहाँ पर डडी रहोगी, मैं भी यहाँ से नहीं हिलूँगा.
06:45देखते हैं कौन?
06:47ठीक, देखते हैं कौन ज्यादा जिती है?
06:50महराज शौरे या बस्ती में रहने वाली सुहन?
06:54हाँ, तुम सबको भी देख लूगा मैं.
07:19चलो, सब लस्ती पी लो.
07:50इतनी मेंनत करने के बाद थंदी लसी.
07:58सुहाली लसी.
08:20शौरे, लसी पी लो. प्यास लगी होगे न?
08:25मुझे नहीं चाहिए तुम्हारे लसी, पुछ पी लो.
08:50अच्छा है.
08:58ले जाओ.
09:05महाराज, आपके विश्राम के लिए सब कुछ तैयार है.
09:20कड़ा पेरा रखना यहाँ पर. कोई दुबारा भागने नपाए.
09:24हाँ हाँ, रख दो पेरा. चाहो तो हाथ पाऊं में बेडिया भी डाल दू.
09:42आज बड़े दिनों बाद वोही खुश्बू, वोही अपना बिस्तर.
09:46आज नीन अच्छी आईगी.
10:16चट से पानी टपकता था, अबी देखने आया था कि टपक रहा हो तो सही करवा दो.
10:23अभी तो नहीं टपक रहा.
10:25हाँ.
10:34शौरे, छोड़ो मुझे.
10:36शौरे, मैंने कहा मुझे छोड़ो वन्ना.
10:39वन्ना, क्या करोंगी?
10:43हम तो इस देश के राजा है.
10:46मुझे तो पूरा हग बनता है.
10:52अच्छा, तो महराज घरीब गाँवालों की रसोईयों में लड़कियों को छेड़ते हैं?
10:59क्या? तुम्हारा मतलब कि तुम मुझे...
11:02अच्छा.
11:11मैं तो अपनी राणी को लेने आया था. चलो ना.
11:15यहाँ राणी कौन है?
11:17दिख रही है कोई तुम्हें, देवर और मुकट के साथ?
11:20सुहानी, देखो मेरे पास तुम्हें पहनाने के लिए सिर्फ एक ही ताज है.
11:26मेरे प्यार का.
11:27आप यह मत पूछना कि मैं तुमसे प्यार कितना करता हूँ, हाँ?
11:31जानती हूँ. अपने राजी से इतना काम.
11:35सुहानी, इतनी कठोर सजा तो मत दो. इतना प्यार थोड़ी...
11:40अरे, वो राज मेरी जिम्मेदारी है.
11:43तो निबालो जाकर. मैं ठीक हूँ यहाँ.
11:44अच्छा, तो फिर तुम नहीं मानोगी?
11:48नहीं जाओगी?
11:51ठीक है. फिर जा रहा हूँ मैं?
11:54जाओ.
11:57मैं? मैं जाओं?
12:00जाओ.
12:02ठीक है, ठीक है, जा रहा हूँ.
12:04अपने दिल पर पत्थार रखे.
12:06नहीं आओंगा दूसरी बार.
12:07आओगे भी न, तो मैं तुमसे नहीं मिलूंगे.
12:15नहीं मिलोगे?
12:19पक्का जाओं?
12:21हाँ, हाँ, ठीक है.
12:23जा, जा रहा हूँ.
12:37हाँ, हाँ, हाँ, हाँ.
13:07महाराज, महाराज.
13:15हो गया महाराज.
13:22महाँ बड़िया.
13:23महाराज, राजमेल से संदेस आ रहा है, कुछ मेहमान आपका इंतेसार कर रहे हैं.
13:28महाराज.
13:30हाँ, संदेस वेज़वा दो कि, हम भी आ रहे हैं.
13:35तब तक उनकी खातरदारे में कोई कमी ना हो.
13:37जी, महाराज.
13:38जाओ.
13:59महाराज.
14:29जी, महाराज.
14:59महाराज, ये है पुरे कलपी राज्यों और आसपास के राज्यों का नक्षा.
15:29काई?
15:30काई?
15:31काई?
15:59महाराज.
16:01हम बहुत गाओं के उत्सों के लिए चंदा मांगने आये हैं.
16:04पुर्निमा के दिन प्रेमियों का उत्सों मनाते हैं.
16:07उस दिन युवा जोडे विवाख करते हैं.
16:09हाँ, हाँ चाहिए.