सवाईमाधोपुर. राज्य सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से भले ही सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत नौनिहालों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के दावे किए जा रहे हो मगर जिले के सरकारी स्कूलों के हालात इसके विपरीत है। ऐसी ही एक योजना पहली से आठवीं कक्षा में अध्ययनरत स्कूली बच्चों को मोटा अनाज देने की चलाई गई थी। मगर सरकार सरकार की अनदेखी से योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ रही है।
जिले में पहली से आठवीं कक्षा तक कुल 693 विद्यालय संचालित है। इनमें वर्तमान में 1 हजार 57 हजार 31 बालक-बालिकाएं अध्ययनरत है। ऐसे में जिले में डेढ़ लाख से अधिक मोटा अनाज से वंचित है।
निर्णय नहीं ले पा रही सरकार
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को मोटा अनाज देना है या दूध। इसी उलझन के भंवर में सरकार फंसी है। अभी तक इस बारे में निर्णय ही नहीं ले पा रही है। इससे जिले में कक्षा 1 से 8वीं तक के 1 लाख 57 हजार बच्चे पोषण आहार से दूर हैं। न तो उन्हें अभी तक दूध दिया जा रहा और न ही मोटे अनाज का वितरण किया गया। उधर, गत दिनों शिक्षामंत्री के बयान के बाद से ही दूध का वितरण स्कूलों में बंद है। वहीं बच्चों को मोटे अनाज देने का निर्णय किया था।
पौष्टिक अनाज देने का विचार भी अधर में
प्रदेश में नई बनी सरकार ने बाल गोपाल योजना दूध की समीक्षा करते हुए पहले बच्चों को पोष्टिक अनाज देने को लेकर मानस बनाया। लेकिन कई महीने तक इसे नहीं दिया। इसके बाद सरकार ने पहले की तरह दूध पाउडर देने का निर्णय किया था लेकिन जुलाई माह से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र के बाद अब तक न तो सरकार ने दूध उपलब्ध कराया है और न ही मोटा अनाज। इसका खामियाजा नौनिहाल भुगत रहे हैं।
बच्चे सात माह से पोषण आहार से दूर
कांग्रेस सरकार के समय 2022 में शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना के तहत स्कूलों में कक्षा 1 से 5वीं और 6 से 8वीं तक के बच्चों को दूध पाउडर दिया जाता था। लेकिन प्रदेश में नई सरकार गठन होने के बाद बाल गोपाल दूध योजना का नाम बदल कर पन्नाधाय बाल गोपाल दूध योजना कर दिया था। इससे पिछले 7 माह से बच्चे पोषण आहार से दूर हैं।
फैक्ट फाइल...
-जिले में पहली से बारहवीं तक संचालित सरकारी स्कूल-1045
-जिले में प्राथमिक व उप्रावि-693
-प्राथमिक स्कूलों की संख्या-411
-उच्च प्राथमिक विद्यालय-282
-पहली से आठवीं कक्षा तक बच्चों की संख्या- 1 हजार 57 हजार 31
इनका कहना है...
सरकारी स्कूलों में मोटे अनाज के संबंध में अब तक आदेश नहीं आए है। आदेश आने के बाद ही स्कूलों में मोटे अनाज का वितरण होगा। सरकार से स्कूलों में दूध पाउडर देने के प्रस्ताव मांगे थे, जो हमने भेज दिए है।
लोकेश कुमार, मीड-डे-मिल प्रभारी, सवाईमाधोपुर
जिले में पहली से आठवीं कक्षा तक कुल 693 विद्यालय संचालित है। इनमें वर्तमान में 1 हजार 57 हजार 31 बालक-बालिकाएं अध्ययनरत है। ऐसे में जिले में डेढ़ लाख से अधिक मोटा अनाज से वंचित है।
निर्णय नहीं ले पा रही सरकार
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को मोटा अनाज देना है या दूध। इसी उलझन के भंवर में सरकार फंसी है। अभी तक इस बारे में निर्णय ही नहीं ले पा रही है। इससे जिले में कक्षा 1 से 8वीं तक के 1 लाख 57 हजार बच्चे पोषण आहार से दूर हैं। न तो उन्हें अभी तक दूध दिया जा रहा और न ही मोटे अनाज का वितरण किया गया। उधर, गत दिनों शिक्षामंत्री के बयान के बाद से ही दूध का वितरण स्कूलों में बंद है। वहीं बच्चों को मोटे अनाज देने का निर्णय किया था।
पौष्टिक अनाज देने का विचार भी अधर में
प्रदेश में नई बनी सरकार ने बाल गोपाल योजना दूध की समीक्षा करते हुए पहले बच्चों को पोष्टिक अनाज देने को लेकर मानस बनाया। लेकिन कई महीने तक इसे नहीं दिया। इसके बाद सरकार ने पहले की तरह दूध पाउडर देने का निर्णय किया था लेकिन जुलाई माह से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र के बाद अब तक न तो सरकार ने दूध उपलब्ध कराया है और न ही मोटा अनाज। इसका खामियाजा नौनिहाल भुगत रहे हैं।
बच्चे सात माह से पोषण आहार से दूर
कांग्रेस सरकार के समय 2022 में शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना के तहत स्कूलों में कक्षा 1 से 5वीं और 6 से 8वीं तक के बच्चों को दूध पाउडर दिया जाता था। लेकिन प्रदेश में नई सरकार गठन होने के बाद बाल गोपाल दूध योजना का नाम बदल कर पन्नाधाय बाल गोपाल दूध योजना कर दिया था। इससे पिछले 7 माह से बच्चे पोषण आहार से दूर हैं।
फैक्ट फाइल...
-जिले में पहली से बारहवीं तक संचालित सरकारी स्कूल-1045
-जिले में प्राथमिक व उप्रावि-693
-प्राथमिक स्कूलों की संख्या-411
-उच्च प्राथमिक विद्यालय-282
-पहली से आठवीं कक्षा तक बच्चों की संख्या- 1 हजार 57 हजार 31
इनका कहना है...
सरकारी स्कूलों में मोटे अनाज के संबंध में अब तक आदेश नहीं आए है। आदेश आने के बाद ही स्कूलों में मोटे अनाज का वितरण होगा। सरकार से स्कूलों में दूध पाउडर देने के प्रस्ताव मांगे थे, जो हमने भेज दिए है।
लोकेश कुमार, मीड-डे-मिल प्रभारी, सवाईमाधोपुर
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