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मौजूदा समय में गुरुकुल में भेजने की संख्या घटी - गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने ऋषि मेले का किया उद्घाटन

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अजमेर. वर्तमान समय में बच्चों को गुरुकुल में भेजने की संख्या घटी है। भाषण-ड्रामे से काम नहीं चलेगा। स्वामी दयानंद ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त कर अंधकार से बाहर निकाला। गुरुकुल का महत्व तो आजादी के आंदोलन काल से है। अंग्रेजों से मुकाबले के लिए तब गुरुकुलों में ही युवा तैयार किए जाते थे।

यह बात गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शुक्रवार को यहां तीन दिवसीय ऋषि मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद की विचारधारा के प्रचार के लिए युवाओं की सोच बदलनी होगी। स्वामीजी के साहित्य से संस्कृति की रक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संतान धनार्जन या माता-पिता की सेवा में ही लगी रहती है। ऐसे में समर्पित भाव से युवाओं को वैदिक शिक्षा देकर आर्यसमाज के प्रचार का बीड़ा लेना होगा।

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