बारिश में चिड़िया की परेशानी । Jungle me Barish ki kahani | Hindi Cartoon | Chidiya aur kauwa Kahani
बरसात में चिड़िया की परेशानी । Jungle me Barish ki kahani | Hindi Cartoon | Chidiya aur kauwa Kahani
Cartoon Hindi | Cartoon Chidiya | Chidiya Kahani | Hindi kahaniyan | Jungle Buddies
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00:00जंगल में अभी जोरदार बारिश शुरू है।
00:02लाडो के दोनों बेटे
00:04खिर्की से बाहर बारिश को देख रहे थे।
00:06तभी अचानक जोर से बिजली गिरने की आवाज आती है।
00:08बच्चे आवाज से डर जाते हैं
00:10और अपनी मा के पास आ जाते हैं।
00:12जंगल में अभी जोरदार बारिश शुरू है।
00:14लाडो के दोनों बेटे
00:16खिर्की से बाहर बारिश को देख रहे थे।
00:18तभी अचानक जोर से बिजली गिरने की आवाज आती है।
00:20बच्चे आवाज से डर जाते हैं।
00:22और अपनी मा के पास आ जाते हैं।
00:24बच्चे आवाज से डर जाते हैं।
00:26और अपनी मा के पास आ जाते हैं।
00:28डरो मत बच्चो,
00:30मैं हूँ ना तुम्हारे साथ।
00:32मा, ये इतनी जोर से
00:34आस्मान में क्या चमक रहा था।
00:36और उसकी आवाज भी
00:38कितनी जादा तेज़ थी।
00:40बच्चो,
00:42वो बिजली किरने की आवाज थी।
00:44जब आस्मान में बादल
00:46जोर से एक तूसरे से टकराते हैं।
00:48तब ऐसी आवाजे आती हैं।
00:50अच्छा,
00:52ऐसी बात है।
00:54लेकिन मा,
00:56हमें इस आवाज से बहुत डर लग रहा है।
01:00डरो मत बच्चो,
01:02इस से हमें कुछ भी नहीं होगा।
01:04बस तुम बाहर मत जाना।
01:06मा,
01:08पापा कब आएंगे।
01:10अरे बच्चो,
01:12पापा हमारे लिए आनाज लाने के लिए बाहर गये हैं।
01:14वो आती ही होंगे।
01:16तुम चिंता मत करो।
01:18अजी आप कहाँ पर हो।
01:20बहुत देर हो गयी है।
01:22आप अभी तक घर नहीं आए।
01:24लाडो अपने बच्चो को
01:26जैसे तैसे करके समझा रही थी।
01:28दो दिन से लगातार
01:30तेज बारी शुरू है।
01:32पता नहीं ये बारिष कब रुकेगी।
01:34मैंने घर में जो आनाज
01:36जमा करके रखा है,
01:38अब वो भी खतम हो रहा है।
01:40जब बारिष रुक जाएगी,
01:42तबी मैं बाहर आनाज राने के लिए जा पाऊंगी।
01:44लाडो मन ही
01:46मन सोच विचार करने लगी।
01:48तबी लाडो चिरिया की नजर
01:50गोसले की छट की तरफ चाती है।
01:52उसने देखा की
01:54बारिष का सारा पानी
01:56सीधे गोसले में चमा होने लगता है।
01:58लाडो एक सेकन का भी वक्त न गवाते हुए,
02:00बच्चो को लेकर गोसले से बाहर आ जाएगी।
02:02बारिष का सारा पानी
02:04सीधे गोसले में चमा होने लगता है।
02:06बारिष का सारा पानी
02:08सीधे गोसले में चमा होने लगता है।
02:10लाडो एक सेकन का भी वक्त न गवाते हुए,
02:12बच्चो को लेकर गोसले से बाहर आ जाएगी।
02:14बारिष का सारा पानी
02:16सीधे गोसले में चमा होने लगता है।
02:18लाडो एक सेकन का भी वक्त न गवाते हुए,
02:20बच्चो को लेकर गोसले से बाहर आ जाएगी।
02:22बारिष का सारा पानी
02:24सीधे गोसले में चमा होने लगता है।
02:26लाडो एक सेकन का भी वक्त न गवाते हुए,
02:28बच्चो को लेकर गोसले से बाहर आ जाएगी।
02:30वैसे ही गोसला नीचे धडाम से गिर जाता है।
02:34अरे बापरे, अब मैं क्या करूँ?
02:37इतनी तेज बारिष में
02:39मैं मेरे बच्चो को लेकर कहाँ पर जाओं।
02:42रानो, बुल-बुल और मीनु मौसी,
02:45अपने-अपने गोसले की खिर्की से
02:47लाडो को देख रहे थे,
02:49लेकिन कोई भी उसकी मदद करने के लिए बाहर नहीं आया।
02:53कालू का भी गोसला पास में ही था।
02:57अरे ये कैसी आवास थी?
03:00जैसे ही कालू ने अपने खिर्की से बाहर जाक कर देखा,
03:04उसने देखा कि लाडो का गोसला नीचे जमीन पर गिर गया है,
03:08और लाडो अपने दोनों बच्चों को लेकर
03:11नीचे एक पेड की टेहनी पर बैटी हुई है।
03:14अरे ये कैसे हो गया?
03:17लगता है तेज बारिज की वज़े से लाडो का गोसला तूट गया,
03:21मुझे जाकर उसकी मदद करनी होगी।
03:24गोरी कवी भी ये सब खिर्की से देख रही थी।
03:27ऐहेहेहे, बड़े आये मदद करने वाले,
03:31कोई जरूरत नहीं है उसकी मदद करने की,
03:34उसे अपना गोसला पहले ही पका कर लेना चाहिए था।
03:39कोरी, तुम ऐसा कैसे बोल सकती हो?
03:42बारिश तो कभी भी आ सकती है,
03:44वो हमारे हात में नहीं है,
03:46कभी भी किसी के भी साथ ऐसा हो सकता है,
03:49हमारे साथ भी।
03:51क्या तुम्हें याद है,
03:52जब हमारा घर नहीं था,
03:54और तेज बारिश हो रही थी,
03:56हम लाडो से मदद माँगने के लिए उसके घर गए थे,
04:00लाडो, अरे ओ लाडो, दरवाजा खोलो,
04:04हम मुसीबत में हैं,
04:06कौन है?
04:07अरे मैं हूँ, कालू,
04:11अरे कालू भीया, आप यहाँ पर कैसे?
04:14लाडो, बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है,
04:18हमारे गोसले में पहुत पानी आ रहा है,
04:20क्या तुम बारिश रुकने तक हमें तुमारे घर में पना दोगी?
04:24हाँ कालू भीया, अंदर आये,
04:27तब तो तुम बिना सोच विचार किये अंदर चली गई थी,
04:30और तब तो तुमने कुछ भी नहीं कहा,
04:33आज जब हमें उसकी मदद करने का मौका मिल रहा है,
04:36तो तुम मुझे मना कर रही हो, हटो, मुझे जाने दो,
04:40हाँ हाँ, मेरी तो कोई सुनता भी नहीं,
04:44उसे अंदर लेकर इस घर को भी आप गिरा दोगे,
04:48कालू बाहर जाने के लिए,
04:50गोसले का दर्वाजा खोलने लगता है,
04:53लेकिन दर्वाजा नहीं खुलता,
04:54अरे, ये दर्वाजा क्यों नहीं खुल रहा,
04:57शायद बारिश के कारण ये फूलकर जाम हो गया है,
05:02अब मेरा मुझ क्या देख रही हो,
05:04दर्वाजा खोलने में मेरी मदद करो,
05:07ओई माँ मर गई रे
05:10मेरे हाद पेर तो बहुत दर्ध कर रहे हैं
05:14मैं तो चली सोने
05:16डुगू बेटा आओ मेरे पास
05:19आज तुम अपने मा के पास सोगे
05:22पापा के पास नहीं सोगे
05:24हाँ मम्मी मैं तुमारे पास ही सोंगा
05:28गोरी तुम मेरी मदद ना करके ठीक नहीं कर रही
05:34अरे लाडो ये कैसे हो गया
05:37तुम सब ठीक तो होना
05:39क्या बताऊ बल्लू जी
05:41हमने इतना अच्छा और पक्का गोसला बनाया था
05:45लेकिन बता नहीं ये कैसे तूट गया
05:49जब गोसले की आदी छट गिर गई
05:52तब ही मैं बच्चो को लेकर बाहर आ गई
05:55और थोड़ी ही देर में पूरा गोसला नीचे गिर गया
05:58तुम चिंता मत करो लाडो
06:00अब मैं आ गया हूना
06:02बारिश रुखने तक हम किसी से मदद मांग लेते हैं
06:06लाडो और उसका परिवार मदद मांगने के लिए
06:09पहले बुल-बुल चिरिया के गोसले के बाहर आ जाते है
06:13लाडो घर का दर्वाजा खट-खट आती है
06:16बुल-बुल अरे ओ बुल-बुल जल्दी से दर्वाजा खोलो
06:21बुल-बुल चिरिया जान बुचकर बिना गोसले का दर्वाजा खोलते हुए
06:26खिरिकी से है लाडो से बात करती है
06:29क्या है लाडो?
06:31लाडो सारी बाते बुल-बुल को बता देती है
06:35मुझे माफ कर दो लाडो
06:38मैं तुम्हे गोसले के अंदर आने देती
06:40लेकिन वो क्या है ना?
06:42इनकी तब्यत खराब है
06:44अगर मैंने तुम सब को अंदर ले लिया
06:47तो इनकी बिमारी तुम सब को लग जाएगी
06:50इसलिए तुम कोई और घर देख लो
06:53तुम एक काम क्यों नहीं करती?
06:55तुम रानो चिरिया के घर चली जाओ
06:58वो तुमारी जरूर मदद करेगी
07:01ठीक है
07:03लाडो और उसका परिवार वहाँ से निकल कर
07:06रानो के गोसले के पास आ जाते हैं
07:09रानो भी बिमारी का जूता बहाना बना कर
07:12लाडो को मीनू मौसी के यहाँ पर जाने के लिए केती है
07:15बेचारा लाडो का परिवार
07:18बारिश में भीकते हुए
07:20मीनू मौसी के गोसले के पास आ जाते हुए
07:23लाडो दरवाज़ा खट-खट हती है
07:26लेकिन मीनू मौसी सुन कर भी अन्सुना कर द�
07:30लाडो बहुत तेर तक दर्वाज्जा खट-खट हथी रही
07:34लेकिन मीनू मौसी ने दरवाज़ा नहीं ख़ूला
07:37लगता है मोसी सो रही है। उन्हें हमारी आवाज नहीं आ रही।
07:43लाडो परिशान हो जाती है।
07:46अब हमारी आखरी उमीद कालू भाईया है।
07:50चलो बच्चो, हम उनके पास चलते हैं।
07:53बड़े आये मेरे घर में रहने वाले।
07:57अगर मैंने इनको रहने के लिए जगा दे दी,
08:00तो बारिश रुपने तक और खुद का गोसला तयार होने तब यह यहां से नहीं हिलेंगे।
08:06और यह दो बदमाश बच्चे मेरा पूरा घर खराब कर देंगे।
08:12अच्छा हुआ मैंने दरवाजा नहीं खोला।
08:16सारे वहाँ से निकल कर कालू के घर के पास आ जाते हैं।
08:20कालू जी, जल्दी से दरवाजा खोलिये, हम सब मुसीबत में हैं।
08:25अरे बल्लू जी, मैं बहुत देर से दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहा हूं,
08:29लेकिन ये नहीं खुल रहा, बारिश की वज़े से ये फूल गया है।
08:34सोनू मोनू, तुम चिंता मत करू, मैं और पापा है न तुमारे साथ।
08:40तुम दोनों एक काम करो, मेरे पंखो के नीचे आ जाओ।
08:44गोरी तुम इतना कथोर कैसे हो सकती हो, ये कोई टाइम है सोने का, बाहर लाडो और उसका परिवार मुसीबत में है, वो भीग रहे हैं, और तुम हो की कंबल ओड कर सो रही हो, उठो और दरवाजा खोलने में मेरी मदद करो।
09:06मैं कोई मदद नहीं करने वाली, अगर तुम फिर से मुझे नीन से उठाओगे, तो कल सुबह होते ही मैं मेरे माई के चली जाओंगी।
09:15कालू मन ही मन बात कर रहा था, अब मैं क्या करूँ, लाडो ने उस समय मेरी मदद की थी, लेकिन अब जब मेरा उसे मदद करने का समय आ गया है, तो मैं उसकी मदद नहीं कर पा रहा।
09:28तभी अचानक जोर से बिजली गिरने की आवाज आती है, और उसके भी गोसली की झट नीचे गिर जाती है, कालू कौवा गोसले के बाहर गिर जाता है, गोरी और डुग्गू अंदर फस जाते है, लाडो, बल्लू और सोनो मोनु ये सब देख रहे थे,
09:50सोनो मोनु तुम यही पर ही रुको।
09:52लाडो और बल्लू जल्दी से कालू के पास आ जाते हैं, और फसे हुए गोरी और डुग्गू को निकालने की कोशिश करते हैं, जैसे तैसे करके वो दोनों को बाहर निकाल लेते हैं, गोरी और डुग्गू को गहरी चोटी आयी थी, गोरी को अपने किये पर पच्चताव
10:22इसी वज़े से उपरवाले ने मुझे यही सिजा दे दी, ये सब नजारा देखकर राणो, बुल्बुल और मीनो मौसी भी बाहर आ जाती हैं,
10:31लाडो हमें भी माफ कर दो, तुम सब बारिश रुखने तक मेरे गुसले में रहने के लिए आ जाओ,
10:38सारे मिलकर लाडो और कालू के घर को फिर से बनाने में मदद करते हैं, और सब हसी-खुशी रहने लगते हैं,
10:47तो दोस्तों, इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है, कभी भी किसी के बूरे वक्त में उस पर हसना नहीं चाहिए,
10:55तो दोस्तों, कैसे लगे आपको हमारी ये बारिश की कहानी, हमें कमेंट्स में जरूर बताना, और स्टोरी अच्छी लगे तो लाइक और शेयर जरूर कर देना,