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खरमास के संपूर्ण जानकारी खरमास कब है खरमास में क्या करना है

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00:00देवुथाओनेकादसी से सारे शूब्यकाम प्रारम्भ हो गयेये थे
00:05लेकिन फिर से एक महने के लिए शूब्यकाम बन्ध हो जाएँगे
00:11क्यूनकि खरमास प्रारम्भ हो रहे हैं
00:14और खरमास में कोई भी सूप काम नहीं किया जाता
00:18पर क्यों?
00:19आईए जानते हम अपने इस प्रस्थूती में
00:22नमस्ते दोस्तों, मैं नूतन, नूतन पांड़े
00:26हमारे यूटूब चैनल पे आपका हारदिक स्वागत है
00:29तो आईए आज हम अपने इस प्रस्थूती में
00:32खरमास के बाड़े में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं
00:36जैसे की खरमास क्या है, यह क्यों होता है,
00:40खरमास कब से कब तक रहेगा
00:43और सबसे जरूरी एवं खास बात की
00:46खरमास में कोई भी शुब काम क्यों नहीं करना चाहिए
00:50तथा ऐसे कौन-कौन से काम है जो खरमास में करना चाहिए
00:55एवं कौन-कौन से ऐसे काम है जो खरमास में नहीं करना चाहिए
01:01इन सभी की जणकारी हम अपने इस प्रस्थूती में प्राप्त करेंगे
01:06खरमास अगहन महने में प्रारंब होते हैं
01:10और अगहन महने को मार्गशिस महना भी कहा जाता है
01:14तथा खरमास को मले मास भी कहते हैं
01:18खरमास की प्रारंब तब होता है
01:21जब सूर्जिदेव बृसिक राशी से निकल कर धनू राशी में प्रवेश करते हैं
01:27तब से खरमास प्रारंब हो जाता है
01:31और जब सूर्जिदेव धनू राशी से निकल कर मकर राशी में प्रवेश करते हैं
01:36तब खरमास शमाप्त हो जाता है
01:39अरथात मकर संक्रांति को खरमास शमाप्त हो जाते हैं
01:44और खरमास के समाप्त होने पर ही सारे शुभगां प्रारंब हो जाते हैं
01:49अरथात मकर संक्रांति से सारे शुभगां प्रारंब हो जाते हैं
01:54वैसे तो सूर्जिदेव पूरे साल में 12 राशियों में प्रवेश करते हैं
02:00और साल में 12 शंक्रांति आते हैं
02:05यानि कि हर महिने शंक्रांति होते हैं
02:08इसी प्रकार पूरे साल में 2 बार खरमास आते हैं
02:13पहला खरमास जब सूर्जिदेव कुंब राशी से निकल कर मीन राशी में प्रवेश करते हैं तब प्रारंब होते हैं
02:21और दूसरा खरमास जब सूर्जदेव बृशिक राशी से निकल कर धनू राशी में आते हैं तब प्रारंब होते हैं
02:29अरथात जब सूर्जदेव बृशिक राशी से निकल कर धनू राशी में आते हैं तब खरमास प्रारंब होता है
02:37जब सूर्जदेव अपने गुरू के पास होते हैं तो वह अपने गुरू की सेवा में लग जाते हैं जिस कारण उनका प्रभाव कम हो जाता है और इसलिए इस समय दूसरा खरमास जब सूर्जदेव बृशिक राशी से निकल कर धनू राशी में आते हैं तब खरमास प्रा
03:07कोई भी शुब कार्य नहीं किया जाता है और ऐसा भी माना जाता है कि गुरू ब्रहस्पति का भी बल इस समय कमजूर हो जाता है और कोई भी शुब काम करने के लिए सूर्जदेव के साथ साथ गुरू ब्रहस्पति दोनों का ही शुब इस्थिती में होना ज़रूरी होते ह
03:37हैं दूसरा खरमाश 16 दिसमबर सनीवार को शाम के 3 वज़कर 58 मिनट से प्रारंब हो जाएंगे
03:47क्योंकि इसी समय सूर्जदेव बृसिक राशी से निकल कर धनू राशी में प्रबेश करेंगे
03:54और तब से ही खरमाश प्रारंब हो जाएंगे
03:59पूरे एक मिने तक चलते हैं और इस दोड़ान कोई भी शुग काल जैसे साधी, विवाह, जेनो, मुंदन, ग्रिः प्रबेश या कोई नया बेपार या रोजगार का प्रारंब करना हो
04:14कोई भी नया कारोवार या बेपार एबं, दुकान या कोई भी शुग काल इस समय नहीं किया जाता
04:22खरमाश का समापन 14 जनवरी 2024 को हो जाएगा
04:28अर्थात मकर जंकरांती के दिन खरमाश का समापन हो जाएगा
04:33और उसी दिन से सारे शुग काल प्रारंब हो जाते हैं
04:38इस प्रकार खरमाश में कोई भी शुग काल नहीं किया जाता
04:42माश के समय पूजा पाथ का विशेश महत होता है
04:46इसी लिए इस समय पूजा पाथ एबं धार्मी कार्ज किये जाते हैं
04:52साथ ही धार्मिक पुस्तग जैसे भागवत, गीता, रमाईन आधी धार्मिक ग्रंथों की अध्यन का इस समय विशेश महत है
05:05तो इस प्रकार हमने जाना कि खरमाश क्यों होते हैं
05:09खरमाश कितने दिन तक रहते हैं
05:12और खरमाश के समय हमें कौन-कौन से काम करने चाहिए एबं कौन-कौन से कार्ज नहीं करने चाहिए
05:19उमीद करती हूँ कि आप सबको यह जानकारी अच्छी लगी हो
05:24अगर जानकारी अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक सियर एबं चैनल को सस्क्राव कर लेगा
05:30मिलते हम आप से अपने अगली वीडियो में तक तक के लिए धन्यवाद राधे राधे

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