सही ज्ञान मार्ग कैसे चुनें?

  • 2 months ago
विभिन्न धर्मो और पंथो को सुनकर मन मे दुविधा होती है की कौनसा ज्ञान मार्ग अपनाएं? ऐसे समय हमें कैसे निर्णय लेना चाहिए?
Transcript
00:00सत्या आत्मपुछ कैसा करना इसके बारे में जायते हैं?
00:26इसके लिए क्या है कि अभी इक क्या है कि मुझे सर ददय आयर्वित दवा किया दो दिन,
00:34बाद में थोड़ा हुम्योपथी खाया, एका टिकडी एलोपथी ले ली,
00:38थोड़ा नेचरोपथी किया, ऐसी दंजी नहीं खाने का, अरे भी एक साथ में मत करो,
00:43एक दो चार मेना आयर्वित का ट्रिट्मेंट करो, छे मेना, उसको बोलो कि थोड़ा फरक पड़ेगा,
00:48तो मैं दवा चालू रखोगा, नहीं तो मैं बंद कर दोगा,
00:51या तो फिर एक ओमियोपति पुरा चालू करो, एक कोर्स लो पुरा,
00:55तो हम क्या बताते हैं, यहाँ दो तीन मेना दादा भगवान का ज्यान लेके,
01:00तीन मेना तक आग्या पालंद करके देखो, कि न छे मेना चलेगा, कि तीन मेना चलेगा,
01:06छे मेना का टाइम चाहिए कि तीन मेना का, तीन मेना का ट्राइ करो, फोलो करो, हंडरेट परसंट,
01:14और बाद में लगता है कि कुछ फायदा हुआ, तो दवा चालू रखो, और नहीं फायदा हो, तो दूसरे डॉक्टर के पास चले जाना,
01:22हम तो बोलते हैं कि सब प्रकार के दर्द यहां नाश होते हैं, क्योंकि यह एगो ओस्पिटल है, सब प्रकार के अहंकार को डिजौल करने की दवा यहां मिलेगी, हंडरेट परसंट,
01:40और बाहर क्या है, यह छोड़ो, यह शरू करो, तो करना पड़ेगा, ध्यान करो, मंत्र करो, जाप करो, पाठ करो, इतना उपवास करो, एकादर्शी करो, आयंबिल करो, करना पड़ेगा, और करना है, वहां ही एगोईजम है, और एगोईजम है, वहां तक पूरी मुक
02:10शुधा आत्मा हो, और ये शुधा आत्मा की जागरति में रहो, कनुभाई जुदा है, तो फिर
02:15कनुभाई को कुछ भी सुख, दुख आएगा, आपको टच नहीं होगा, और ये जागरती से
02:20नए कर्मो बंदन भी नहीं होते, कनुभाई डिस्चार्ज है, कर्मा फल भुगत के, मुक्त होते जाएंगे आप.