हिण्डौनसिटी. बड़े आकार के लिहाज से प्रदेश की ख्यात बावडियों में शुमार जच्चा की बावड़ी प्राचीन स्थापत्य को सजोए हुए है। करीब 7 शताब्दी पुरानी बावड़ी की सारसंभाल के लिए समुचित संरक्षण की दरकार है। खरेंटा रोड स्थित जच्चा की बावड़ी का अमृत योजना के तहत सौंदर्यीकरण किया गया, लेकिन 52 लाख का बजट सफाई और रंगाई पुुताई में सिमट गया। योजना की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं होने से 9 माह में ही धरोहर पर अस्तित्व का संकट गहरा गया है।
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